भिलाई हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में रहने वाले एक कार चालक के घर पर प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी छापेमारी में ढाई करोड़ रुपए जब्त किए गए। जबकि कई जिम्मेदार न्यूज़ चैनल और अखबारों में 10 करोड़ बरामद होने का दावा तक किया था .
ईडी की टीम ढाई करोड़ रुपए साठ साल पुराने एक कमरे के कंडम फ्लैट से जब्त करके ले गई। अब सभी के मन में सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर ये रुपए किसके थे। कहां से आए ये रुपए। दरअसल ये महादेव सट्टा ऐप का पैसा है। आरोपी असीम उर्फ़ बप्पा खुद सट्टे के पैनल से जुड़ा था| दरअसल ये रकम विधानसभा चुनाव प्रत्याशी के लिए भेजी गयी थी जिसका खुलासा हम राष्ट्रबोध में जल्द करेंगे.
असीम दास के पड़ोसियों से जब राष्ट्रबोध ने बात की तो पता चला कि ये नोट 2 नवंबर के दोपहर को ही आए हैं। तीन लड़के दोपहर में तीन अलग-अलग बैग लेकर आए। उसके बाद वो एक बोरी लेकर आए। बैग और बोरी कमरे में रखने के बाद वो ताला लगाकर वहां से चले गए। उसके कुछ घंटे बाद वहां ईडी का छापा पड़ा। ईडी के करीब 6-7 अधिकारी दिल्ली पासिंग कार DL 1 CAG 9199 से 2 अक्टूबर शाम यहां पहुंचे। उससे पहले ही असीम ने अपनी पत्नी और बच्चे को कहीं भेज दिया था और खुद फरार हो गया था। जब ईडी की टीम असीम दास के घर पहुंची तो वहां ताला लगा था। इसके बाद अधिकारियों ने पड़ोस में रहने वाली एक लड़की को बुलाया। उसके सामने वीडियो रिकॉर्डिंग में घर का ताला तोड़ा और अंदर तलाशी लेने पहुंची। तलाशी के दौरान बेड के नीचे उन्हें नोटों के बंडल मिले। उन्हें पूरे नोट गिनने में करीब 4-5 घंटे लगे। इसमें पांच-पांच सौ रुपए और 200 और 100 के नोटों के बंडल थे। ईडी की टीम रात करीब 12 बजे नोट लेकर यहां से रायपुर के लिए रवाना हुई।
इस पूरे मामले में इलाके की जामुल पुलिस को इतनी बड़ी छापेमारी कि भनक तक नहीं लगी और ना ही करोड़ों की रकम की कोई भनक, जबकि दिल्ली से आई हुई ईडी की टीम ने गली में घुस के तीसरी मंजिल के कोने वाले मकान पर छापेमारी करने से पुलिस व्यवस्था पर ही प्रश्न चिन्ह लग गया है.