रायपुर के चंगोराभाठा इलाके में पीएम सूर्य घर योजना को लेकर बड़ा मामला सामने आया है। सोलर पैनल लगाने के बदले एक वेंडर से पैसे मांगने वाले संविदा कर्मचारी हरिओम साहू को तत्काल प्रभाव से सेवा से हटा दिया गया है। वहीं, इस घूसखोरी में नाम आने पर जूनियर इंजीनियर (जेई) एलिन कुजूर को सस्पेंड कर दिया गया है।
प्रदेश सरकार इस योजना को लेकर खासा गंभीर है, क्योंकि राज्यभर में तेज़ी से सोलर पैनल लगाने का काम चल रहा है और सरकार सब्सिडी भी दे रही है। इसी वजह से पॉवर कंपनी ने वेंडरों को 15 दिनों के भीतर सोलर पैनल इंस्टॉल करने के सख्त निर्देश दिए हैं।
चार सदस्यीय कमेटी करेगी पूरी जांच
इस घोटाले की जांच के लिए सीई एसके ठाकुर ने चार सदस्यों की टीम बनाई है। इसमें एक एसी, दो डीई और एक एई शामिल हैं। कमेटी अपनी रिपोर्ट जमा करेगी, जिसके बाद आगे की कार्रवाई तय होगी।
वायरल ऑडियो बना सबूत
मामला तब बढ़ा जब सोशल मीडिया पर एक ऑडियो वायरल हुआ। इसमें वेंडर यशवंत सिन्हा और संविदा कर्मचारी हरिओम साहू के बीच बातचीत में 6,000 रुपये की रिश्वत की मांग की गई। ऑडियो में यह भी कहा गया कि इस रकम में जेई का भी हिस्सा शामिल है।
जैसे ही यह ऑडियो सामने आया, सर्किल-1 के अधीक्षण अभियंता महावीर विश्वकर्मा ने हरिओम साहू की सेवा समाप्त कर दी, जबकि जेई का नाम आते ही उन्हें भी तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
योजना की साख पर सवाल, लेकिन कार्रवाई सख्त
पीएम सूर्य घर योजना का मकसद आम लोगों के घरों तक सौर ऊर्जा पहुंचाना है। लेकिन इस तरह की रिश्वतखोरी ने योजना की पारदर्शिता पर सवाल खड़े किए हैं। हालांकि राहत की बात यह है कि सरकार और पॉवर कंपनी ने मामले पर तुरंत कार्रवाई करते हुए सख्त संदेश दिया है कि भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।