क्या फाइबर फूड्स से घटता है कोलेस्ट्रॉल लेवल : ये 10 चीजें खाने से बैड कोलेस्ट्रॉल घटेगा और बढ़ेगा गुड कोलेस्ट्रॉल…!!

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इंडियन डाइटरी एसोसिएशन की गाइडलाइन है कि एक वयस्क व्यक्ति को दिन में कम-से-कम 30 ग्राम फाइबर खाना चाहिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक पूरी दुनिया में इस वक्त करीब 20 करोड़ लोग कोरोनरी हार्ट डिजीज से पीड़ित हैं। यह बीमारी हर साल करीब पौने दो करोड़ लोगों की मौत का कारण बन रही है।

ब्लू जोन डाइटरी लाइफ स्टाइल पर शोध करने वाले रिसर्चर्स ने जब यह देखा कि उन जगहों पर हार्ट डिजीज के केसेज बिलकुल शून्य हैं तो जाहिर कारणों से उनके मन में यह सवाल उठा कि क्या इसकी वजह उनका भोजन यानी खानपान है।

यह एक हाइपोथिसिस थी कि फाइबर संभवत: कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और कोलेस्ट्रॉल कम होने से हार्ट डिजीज का रिस्क भी कम होता है। इसके बाद इस विषय पर कई स्टडीज हुईं।

वो स्टडीज क्या कहती हैं, क्या सचमुच फाइबर खाने से कोलेस्ट्रॉल कम होता है, ऐसे ही कुछ सवालों पर आज बात करेंगे ‘सेहतनामा’ में। साथ ही जानेंगे कि-

  • कोलेस्ट्रॉल को कैसे कम किया जा सकता है?
  • फाइबर रिच फूड्स की इसमें क्या भूमिका है?
  • इसके लिए हमें खाने में क्या शामिल करना चाहिए?

कोलेस्ट्रॉल क्या होता है?

कोलेस्ट्रॉल हमारे लिवर द्वारा प्राकृतिक तरीके से बनाया गया पदार्थ है, जो शरीर के कामकाज के लिए बेहद जरूरी भी है। इसे आसान भाषा में ग्राफिक में समझते हैं।

कोलेस्ट्रॉल ब्लड वेसल्स में सीधे ब्लड के साथ ट्रैवल नहीं करता है क्योंकि फैट और पानी का केमिकल फॉर्मूला उन्हें आपस में मिलने नहीं देता है। यही वजह है कि हमारा लिवर लिपोप्रोटीन बनाता है। फिर यह लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल को ब्लड स्ट्रीम में साथ लेकर ट्रैवल करता है।

कोलेस्ट्रॉल 2 तरह का होता है-

  • LDL कोलेस्ट्रॉल
  • HDL कोलेस्ट्रॉल

LDL कोलेस्ट्रॉल: LDL का पूरा नाम है लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन। इसे खराब कोलेस्ट्रॉल भी कहते हैं। अगर हमारे खून में LDL बढ़ जाए तो यह ब्लड वेसल्स में जमा होने लगता है। इस कंडीशन को प्लाक कहते हैं। ब्लड वेसल्स में बने प्लाक की वजह से खून की आवाजाही में मुश्किल होने लगती है। इससे कार्डियोवस्कुलर डिजीज का खतरा बढ़ता है। सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, हमारे LDL कोलेस्ट्रॉल का लेवल 100 mg/dL से कम ही रहना चाहिए। इससे ज्यादा होना खतरनाक है।

HDL कोलेस्ट्रॉल: HDL का पूरा नाम है हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन। इसे हेल्दी कोलेस्ट्रॉल भी कहते हैं। यह हमारी ब्लड वेसल्स से LDL कोलेस्ट्रॉल को साफ करने में मदद करता है। असल में यह LDL को वापस लिवर में भेज देता है, जहां उसे खत्म कर दिया जाता है। इससे हार्ट हेल्थ बेहतर बनी रहती है। सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, हमें स्वस्थ रहने के लिए कोशिश करनी चाहिए कि HDL कोलेस्ट्रॉस 60 mg/dL या इससे ज्यादा बना रहे।

हमारा टोटल कोलेस्ट्रॉल लेवल 200 से कम होना चाहिए।

फाइबर और कोलेस्ट्रॉल पर हेल्थ रिसर्च

वर्ष 2019 में प्रतिष्ठित हेल्थ जर्नल लैंसेट में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक फाइबर बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। इतना ही नहीं, इससे हार्ट अटैक का रिस्क भी कम होता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित 2020 की एक स्टडी के मुताबिक फाइबर इंटेक कोलेस्ट्रॉल को कम करता है।

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक, कार्डियोवस्कुलर डिजीज के पीछे हाई कोलेस्ट्रॉल एक बड़ा कारण है। कोलेस्ट्रॉल के साथ एक समस्या ये भी है कि जब तक यह खतरे की सीमा पार नहीं कर जाता है, तब तक इसके कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं।

इसलिए जरूरी है कि हमारा खानपान ही कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रण में रखे। एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस मामले में फाइबर रिच फूड्स काफी कारगर साबित होते हैं।

फाइबर खाने से कैसे कम होता है कोलेस्ट्रॉल?

पहले तो यह समझते हैं कि फाइबर क्या है? फाइबर ऐसा कार्बोहाइड्रेट है, जिसे हमारा शरीर पचा नहीं सकता है। इसे ब्रेक नहीं किया जा सकता है और न ही एनर्जी के फॉर्म में तब्दील किया जा सकता है।

दिल्ली की सीनियर डाइटीशियन और ‘वनडाइटटुडे’ की फाउंडर डॉ. अनु अग्रवाल कहती हैं कि अगर डाइट में रेगुलर फाइबर का सेवन किया जाए तो LDL कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम हो सकता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, अगर सॉल्युएबल यानी घुलनशील फाइबर खाया जाए तो यह हमारी आंतों में जेली की तरह जमा हो जाता है। इससे पाचन धीमा हो जाता है। यह कोलेस्ट्रॉल को ब्लड स्ट्रीम में फिर से अवशोषित होने से रोकता है और फिर वह कोलेस्ट्रॉल मल के जरिए शरीर से बाहर निकल जाता है।

  • डॉ. अनु अग्रवाल के मुताबिक, फाइबर को हमारे गट बैक्टीरिया फर्मेंट करते हैं या खाते हैं। यह फर्मेंटेशन गट हेल्थ को बढ़ावा देता है, जो कोलेस्ट्रॉल का मल के साथ उत्सर्जन बढ़ा देता है।
  • इसके अलावा यह फाइबर शॉर्ट-चेन फैटी एसिड (SCAF) भी बनाता है। SCAF के अवशोषण से लिवर में कोलेस्ट्रॉल सिंथेसिस कम हो जाता है। इससे ब्लड में कोलेस्ट्रॉल लेवल घट जाता है।
  • जो इनसॉल्यूएबल फाइबर होते हैं, वे जेली नहीं बनाते हैं। फर्मेंटेशन करके गट हेल्थ को बढ़ावा नहीं देते हैं। लेकिन इससे स्वास्थ्य को दूसरे कई फायदे होते हैं।

कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करने के लिए क्या खाना चाहिए

हमें बीमारियों की चपेट से बचने के लिए खाना चुनना है तो प्रकृति की ओर देखना चाहिए। अपने बुजुर्गों और पूर्वजों के खानपान की ओर देखना चाहिए। मोटे अनाज, फल, सब्जियां ही हमें सबसे बेहतर स्वास्थ्य दे सकते हैं।

ग्राफिक में दिए पाइंट्स विस्तार से समझते हैं:

साबुत अनाज

साल 2016 में नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, रोज तीनों वक्त के खाने में साबुत अनाज शामिल करने से किसी भी तरह की हार्ट डिजीज का जोखिम 19% और स्ट्रोक का खतरा 13% तक कम हो जाता है। इसमें दलिया या ओट्स वगैरह खा सकते हैं।

लहसुन

डॉ. अनु अग्रवाल के मुताबिक, लहसुन में पावरफुल प्लांट कंपाउंड्स होते हैं। अगर प्रतिदिन लहसुन को अपनी डाइट में शामिल किया जाए तो कोलेस्ट्रॉल लेवल कंट्रोल में बना रहता है।

ड्राई फ्रूट्स (नट्स)

साल 2021 में साइंस डायरेक्ट में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक अगर रोज नट्स खाए जाएं तो कोलेस्ट्रॉल लेवल कम हो जाता है। साथ ही, कार्डियोवस्कुलर डिजीज की आशंका 30% तक कम हो जाती है। अखरोट, बादाम, काजू, मूंगफली, पिस्ता वगैरह खा सकते हैं।

लीगम्स या फलियां

साल 2021 में साइंस डायरेक्ट में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, हर रोज खाने में लीगम्स खाने से बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल घटता और गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है। इसके अलावा यह ओबिसिटी, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और इंफ्लेमेशन कंट्रोल करने में भी मदद करता है।

सेब, अंगूर, संतरा

डॉ. अनु कहती हैं कि सेब, अंगूर और संतरे में सॉल्युएबल फाइबर पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। यही कारण है कि इसके लगातार सेवन से शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल बनना कम हो जाता है और गुड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने लगती है। साल 2012 में नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, इनमें पेक्टिन भी मौजूद होता है, जो कोलेस्ट्रॉल लेवल को 10% तक कम कर सकता है।

हरी सब्जियां

हरी सब्जियां तो हमेशा से हार्ट हेल्दी डाइट में शामिल रही हैं। इनमें भरपूर मात्रा में सॉल्युएबल फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं।

डार्क चॉकलेट

डार्क चॉकलेट और कोकोआ खाने से भी कोलेस्ट्रॉल लेवल घटता है। इनमें पॉलीफेनल्स जैसे कई पॉवरफुल एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल कम करने में मदद करते हैं। लेकिन शुगर फ्री डार्क चॉकलेट्स खाना बेहतर ऑप्शन है।

ग्रीन टी

चाय में कई तरह के प्लांट कंपाउंड्स मौजूद होते हैं। नेशनल लाइब्रेरी ऑप मेडिसन की करीब 30 स्टडीज कहती हैं कि रोजाना ग्रीन टी पीने से बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल कम होता है।

खानपान में सुधार के साथ लाइफ स्टाइल में दो छोटे बदलाव बड़ा अंतर पैदा कर सकते हैं।

फिजिकल एक्टिविटी से घटता है कोलेस्ट्रॉल लेवल

अगर रोजाना फिजिकल एक्टिविटी की जाए तो यह HDL कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद कर सकता है। प्रतिदिन 45 मिनट एक्सरसाइज करके बैड कोलेस्ट्रॉल घटाया जा सकता है।

वजन कंट्रोल में रखने से घटता है बैड कोलेस्ट्रॉल

कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने के पीछे एक बड़ा कारण मोटापा भी है। इसलिए वजन कंट्रोल में रखना जरूरी है। प्रतिदिन एक्सरसाइज करने के साथ फास्ट फूड और पैकेज्ड फूड से दूरी बनाकर आसानी से वजन घटाया जा सकता है। इससे बैड कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद मिलती है।

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