भिलाई स्टील प्लांट के अंदर गुरुवार सुबह माल गाड़ी के लोको इंजन ने CISF इंस्पेक्टर की कोर को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी तेज थी की कार के परखच्चे उड़ गए। गनीमत यह रही ट्रेन के इंजन को अपनी ओर आता देख CISF इंस्पेक्टर एसके सिन्हा कार छोड़कर भाग खड़े हुए, नहीं तो उनकी जान जा सकती थी।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक हादसा जोरातराई गेट से करीब 25 मीटर की दूरी पर हुआ है। CISF इंस्पेक्टर एसके सिन्हा NSPCL में तैनात हैं। वो रिसाली में रहते हैं। गुरुवार 2 नवंबर की सुबह वो ड्यूटी के लिए अपनी नेक्सॉन कार सीजी 07 सीपी 5317 से निकले थे।
वो रिसाली स्थित आवास से जोरातराई गेट होते हुए एनएसपीसीएल जा रहे थे। ओर हैंडलिंग प्लांट (ORE Handling Plant) के सभी कर्मचारी बीएसपी प्लांट के अंदर से होते हुए इसी मार्ग से ड्यूटी जाते हैं। करीब सवा 10 बजे वो रेलवे लाइन पार कर रहे थे कि उनकी कार रेलवे ट्रैक में फंस गई।
ट्रैक से गाड़ी न निकल पाने से उनकी गाड़ी बीच में ही बंद हो गई। गाड़ी बंद होने की वजह से वह आगे नहीं बढ़ सकी। इसी दौरान अचानक वहां मालागड़ी आती दिखी। मालगाड़ी नजदीक आते देख वहां कर्मचारियों की भीड़ लग गई। सभी के सामने ही मालगाड़ी के इंजन ने कार के परखच्चे उड़ा दिए। सूचना पाकर वहां सीआईएसएफ के जवान पहुंचे। उन्होंने लोगों की मदद से कार को किनारे कराया। इसके बाद लोको इंजन आगे निकला।
अंत तक कार निकालने की कोशिश करते रहे सिन्हा:
सीआईएसएफ इंस्पेक्टर एसके सिन्हा अंत तक कोशिश करते रहे कि वह ट्रैक से गाड़ी को आगे निकाल लें। जब वो सफल नहीं हुए और उन्होंने देखा कि मालगाड़ी का इंजन नजदीक आ गया तो वो कार छोड़कर भाग खड़े हुए। इंस्पेक्टर सिन्हा के कार से नीचे उतरने से वो बाल बाल बच गए।
कार का कांच तोड़कर इंजन के आगे का इंजन घुसा:
मालगाड़ी के लोको पायलट ने सामने कार खड़ी देख ब्रेक लगाने की काफी कोशिश की, लेकिन वो ब्रेक नहीं लगा पाया। जब तक ब्रेक से इंजन रुकता वो कार से टकरा चुका था। इंजन कार के कांच को तोड़ते हुए उसमें घुस गया। गनीमत यह रही कि सीआइएसएफ इंस्पेक्टर बाल-बाल बच गए।