साइकोलॉजी में दो महत्वपूर्ण टर्म्स हैं – प्रॉब्लम ब्रेन और सॉल्यूशन ब्रेन। क्या आप जानते हैं कि आपका ब्रेन किस प्रकार का है? क्या आप वह व्यक्ति हैं जो समस्याओं का रोना रोते रहते हैं, या फिर आप वह हैं जो समस्याओं का समाधान खोजने में लगे रहते हैं?
इसका सीधा संबंध हमारे दृष्टिकोण से है। क्या आप उन लोगों में से हैं, जो जीवन की चुनौतियों से जूझते हुए खुद को निराश महसूस करते हैं, या आप वो हैं जो जानते हैं कि परिस्थितियाँ चाहे जैसी भी हों, समाधान की राह हमेशा होती है।
आज हम इस बारे में बात करेंगे कि इन दोनों तरह की सोच के बीच क्या अंतर है, और यह हमारे जीवन को कैसे प्रभावित करता है।
प्रॉब्लम ब्रेन क्या है?
इंसान का दिमाग एक शक्तिशाली साधन है, जिसे किसी भी समस्या का समाधान ढूंढ़ने के लिए उपयोग किया जा सकता है। लेकिन कुछ लोग समस्याओं को खुद पर हावी होने देते हैं और समाधान की ओर नहीं बढ़ पाते। ऐसे लोग प्रॉब्लम ब्रेन वाले होते हैं, जो समस्याओं पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं और उसे सुलझाने के बजाय बहाने ढूंढ़ते हैं।
सॉल्यूशन ब्रेन क्या है?
सॉल्यूशन ब्रेन वे लोग होते हैं, जो किसी भी समस्या पर नहीं रुकते, बल्कि समाधान खोजने पर ध्यान देते हैं। ऐसे लोग हमेशा समाधान की संभावनाओं पर विचार करते हैं और हर समस्या के लिए पहले से तैयारी करते हैं।
आइए अब कुछ उदाहरणों के माध्यम से इसे समझते हैं:
स्थिति-1: मान लीजिए, स्कूल में एक छात्र को होमवर्क दिया गया है, लेकिन शाम को घर में मेहमान आ गए हैं।
- प्रॉब्लम ब्रेन: यह छात्र बहाने बनाता है और कहता है कि घर में मेहमान आ गए थे, इसलिए होमवर्क नहीं हो पाया।
- सॉल्यूशन ब्रेन: यह छात्र सोचता है कि होमवर्क तो करना ही है, तो वह या तो कुछ देर बाद कमरे में जाकर इसे पूरा करता है या फिर अगले दिन जल्दी उठकर इसे निपटाता है।
स्थिति-2: किसी कर्मचारी को ऑफिस में प्रोजेक्ट पूरा करना है, लेकिन तीन लोग जिनसे उसे बात करनी थी, वे उपलब्ध नहीं हो पाए।
- प्रॉब्लम ब्रेन: वह अपने बॉस को बताता है कि तीनों लोग नहीं मिल पाए, इसलिए काम नहीं हो पाया।
- सॉल्यूशन ब्रेन: वह पहले से ही इन तीनों से संपर्क कर चुका होता है और अगर वे नहीं मिल पा रहे हैं, तो वह इस काम को किसी और से करवाने का प्रयास करता है।
स्थिति-3: किसी व्यक्ति की कार का टायर पंचर हो गया है।
- प्रॉब्लम ब्रेन: वह सोचता है कि अब क्या करें, और इधर-उधर दुकानें ढूंढ़ता है, जिससे समय बर्बाद होता है।
- सॉल्यूशन ब्रेन: वह यह जानता है कि कभी भी टायर पंचर हो सकता है, इसलिए अपनी कार में हमेशा स्पेयर टायर और पंचर का टूल किट रखता है।
स्थिति-4: किसी व्यक्ति को विदेश यात्रा के लिए फ्लाइट पकड़नी है।
- प्रॉब्लम ब्रेन: वह सोचता है कि अगर समय पर एयरपोर्ट न पहुंच पाया तो फ्लाइट छूट सकती है, लेकिन वह इसके लिए समय से पहले नहीं निकलता।
- सॉल्यूशन ब्रेन: वह यह जानता है कि रास्ते में कोई भी रुकावट आ सकती है, इसलिए वह समय से दो घंटे पहले एयरपोर्ट के लिए निकलता है।
स्थिति-5: ड्राइविंग करते वक्त किसी की सावधानी।
- प्रॉब्लम ब्रेन: यह व्यक्ति केवल अपनी गलती पर ध्यान देता है और दुर्घटना के बाद सचेत होता है।
- सॉल्यूशन ब्रेन: यह व्यक्ति न सिर्फ अपनी गलती से बचता है, बल्कि अन्य ड्राइवरों की संभावित गलतियों के लिए भी तैयार रहता है।
सॉल्यूशन ब्रेन के लिए बदलाव करें:
अगर आप भी सॉल्यूशन ब्रेन अपनाना चाहते हैं, तो कुछ बदलावों की जरूरत है। इन बदलावों को अपनाकर आप समस्याओं का बेहतर समाधान ढूंढ सकते हैं और अपने जीवन को और अधिक सकारात्मक बना सकते हैं।