प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना में समुदाय की भागीदारी को प्रोत्साहित करने छत्तीसगढ़ राज्य में रखी गई न्यौता भोजन की अवधारणा…

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– शालाओं में विशेष अवसरों पर न्यौता भोजन

दुर्ग : छत्तीसगढ़ में भोजन हेतु आमंत्रित करने को न्यौता कहा जाता है। यह विभिन्न त्यौहारों या अवसरों जैसे वर्षगांठ, जन्मदिन, विवाह और राष्ट्रीय पर्व आदि पर बड़ी संख्या में लोगों को भोजन प्रदान करने की भारतीय परम्परा पर आधारित है। समुदाय के सदस्य ऐसे अवसरों त्यौहारों पर अतिरिक्त खाद्य पदार्थ या पूर्ण भोजन के रूप में बच्चों को पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन प्रदान कर सकते हैं।
यह पूरी तरह स्वैच्छिक है और समुदाय के लोग अथवा कोई भी सामाजिक संगठन या तो पूर्ण भोजन का आयोजन कर सकते हैं या अतिरिक्त पूरक पोषण के रूप में मिठाई, नमकीन, फल या अंकुरित अनाज आदि के रूप में खाद्य सामग्री का योगदान कर सकते हैं। न्यौता भोजन शाला में दिए जाने वाले भोजन का विकल्प नही है, बल्कि यह केवल शाला में प्रदान किए जाने वाले भोजन का पूरक है।
प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना में समुदाय की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य में भी न्यौता भोजन की अवधारणा रखी गई है, जिसमें प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना से लाभान्वित हो रहे बच्चों को अतिरिक्त खाद्य पदार्थ या पूर्ण भोजन के रूप में पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन प्रदान किया जा सकेगा। इस कार्यक्रम के तहत समुदाय के सदस्य विशेष अवसरों पर मिठाई, नमकीन, फल आदि के रूप में अतिरिक्त वस्तु या पूर्ण भोजन प्रदान कर सकते हैं। इसके तहत समुदाय के सदस्य किचन के बर्तन भी उपलब्ध करा सकते हैं। न्यौता भोजन समुदाय के बीच अपनेपन की भावना विकसित करने में मदद करेगा। यह प्रधानमंत्री पोषण के अंतर्गत प्रदान किए जाने वाले भोजन के पोषण मूल्य में वृद्धि करने में मदद करेगा। यह शाला और स्थानीय समुदाय के मध्य आपसी तालमेल के विकास में सहायक होगा। सभी समुदाय वर्ग के बच्चों में समानता की भावना पैदा करने में मदद करेगा। पूरक पोषण के माध्यम से न्यौता भोजन की रोग प्रतिरोधक क्षमता को और मजबूत करने में मदद करेगा।

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