पश्चिम बंगाल पुलिस ने शुक्रवार को बीजेपी के अज्ञात नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।
उन पर एक सिख IPS अधिकारी को खालिस्तानी कहने के आरोप हैं। जब बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता पिछले दिनों संदेशखाली मार्च कर रहे थे, तभी ड्यूटी पर तैनात एक आईपीएस अधिकारी को खालिस्तानी कहकर बुलाया गया था।
इस विवाद के बीच सिख समुदाय से जुड़े लोगों ने कोलकाता में बीजेपी दफ्तर के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया।
उधर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी उस IPS अधिकारी का एक वीडियो पोस्ट करते हुए सवाल उठाए हैं कि अगर उस अधिकारी ने पगड़ी नहीं पहनी होती तो क्या कोई उन्हें खालिस्तानी कहता? जिस अधिकारी को खालिस्तानी कहकर बुलाया गया उनकी पहचान 2016 बैच के आईपीएस अधिकारी जसप्रीत सिंह के रूप में हुई है, जो पश्चिम बंगाल पुलिस में स्पेशल सुप्रिटेंडेन्ट (इंटेलिजेंस) के पद पर फिलहाल तैनात हैं।
इस बीच, पश्चिम बंगाल पुलिस ने बुधवार को एक वीडियो जारी कर आरोप लगाया कि वह बीजेपी नेता और नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी ही थे, जिन्होंने सिख पुलिस अधिकारी को ‘खालिस्तानी’ कहा था।
पुलिस ने शुक्रवार को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की है और भारतीय दंड संहिता की धारा 295ए (धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने का जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण इरादा), 505(2) (वर्गों के बीच दुश्मनी, घृणा या द्वेष पैदा करने या बढ़ावा देने वाले बयान) और 34 (कई व्यक्तियों द्वारा किए गए कृत्य) के तहत आरोप दर्ज किए हैं।
गुरमीत सिंह नाम के व्यक्ति द्वारा दायर की गई शिकायत में कहा गया है कि “अज्ञात भाजपा नेताओं/सदस्यों” ने सिख पुलिस अधिकारी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और समुदायों के बीच नफरत और दुर्भावना फैलाने के लिए उन्हें ‘खालिस्तानी’ कहा है।
बता दें कि पिछले दिनों ड्यूटी पर तैनात IPS अधिकारी जसप्रीत सिंह का एक वीडियो कथित तौर पर वायरल हुआ था, जिसमें वह कह रहे हैं कि आप मुझे खालिस्तानी बोल रहे हैं, क्योंकि मैंने पगड़ी पहन रखी है।
इधर, बीजेपी ने इस आईपीएस अधिकारी पर कलकत्ता हाई कोर्ट के उस आदेश का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था, जिसमें पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी को संदेशखली का दौरा करने की अनुमति दी गई थी।
ममता बनर्जी द्वारा जसप्रीत सिंह को ‘खालिस्तानी’ कहे जाने का वीडियो पोस्ट करने के बाद, भाजपा ने उन पर “संदेशखाली घटना से ध्यान भटकाने की कोशिश” का आरोप लगाया है।
संदेशखाली पिछले कई दिनों से सुर्खियों में है। वहां कई महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर जबरदस्ती जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। इस मामले में अब तक 700 शिकायतें सामने आ चुकी हैं।