भारतीय रेलवे 2020 में कोरोनाकाल के बाद से ‘मुनाफे’ का ट्रैक छोड़कर ‘घाटे’ के ट्रैक पर दौड़ रही है। इससे रेलवे के प्रदर्शन पर भी असर पड़ा है। इस साल अक्टूबर तक 73.59% मेल/एक्सप्रेस ट्रेनें ही समय पर चली हैं। जबकि, पिछले साल इसी अवधि तक आंकड़ा 83.56% था, यानी 10% ज्यादा ट्रेनें लेट हुई हैं। रेलवे की अक्टूबर-23 तक की परफॉर्मेंस रिपोर्ट में ये आंकड़े सामने आए हैं।
यही नहीं, सुरक्षा के मोर्चे पर भी ढिलाई दिखती है। अक्टूबर 23 तक ‘कवच’ सिस्टम के तहत शून्य किमी एरिया जुड़ा है, यानी खाता भी नहीं खुला है। यह हाल तब है, जब इसी साल जून में ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेनों की टक्कर से 296 यात्री और आंध्र में दो ट्रेनों के भिड़ने से 14 यात्री जान गंवा चुके हैं। भारतीय रेलवे ने ऐसे हादसे रोकने के लिए ही ‘कवच’ सिस्टम बनाया है। यह तकनीक ट्रेनों के बीच आपसी टक्कर को रोकती है और सिग्नल जंप करने की स्थिति में ट्रेन खुद रुक जाती है। 31 अक्टूबर 2023 तक ‘कवच’ के तहत 637 किमी एरिया कवर करने का लक्ष्य रखा गया था।
नई लाइनें, क्रॉसिंग गेट हटाने में भी सुस्ती रही
{31 अक्टूबर 23 तक 1302 किमी में नई लाइन/डबलिंग या गेज बदलने का काम किया गया है। पिछले साल इसी दौरान 1729 किमी में हुआ था।
{इस साल अक्टूबर तक 240 रेलवे क्रॉसिंग गेट हटे हैं। पिछले साल इस अवधि में 306 रेलवे क्रॉसिंग गेट हटे थे।
{अक्टूबर 23 तक 237 स्टेशनों पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग चालू की गई है। पिछले साल इसी दौरान 12% ज्यादा 270 स्टेशन कवर हो चुके थे।
{इलेक्ट्रिफिकेशन में रेलवे का प्रदर्शन सुधरा है। इस साल अक्टूबर तक 1,639 किमी में यह काम हो चुका है। पिछले वर्ष 1,223 किमी में हुआ था।
पिछले साल 1 करोड़ मिनट लेट थीं ट्रेनें
आरटीआई के तहत मिली जानकारी के मुताबिक, 2022-23 में 1,42,897 पैसेंजर ट्रेनें कुल मिलाकर 1,10,88,191 मिनट लेट हुई थीं। एक साल में 5,25,660 मिनट होते हैं, इस हिसाब से ट्रेनों ने 14 साल बर्बाद किए। रेलवे बोर्ड के अनुसार, 95% ट्रेनें समय पर होनी ही चाहिए।
छत्तीसगढ़ में… लेट से बड़ी समस्या ट्रेनें रद्द होना अभी 85 में 30 कैंसिल, सारनाथ तो 77 दिन नहीं
बिलासपुर | बिलासपुर जोन से होकर गुजरने वाली अप-डाउन की 85 ट्रेनों में से 30 ट्रेनें फिलहाल रद्द हैं। इनमें 18 ट्रेनें जोन की हैं, जबकि 12 ट्रेनें यहां से गुजरती हैं। जो ट्रेनें चल रही हैं, उनमें अधिकांश का घंटेभर तक लेट हो रही है। दो दिन पहले ही रेलवे ने दुर्ग छपरा दुर्ग सारनाथ एक्सप्रेस और निजामुद्दीन अंबिकापुर निजामुद्दीन एक्सप्रेस का शेड्यूल जारी किया है। इसके मुताबिक दिसंबर, जनवरी और फरवरी में ये ट्रेनें 77 दिन और 87 दिन रद्द रहेंगी। इसके अलावा मथुरा जंक्शन में 11 जनवरी से होने वाले यार्ड रेनोवेशन के लिए 18 ट्रेनों को रद्द किया जाएगा। 8 ट्रेनें बदले हुए रूट से चलेंगी, जबकि 5 ट्रेनों को अलग-अलग स्टेशन पर रोक-रोक कर चलाया जाएगा। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े कार्यों के मद्देनजर ट्रेनें रद्द की जा रही हैं। जबकि मालगाड़ियों के संचालन में किसी तरह की पाबंदी नहीं है।