OpenAI में CEO के तौर पर वापसी करेंगे सैम ऑल्टमैन; नया बोर्ड बनाया गया…!

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चैटजीपीटी बनाने वाली कंपनी OpenAI के को-फाउंडर सैम ऑल्टमैन और ग्रेग ब्रॉकमैन कंपनी में वापसी करेंगे। सैम की CEO और ग्रेग की प्रेसिडेंट के तौर पर वापसी के लिए नया बोर्ड बनाया गया है। OpenAI के पिछले बोर्ड ने शनिवार को दोनों को नौकरी से निकाल दिया था।

OpenAI ने कहा- ‘हम सैम ऑल्टमैन के लिए ब्रेट टेलर (चेयरमैन), लैरी समर्स और एडम डी’एंजेलो के नए बोर्ड के साथ CEO के रूप में वापसी के लिए एक एग्रीमेंट पर पहुंच गए हैं।’ वहीं ग्रेग ब्रॉकमैन ने कहा कि OpenAI में लौट रहा हूं और आज रात से कोडिंग शुरू।

ऑल्टमैन ने कहा- मुझे OpenAI से प्यार है
सैम ऑल्टमैन ने X पोस्ट में लिखा- ‘मुझे OpenAI से प्यार है, और बीते कुछ दिनों में मैनें जो कुछ भी किया वो टीम और इसके मिशन को एकजुट रखने के लिए किया। जब मैंने रविवार शाम को माइक्रोसॉफ्ट में शामिल होना तय किया था, तो यह साफ था कि मेरे और मेरी टीम के लिए यही सबसे अच्छा रास्ता है। नए बोर्ड और सत्या के सपोर्ट के साथ, मैं ओपनाई में लौटने और माइक्रोसॉफ्ट के साथ हमारी मजबूत साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए उत्सुक हूं।’

इफेक्टिव गवर्नेंस के लिए पहला कदम
माइक्रोसॉफ्ट CEO सत्या नडेला ने कहा- ‘हम OpenAI के बोर्ड में हुए बदलाव से प्रोत्साहित हैं। हमारा मानना है कि यह ज्यादा स्टेबल, वेल इनफॉर्म्ड और इफेक्टिव गवर्नेंस के लिए पहला कदम है। सैम और ग्रेग से मैंने बात की है। हम अपनी मजबूत पार्टनरशिप को आगे बढ़ाने, अपने कस्टमर्स और पार्टनर्स को नेक्स्ट जनरेशन AI की वैल्यू प्रोवाइड करने के लिए तत्पर हैं।’

कर्मचारी तय करें कि क्या वे माइक्रोसॉफ्ट जॉइन करना चाहते हैं
ऑल्टमैन के माइक्रोसॉफ्ट में शामिल होने को लेकर सत्या नडेला ने CNBC से भी बात की थी। इसमें नडेला से सवाल किया गया कि क्या सैम और openAi के 700 कर्मचारी माइक्रोसॉफ्ट में शामिल होंगे? नडेला ने कहा- ‘यह OpenAI बोर्ड, मैनेजमेंट और कर्मचारियों को चुनना है।

मैं दोनों विकल्पों के लिए तैयार हूं। माइक्रोसॉफ्ट लगातार इनोवेशन करना चाहता है, इसके लिए उसने OpenAI के साथ एक्सक्लूसिव पार्टनशरशिप की है।’ वहीं माइक्रोसॉफ्ट की OpenAI के बोर्ड में पद को लेकर कहा कि यह साफ है कि गवर्नेंस में कुछ बदलाव होना चाहिए।

OpenAI एम्प्लॉइज ने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से पद छोड़ने को कहा था
OpenAI से ऑल्टमैन को निकाले जाने के बाद वहां के एम्प्लॉइज ने कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से पद छोड़ने को कहा था। ऐसा नहीं करने पर 700 में से 505 एम्प्लॉइज ने सामूहिक रूप से इस्तीफा देने की धमकी दी थी। इस्तीफे की धमकी देने वालों में बोर्ड मेंबर इल्या सुतस्केवर और चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर (CTO) मीरा मुराती भी शामिल थी।

इल्या सुतस्केवर ने ही ऑल्टमैन को वीडियो कॉल पर उन्हें निकाले जाने की जानकारी दी थी। वहीं मीरा मुराती को बोर्ड ने ऑल्टमैन को निकाले जाने के बाद अंतरिम CEO की जिम्मेदारी दी थी। हालांकि कंपनी ने सोमवार को ट्विच के पूर्व CEO एम्मेट शियर को OpenAI में अंतरिम CEO बना दिया। CNN ने इस्तीफे की धमकी देने से जुड़ा लेटर X पर पोस्ट किया था।

ChatGPT को बनाने वाली कंपनी है OpenAI…

इस कंपनी के 7 को-फाउंडर्स हैं-

सैम ऑल्टमैन: आंत्रप्रेन्योर हैं। OpenAI से पहले स्टार्ट-अप्स की फंडिंग करने वाले ग्रुप वाई-कॉम्बिनेटर के प्रेसिडेंट थे। फिर OpenAI के CEO बने।

इल्या सेत्सकेवर: OpenAI के चीफ साइंटिस्ट हैं।

ग्रेग ब्रॉकमैन: OpenAI के प्रेसिडेंट हैं।

वॉजियेक जोरेम्बा: OpenAI में कोडेक्स और लैंग्वैच रिसर्च टीम्स के हेड हैं।

एलन मस्क: OpenAI में निवेश किया है।

जॉन शुल्मैन: AI रिसर्च साइंटिस्ट हैं।

आन्द्रेज कारपेथी: रिसर्च साइंटिस्ट हैं।

इन सब लोगों में सैम ऑल्टमैन की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस रिसर्च की डिजाइन करने वाले वही हैं। यानी उन्होंने ही तय किया कि AI से जुड़ी ये रिसर्च किस तरह से की जाएगी और क्या बनेगा।

2022 में ChatGPT को पब्लिकली अनवील किया था
OpenAI ने नवंबर 2022 में दुनिया के लिए ChatGPT अनवील किया था। इस AI टूल ने तेजी से लोकप्रियता हासिल की है। म्यूजिक और पोएट्री लिखने से लेकर निबंध लिखने तक, ChatGPT बहुत सारे काम कर सकता है। यह एक कन्वर्सेशनल AI है। एक ऐसा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जो आपको इंसानों की तरह जवाब देता है।

OpenAI में माइक्रोसॉफ्ट जैसी बिग टेक कंपनी ने 30 बिलियन डॉलर से ज्यादा का निवेश कर रखा है। कंपनी ने अपने सर्च इंजन ‘बिंग’ में भी ChatGPT को इंटीग्रेट किया है।

और भी कई कंपनियां ChatGPT का इस्तेमाल करने के लिए आतुर हैं। ऐसे में AI बेस्ड इस चैटबॉट का इस्तेमाल आने वाले दिनों में कहीं ज्यादा फैलने की उम्मीद है।

आलोचकों का कहना है कि AI का बढ़ता इस्तेमाल लोगों के लिए मुश्किलें पैदा करेगा। नौकरियां खत्म होंगी, लोगों की इस पर निर्भरता बढ़ती जाएगी और शायद एक दिन ऐसा भी आए कि इंसान सोचने का काम पूरी तरह AI पर छोड़ दे।

सैम ऑल्टमैन इस खतरे को नकारते नहीं हैं। हालांकि, वो कहते हैं कि इंसानी दिमाग की जरूरत ही न पड़े ऐसी दुनिया की कल्पना मुश्किल है।

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