प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना की रफ्तार धीमी होने के लिए केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने महाराष्ट्र की तत्कालीन उद्धव ठाकरे सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
उन्होंने कहा कि ठाकरे सरकार अगर इसकी शीघ्र ही अनुमति दे दी होती, तो देश की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना में अब तक काफी प्रगति हो चुकी होती। उन्होंने कहा कि बुलेट ट्रेन चलने से आर्थिक प्रगति होगी।
बुलेट ट्रेन परियोजना कार्य का निरीक्षण करते समय वैष्णव ने कहा कि मुंबई और अहमदाबाद के बीच 508 किलोमीटर लंबे गलियारे पर सूरत-बिलिमोरा खंड जुलाई-अगस्त 2026 तक चालू हो सकता है।
उन्होंने कहा, इसके बाद अन्य खंड पर एक के बाद एक संचालन शुरू होगा। उन्होंने यह भी बताया कि बुलेट ट्रेन कॉरिडोर में ‘सीमित स्टॉप’ और ‘ऑल स्टॉप’ सेवाएं होंगी।
रेल मंत्री ने कहा कि सीमित स्टॉप वाली ट्रेनें मुंबई और अहमदाबाद के बीच की दूरी केवल दो घंटे में तय करेंगी, जबकि अन्य सेवा में लगभग 2 घंटे 45 मिनट लगेंगे। इस परियोजना के तहत कुल 12 स्टेशन होंगे। इसे नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
रेल मंत्री वैष्णव ने कहा, “अगर तत्कालीन उद्धव ठाकरे सरकार ने सभी अनुमतियां तेजी से दी होतीं, तो यह परियोजना अब तक काफी आगे बढ़ चुकी होती।” उन्होंने कहा कि जैसे ही राज्य में एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फड़णवीस (शिवसेना-भाजपा) सरकार बनी, 10 दिन में अनुमतियां दे दी गईं।
साल 2022 में शिंदे के विद्रोह के बाद शिवसेना विभाजित हो गई थी, जिसके चलते उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी सरकार गिर गई थी।
इसके बाद शिंदे ने भाजपा के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई और मुख्यमंत्री बने, तथा देवेंद्र फड़णवीस ने उपमुख्यमंत्री का पदभार संभाला।
अश्लिनी वैष्णव ने कहा कि दुर्भाग्य से ठाकरे सरकार ने इस परियोजना में बहुत देरी की, लेकिन वे अब इसकी भरपाई करने की कोशिश करेंगे।