गुंटूर में फर्जी डॉक्टरेट का खेल: 75 वर्षीय बुजुर्ग ने सात लोगों को ठगा, 20,000 रुपए की ठगी का मामला दर्ज

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आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां 75 वर्षीय एक बुजुर्ग व्यक्ति पर आरोप है कि उसने लोगों को फर्जी मानद डॉक्टरेट (Honorary Doctorate) उपाधि देकर ठग लिया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।


कार्यक्रम में बांटे फर्जी प्रमाणपत्र

पुलिस के मुताबिक, आरोपी एक सांस्कृतिक संगठन चलाता है। हाल ही में उसने गुंटूर शहर में एक कार्यक्रम आयोजित किया था। इस कार्यक्रम के दौरान उसने सात लोगों को “मानद डॉक्टरेट” के नाम पर प्रमाणपत्र प्रदान किए।
लेकिन जांच में साफ हुआ कि ये प्रमाणपत्र किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय द्वारा जारी नहीं किए गए थे, बल्कि पूरी तरह फर्जी थे।


सदस्यता शुल्क के नाम पर ठगा पैसा

  • शिकायतकर्ता ने बताया कि आरोपी ने उसे एक मैसेज ऐप के जरिए संपर्क किया।

  • संदेश में दावा किया गया था कि अगर वह आवेदन करता है, तो उसे “मानद डॉक्टरेट” की उपाधि मिलेगी।

  • इस उपाधि के लिए आरोपी ने 20,000 रुपये ‘सदस्यता शुल्क’ के नाम पर वसूल लिए।

  • न केवल शिकायतकर्ता बल्कि उसके साथ छह अन्य लोगों से भी पैसे लिए गए और फिर उन्हें अपने संगठन के जरिए फर्जी डॉक्टरेट प्रमाणपत्र सौंप दिए गए।


पुलिस की कार्रवाई

  • यह मामला हैदराबाद के सैफाबाद पुलिस थाने में दर्ज किया गया।

  • पुलिस ने कहा कि आरोपी व्यक्ति इस बात से पूरी तरह अवगत था कि मानद डॉक्टरेट की उपाधि केवल विश्वविद्यालय ही प्रदान कर सकते हैं, फिर भी उसने धोखाधड़ी की।

  • शुरुआती जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी पहले भी इसी तरह लोगों को नकली अवॉर्ड और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित करता रहा है।


लोगों को नहीं थी जानकारी

इस पूरे मामले में सबसे बड़ा पहलू यह है कि जिन लोगों को डॉक्टरेट दी गई, उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि यह उपाधि किसी भी गैर-मान्यता प्राप्त संस्था द्वारा मान्य नहीं होती।
शिकायतकर्ता ने कहा कि वह यह मानकर शामिल हुआ था कि यह सम्मान असली है। बाद में उसे पता चला कि यह पूरी तरह ठगी है।


बड़ा सबक:

यह मामला एक चेतावनी है कि सम्मान, उपाधि और प्रमाणपत्र के नाम पर होने वाले प्रलोभनों से बचना चाहिए। भारत में मानद डॉक्टरेट की उपाधि केवल मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों द्वारा ही दी जा सकती है। कोई भी निजी संस्था या व्यक्ति ऐसा नहीं कर सकता।

फिलहाल पुलिस ने आरोपी पर धोखाधड़ी और जालसाजी की धाराओं में केस दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है।

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