राजीव चन्द्रशेखर ने ‘एक्स’ पर लिखा कि एलन मस्क और शिवॉन जिलिस से पैदा हुए बेटे का मिडिल नेम चंद्रशेखर है। यह नाम 1983 के नोबेल भौतिक विज्ञानी प्रोफेसर एस चंद्रशेखर के नाम पर है।
क्या आपको पता है दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क के एक बेटे का नाम महान भारतीय वैज्ञानिक के नाम पर रखा गया है। खुद एलन मस्क ने इसकी जानकारी दी है। दरअसल इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने गुरुवार को ब्रिटेन में हो रहे एआई सुरक्षा सम्मेलन, 2023 में भारत का प्रतिनिधित्व किया। इस दौरान उनकी मुलाकात टेस्ला के सीईओ एलन मस्क से हुई।
राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि जब उनकी मुलाकात एलन मस्क से हुई तो उन्होंने अपने बेटे के मिडिल नेम के बारे में बताया। राजीव चन्द्रशेखर ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट ‘एक्स’ पर लिखा कि एलन मस्क और शिवॉन जिलिस से पैदा हुए बेटे का मिडिल नेम “चंद्रशेखर” है। यह नाम 1983 के नोबेल भौतिक विज्ञानी प्रोफेसर एस चंद्रशेखर के नाम पर है।
मस्क के साथ तस्वीर शेयर करते हुए केंद्रीय मंत्री ने लिखा, “देखिए, ब्रिटेन के बैलेचले पार्क में एआई सुरक्षा शिखर सम्मेलन के दौरान मेरी मुलाकात किससे हुई। एलन मस्क ने बताया कि शिवॉन और उनके बेटे का मिडिल नेम “चंद्रशेखर” है – जिसका नाम 1983 के नोबेल भौतिक विज्ञानी प्रोफेसर एस चंद्रशेखर के नाम पर रखा गया है।”
अपने बेटे के नाम का खुलासा करते हुए खुद शिवॉन जिलिस ने भी इसकी पुष्टि की है। राजीव चंद्रशेखर के ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए शिवॉन जिलिस ने लिखा, “हाहा, हां, यह सच है। हम उसे शॉर्ट में शेखर कहते हैं, लेकिन यह नाम हमारे बच्चों की विरासत और बेमिसाल सुब्रमण्यम चंद्रशेखर के सम्मान में चुना गया था।”
बता दें कि एलन मस्क और शिवॉन जिलिस ने शादी नहीं की है लेकिन दोनों के जुड़वा बच्चे हैं। शिवॉन ऐलिस जिलिस एक कनाडाई वेंचर कैपिटलिस्ट हैं जो टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में काम करती हैं। इसके अलावा, वह न्यूरालिंक की डायरेक्टर भी हैं। न्यूरालिंक कॉर्पोरेशन एलन मस्क द्वारा सह-स्थापित एक न्यूरोटेक्नोलॉजी कंपनी है जो इम्प्लांटेबल ब्रेन-मशीन इंटरफेस विकसित करती है।
इससे पहले ब्रिटेन में एआई सुरक्षा सम्मेलन, 2023 में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे केंद्रीय मंत्री ने दिसंबर, 2023 में होने वाले ‘जीपीएआई एंड इंडिया एआई’ सम्मेलन के लिए सभी देशों का आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा कि भारत ने कृत्रिम मेधा पर वैश्विक साझेदारी (जीपीएआई) के अध्यक्ष के तौर पर एआई पर नेतृत्वकारी रुख अपनाया है।