सेल-बीएसपी सिंटर प्लांट विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय लर्निंग फ्राॅम इच अदर कार्यशाला का उद्घाटन…!

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दो दिवसीय लर्निंग फ्राॅम इच अदर (लियो) कार्यशाला का 05 दिसंबर, 2023 को भिलाई निवास में उद्घाटन किया गया। इस कार्यशाला का आयोजन सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के सिंटर प्लांट विभाग व मानव संसाधन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है। कार्यशाला का विषय रिडक्शन आॅफ सिंटर रिटर्न फाइन्स-मुद्दे और अवसर है। कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) श्री अंजनी कुमार इस कार्यशाला के मुख्य अतिथि थे। निदेशक प्रभारी (बीएसएल एवं आरएसपी) श्री अतनु भौमिक ने भी इस कार्यशाला के प्रथम दिन वर्चुअली उपस्थित होकर कार्यशाला के विषय पर अपनी अंतर्दृष्टि साझा की।

इस अवसर पर भिलाई इस्पात संयंत्र के कार्यपालक निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) श्री पवन कुमार, शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय, दुर्ग की प्रिंसिपल डॉ वर्षा पंड्या चौरसिया, मुख्य महाप्रबंधक (एचआरडी एवं बीई) श्रीमती निशा सोनी, मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (आयरन) श्री तापस दासगुप्ता, मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (सर्विसेस) श्री पी के सरकार, मुख्य महाप्रबंधक प्रभारी (एम एंड यू) श्री असित साहा उपस्थित थे। इसके अतिरिक्त मुख्य महाप्रबंधक (सिंटर प्लाट्स-आईएसपी) श्री ए के घोष, मुख्य महाप्रबंधक (सिंटर प्लाट्स-बीएसएल) श्री बी के बेहरा सहित मुख्य महाप्रबंधक प्रभारीगण, मुख्य महाप्रबंधक, महाप्रबंधक तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारियों सहित सिंटर प्लाट्स के कर्मचारी भी उपस्थित थे। इस दो दिवसीय कार्यशाला में सेल की विभिन्न इकाई बीएसएल, डीएसपी, आईएसपी, आरएसपी, आरडीसीआईएस और माइन्स के साथ-साथ निजी इस्पात संयंत्रों जेएसडब्ल्यू, आरआईएनएल, टाटा स्टील, नेको, टीएसके, टीएसएम तथा अन्य इस्पात संयंत्रों के सिंटर प्लांट विभाग के कई प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। 

कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) श्री अंजनी कुमार ने अन्य गणमान्य अतिथियों के साथ दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यशाला का उद्घाटन किया। इसके बाद सरस्वती वंदना के साथ सिंटर प्लाट्स के कर्मचारियों द्वारा छत्तीसगढ़ी स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। सीजीएम (एचआरडी एंड बीई) श्रीमती निशा सोनी ने स्वागत उद्बोधन दिया तथा सीजीएम (सिंटर प्लाट्स) श्री अनूप कुमार दत्ता ने लियो कार्यशाला के विषय और तकनीकी सत्रों के बारे में जानकारी दी।  

श्री अंजनी कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि ब्लास्ट फर्नेस प्रक्रिया के लिए सिंटर बनाना सबसे महत्वपूर्ण है और प्रत्येक इस्पात संयंत्र अपने द्वारा उत्पादित सिंटर की गुणवत्ता और मात्रा से प्रभावित होता है। श्री अंजनी कुमार ने प्रतिनिधियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि आइए सामूहिक रूप से विचार-मंथन करें व हमारे इस्पात संयंत्रों में अधिक कुशल, टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल सिंटर उत्पादन की प्रक्रिया का सृजन करने के लिए अपने समय और बुद्धि का उपयोग करके इस सिंडिकेट चर्चा में अपनी अंतर्दृष्टि साझा करें। 

कार्यशाला में वर्चुअली जुड़े निदेशक प्रभारी (बीएसएल एवं आरएसपी) श्री अतनु भौमिक ने अपने संबोधन में प्रतिनिधियों को प्रेरित करते हुए कहा कि सिंटर उत्पादन, इस्पात निर्माण में शामिल लोगों के लिए बहुत रुचिकर विषय है और सिंटर रिटर्न फाइन्स को कम करना व इस प्रक्रिया को और बेहतर बनाना हम सबकी जिम्मेदारी है। हम अभी भी अधिक टिकाऊ सिंटरिंग प्रक्रिया का सृजन करने की राह पर हैं। यह कार्यशाला एक-दूसरे के अनुभवों का सदुपयोग, सामूहिक चर्चा व विचार-विमर्श कर इस्पात उद्योग के लिए मौलिक, ब्लास्ट फर्नेस टेक्नोलाॅजीस, के लिए एक अभिनव समाधान देने का अवसर है।

कार्यपालक निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) श्री पवन कुमार और शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय, दुर्ग की प्रिंसिपल डॉ. वर्षा पंड्या चौरसिया ने भी कार्यशाला के विषय पर अपनी बहुमूल्य अंतर्दृष्टि साझा की। 

कार्यक्रम का संचालन सहायक प्रबंधक (कार्मिक) सुश्री सुष्मिता पाटला द्वारा किया गया तथा उप महाप्रबंधक (एचआरडी) श्री मुकुल कुमार सहारिया ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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