CGPSC भर्ती घोटाला: बालोद के अभ्यर्थी ने की शिकायत;टामन समेत कई अफसर-नेताओं पर FIR…  गिरफ्तारी के लिए तलाश में जुटी पुलिस…

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छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) की भर्ती में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार के आरोप में बालोद जिले के अर्जुंदा थाने में FIR दर्ज की गई है।

जिसमें तत्कालीन चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी, सचिव, परीक्षा नियंत्रक समेत अधिकारियों और नेताओं का नाम शामिल है। पुलिस 2019 के बाद जितनी भी भर्ती परीक्षाएं हुईं हैं, उन सभी की जांच करेगी।

दावा किया जा रहा है कि जल्द ही पूर्व चेयरमैन सोनवानी सहित अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा। इससे पहले इस मामले में ईओडब्ल्यू केस दर्ज कर चुकी है। साथ ही सरकार ने सीबीआई की जांच की अनुशंसा की है।

बालोद के अभ्यर्थी ने की शिकायत

पुलिस के अनुसार, बालोद के अभ्यर्थी ने लिखित में शिकायत की है कि वह 2021 में पीएससी की परीक्षा शामिल हुआ था।

वह ​प्रिलिम्स और मेंस पास होने के बाद इंटरव्यू तक पहुंचा। उसका इंटरव्यू भी अच्छा गया, लेकिन चयन नहीं हुआ, जबकि कुछ लोग इंटरव्यू से तुरंत निकल गए। उसके बाद भी उनका चयन हो गया।

सोनवानी के रिश्तेदारों का हुआ चयन

इसमें पीएससी के तत्कालीन चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी का बेटा, बहू, पुत्री और अन्य रिश्तेदार शामिल हैं। इनके अलावा कांग्रेसी नेता, अधिकारी, कर्मचारी और प्रभावशाली लोगों के रिश्तेदार भी थे।

असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में जो उम्मीदवार परीक्षा में नहीं बैठे थे। उनका भी चयन हुआ है। छात्र की शिकायत पर अर्जुंदा थाना में जालसाजी, साजिश, भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग का केस दर्ज किया गया है।

जिस एफआईआर को पुलिस ने सेंसिटिव बताकर छिपाया, उसे भास्कर यहां शब्दश: बता रहा है…

महोदय, निवेदन है कि छग लोक सेवा आयोग ने राज्य सेवा परीक्षा-2021 में 171 पदों के लिए परीक्षा आयोजित की थी। इसमें मैं भी शामिल हुआ।

मैं भर्ती प्रक्रिया के समस्त चरणों को पास करते हुए साक्षात्कार तक पहुंचा। आयोग द्वारा 11.05.2023 को मेरिट लिस्ट और चयन सूची जारी की गई। रिजल्ट बहुत चौंकाने वाला था। मेरी मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार बहुत अच्छा हुआ, लेकिन चयन नहीं हुआ।

बाद में मुझे मालूम हुआ कि परीक्षा में काफी गड़बड़ी हुई है। मैंने मेरिट लिस्ट की जांच की। कुछ विशेष नामों को चिन्हित कर जब उनके बारे में ज्यादा जानकारी एकत्र की तो पता चला कि इसमें बड़े स्तर पर गड़बड़ी की गई है। टामन सिंह सोनवानी द्वारा आयोग के अध्यक्ष रहते हुए असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में घोटाला किया गया है। परीक्षा में अनुपस्थित पटेल को असिस्टेंट प्रोफेसर बना दिया है।

एक परीक्षा केंद्र में 50 अभ्यर्थी में से 36 अभ्यर्थियों को असिस्टेंट प्रोफेसर बनाया गया है। इसमें भी टामन सिंह के द्वारा अपने रिश्तेदार को असिस्टेंट प्रोफेसर में नियुक्ति दी गई है। इसी तरह 2019 और 2020 में भी आयोजित परीक्षा में पूर्व चेयरमैन सोनवानी ने साक्षात्कार खुद लेकर अपने पुत्र, पुत्री और रिश्तेदारों को विभिन्न पदों में नौकरी दी है।

चयनित अभ्यर्थियों का विवरण निम्नानुसार है। इसमें नितेश, रोल नंबर- 2109166651 को डिप्टी कलेक्टर चयनित किया गया। ये आयोग के अध्यक्ष सोनवानी के पुत्र हैं। इनके नाम में सोनवानी सरनेम को छुपाया गया है। इसी तरह साहिल जिसका चयन डीएसपी के पद पर हुआ है वह सोनवानी के बड़े भाई का पुत्र है।

इसमें भी सोनवानी सरनेम छुपाया गया है। मिशा कोसले डिप्टी कलेक्टर टामन सिंह की बहू है। दीपा आदिल जिला आबकारी अधिकारी, सुनीता जोशी श्रम पदाधिकारी ये दोनों पूर्व अध्यक्ष के बहन की पुत्रियां हैं।

पीएससी के सचिव जीवन किशोर के बेटे सुमीत ध्रुव को डिप्टी कलेक्टर, नेहा व निखिल ​डिप्टी कलेक्टर चुने गए हैं। ये दोनों राज्यपाल के सचिव अमृत खलखो के पुत्र-पुत्री हैं। डिप्टी कलेक्टर चयनित साक्षी ध्रुव बस्तर नक्सल आपरेशन के तत्कालीन डीआईजी केएल ध्रुव की पुत्री हैं। कांग्रेसी नेता की बेटी अनन्या अग्रवाल का चयन भी डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ है।

डिप्टी कलेक्टर शशांक गोयल व भूमिका कटियार कांग्रेस नेता सुधीर कटियार के बेटी दामाद हैं। खुशबू बिजौरा कांग्रेसी नेता के ओएसडी के साढू की पुत्री है। राजेन्द्र कौशिक कांग्रेसी नेता के पुत्र हैं। इसी तरह बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार आयोग के अध्यक्ष, सचिव, राजनेता और अन्य के द्वारा किया गया है।

इसमें क्रमांक 1 से लेकर 15 तक डिप्टी कलेक्टर के पद पर च​यनित होने वाले सभी उम्मीदवार किसी न किसी बड़े राजनेता, अधिकारी एवं बड़े व्यापारी जो शासन प्रशासन में अपना प्रभाव रखते उनके बेटा-बेटी या करीबी रिश्तेदार हैं। इसकी जांच कराना आवश्यक है। इस पर 15/2/2024 को अर्जुन्दा थाने में अपराध क्रमांक 0028/24 में 420 IPC, 120-B IPC, 12PRE, 7A-PRE के तहत केस दर्ज किया।

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