छत्तीसगढ़ में 54 बीजेपी प्रत्याशियों ने छत्तीसगढ़ में कमल खिला दिया है। कांग्रेस जो पिछली बार पूर्ण बहुमत से सरकार बनाकर आई वह करीब 35 सीटों पर सिमट रही है। इसमें बागियों ने भी कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया है। 13 सीटों कांग्रेस के बागी उतरे थे। इनमें 4 सीटों पर तो उन्हें अच्छे वोट मिले हैं।
इस विधानसभा चुनाव में बात करें, बागियों की तो पार्टी से नाराज होकर कांग्रेस के 13 बागी और बीजेपी के 5 बागी मैदान में उतरे थे। इसके अलावा चार से ज्यादा भितरघाती भी साइलेंट मोड में पार्टी प्रत्याशी को नुकसान पहुंचा रहे है। हालांकि कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं ने दावा किया था, कि बागी उनके प्रत्याशियों का कुछ नहीं कर सकते। लेकिन मतगणना के दौरान कांग्रेस के पांच बागियों की जिद के कारण पार्टी से निर्धारित किए गए प्रत्याशी संकट में दिख रहे है। इन पांच विधानसभा सीटों में कांग्रेस प्रत्याशियों से ज्यादा लीड लेकर बीजेपी प्रत्याशी आगे चल रहे है। हालांकि बीजेपी के नेताओं का दावा बिल्कुल सटीक बैठा है। बीजेपी के पांच बागियों ने चुनावी मैदान में ताल ठोकी थी। लेकिन इन बागियों को जनता का प्यार ना के बराबर मिला है।
कांग्रेस के इन बागियों ने बिगाड़ा गणित
सीट | बागी प्रत्याशी | कितने वोट मिले | कांग्रेस ने इन्हें दी टिकट | इस पार्टी के प्रत्याशी जीते |
अंतागढ़ | अनूप नाग-निर्दलीय | 9415 | रुप सिंह पोटाई | बीजेपी के विक्रम मंडावी जीते |
रायपुर उत्तर | अजीत कुकरेजा- निर्दलीय | 22,939 | कुलदीप जुनेजा | बीजेपी के पुरंदर मिश्रा जीते |
लोरमी | सागर सिंह- JCCJ | 15,910 | थानेश्वर साहू | बीजेपी के अरुण साव जीते |
जशपुर | प्रदीप खेस्स- निर्दलीय | 7571 | विनय भगत | बीजेपी की रायमुनि भगत जीतीं |
रायपुर उत्तर सीट से कैसे बिगड़ा खेल
कुकरेजा पिछले चुनाव से ही यहां लड़ने की तैयारी कर रहे थे और बीते 5 साल भी क्षेत्र में मेहनत की। इस इलाके में बड़ी संख्या में सिंधी वोटर्स भी थे, कुकरेजा सिंधी समाज से ही आते हैं इसलिए यहां कांग्रेस को बड़ा नुकसान हुआ। यहां से कांग्रेस ने मौजूदा विधायक कुलदीप जुनेजा को ही रिपिट किया जो जीत नहीं पाए।
अंतागढ़ सीट से कैसे बिगड़ा खेल
इस सीट से अनूप नाग विधायक थे जिसे कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया जिसके बाद वे निर्दलीय खड़े हुए। रुप सिंह पोटाई को कांग्रेस ने टिकट दी। नाग की क्षेत्र में अच्छी पकड़ थी, नाग की रैलियों में भी भीड़ सबसे ज्यादा दिखाई दे रही थी। जिसका खामियाजा कांग्रेस को हुआ और विक्रम उसेंडी को फायदा। वहीं अंतागढ़ में कांग्रेस के पूर्व विधायक मंतूराम पवार भी निर्दलीय लड़े। उन्हें भी 15 हजार से ज्यादा वोट मिले हैं।
जशपुर सीट से कैसे बिगड़ा खेल
जशपुर इलाके में ईसाई समुदाय में बड़ा नाम रखने वाले प्रदीप खेस्स ने कांग्रेस पार्टी से प्रत्याशी के रुप में आवेदन किया था। पार्टी ने टिकट नहीं दी, तो बागी बनकर मैदान में उतर गए। विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी के ईसाई समुदाय वोटों को टारगेट बनाया। इनकी जिद के चलते जशपुर से बीजेपी को बढ़त मिली।
लोरमी सीट से कैसे बिगड़ा खेल इस सीट से कांग्रेस के जिला अध्यक्ष सागर सिंह बैस टिकट के लिए दावेदारी कर रहे थे लेकिन पार्टी ने पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष थानेश्वर साहू को टिकट दिया। जिसके बाद सागर सिंह JCCJ में शामिल हुए और चुनाव लड़ा। सागर सिंह के समर्थक अब तक कांग्रेस के लिए काम कर रहे थे साथ ही जिला अध्यक्ष होने की वजह से कार्यकर्ताओं के बीच अच्छी पकड़ भी थी। बैस के बागी होने से कांग्रेस को इस सीट से नुकसान हुआ। हालांकि यहां बीजेपी से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव प्रत्याशी हैं जिनका खुद का जनाधार भी अच्छा है। वहीं लोरमी से एक निर्दलीय प्रत्याशी संजीत बर्मन को भी 25 हजार से ज्यादा वोट मिले हैं।
इन बागियों ने बढ़ाई थी चिंता
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस से 18 बागी 17 सीटों से चुनावी मैदान में उतर गए थे। इनमें से कई ने जोगी कांग्रेस का दामन थामा था, तो कुछ निर्दलीय डटे थे। जबकि कांग्रेस विधायक चिंतामणि महाराज ने बीजेपी में शामिल होकर उनके प्रत्याशी को अपना समर्थन दिया था।
बीजेपी के बागी नहीं बढ़ा पाए परेशानी
विधानसभा चुनाव 2023 में बीजेपी से बगावत करके बीजेपी के पांच प्रत्याशी मैदान में उतरे थे। मतदान के दौरान इन प्रत्याशियों ने समीकरण बिगाड़ने का दावा किया था। इन बागियों के दावों को बीजेपी ने सिरे से खारिज कर दिया था। मतगणना के दौरान बीजेपी नेताओं का दावा सही साबित हुआ। बीजेपी के बागी उनके प्रत्याशियों को नुकसान नहीं पहुंचा पाए
बागियों पर दोनो पार्टियों पर की कार्रवाई
भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियों ने बागियों पर लगाम लगाने के लिए कार्रवाई की है। दोनो पार्टी के आला नेताओं से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा ने 6 तो कांग्रेस ने 22 पदाधिकारियों को 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है।
कांग्रेस ने इन पर की कार्रवाई
प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने विधायक किस्मतलाल नंद, गोरेलाल बर्मन, सागर सिंह बैस समेत 15 नेताओं को पार्टी से छह साल के लिए निष्काषित कर दिया है। इस तरह कांग्रेस ने अब तक 22 से अधिक नेता और कार्यकर्ताओं को पार्टी से बाहर किया है। जिन लोगों पर कार्रवाइ हुई उनका नाम प्रभातबेला मरकाम, महेन्द्र सिदार, सागर सिंह बैस, सूरज बर्मन, शिव ध्रुव, निर्मल दिवाकर, गुड्डू महाराज, गोरेलाल बर्मन, किस्मतलाल नंद, मनोज आडिल, मनोहर साहू, आनंद कुकरेजा, रसागर दुल्हानी और अजहर अली शामिल हैं। इन बागियों को 6 साल के लिए निष्काषित किया है।
भाजपा ने इन पर की कार्रवाई
भाजपा के निष्कासन कार्रवाई में चार बालोद जिले से हैं। जबकि एक- एक सूरजपुर और रायपुर से हैं। भाजपा ने रायपुर उत्तर से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रही सावित्री जगत, भटगांव से सूरजपुर महिला मोर्चा की जिला उपाध्यक्ष रामबाई देवांगन और गुंडरदेही से मंडल मंत्री मुरली साहू को निष्कासित किया है। वहीं बालोद के पूर्व पार्षद प्रत्याशी भगवती साहू, मिथलेश साहू और सहकारिता प्रकोष्ठ के जिला संयोजक खेदूराम साहू को पार्टी ने निष्कासित कर दिया है।