पंडितों ने विधि विधान से कराई महानदी आरती
महानदी का त्रिवेणी संगम हुआ भक्तिमय
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज राजिम कुंभ में पहुंचकर महानदी के तट पर महानदी आरती में शामिल हुए।
साथ में अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्र सहित अतिथिगणों ने आरती घाट पहुंचकर महानदी की महाआरती की।
राजिम कुंभ कल्प में जबलपुर से आयी साध्वी प्रज्ञा भारती के साथ ग्यारह पंडितो ने मंत्रोच्चारण कर महानदी की महाआरती कराई।
मुख्यमंत्री साय सहित साधु संतों ने लयबद्ध अनुशासन के साथ पूरे विधि विधान से महानदी आरती की। इस अवसर पर महानदी का त्रिवेणी संगम भक्तिमय हो गया।
महाआरती का एक साथ प्रज्जवलित होना शंख, कपूर, चवर, आचमन पूरे मेला परिसर आरती मंडप को भावविभोर कर दिया। महाआरती में शिव स्त्रोत के बाद सामूहिक महाआरती की गई।
इस अवसर पर अधिकारी कर्मचारी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुगणों के आरती से जय-जय श्री राम के जयकारे से आरती घाट गूंज उठा।
उल्लेखनीय है कि महानदी की आरती करने का उद्देश्य केवल पूजा पाठ तक ही सीमित नहीं है। बल्कि छत्तीसगढ़ की जीवनदायिनी महानदी को संरक्षित करने का एक प्रयास है।
इसी प्रयास की कड़ी में राजिम कुंभ में साध्वी प्रज्ञा भारती के सानिध्य में राजिम कुंभ कल्प में प्रतिदिन भव्य एवं दिव्य महानदी की आरती की जा रही है।
धरती में प्रकृति के शुद्ध जल स्त्रोत का संरक्षण और नदियों सरोवर जो हमारे आस्था के सनातन धर्म के केन्द्र रहे हैं।
गंगा, गीता, गायत्री उन सभी का संरक्षण और प्रदूषण मुक्ति का शतत् अभियान का विचार साध्वी प्रज्ञा भारती के मन में आने के बाद देश के प्रमुख नदियों के घाट पर महाआरती की शुरुआत की।
नदियों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित कर उनके प्रति समर्पण, आस्था और संकल्प का भाव सभी के मन में जागृत करने हेतु महानदी की महाआरती की जा रही है।
राजिम कुंभ कल्प के प्रारंभ से वेदरतन सेवा प्रकल्प के संयोजन और संरक्षिका साध्वी प्रज्ञा भारती के मार्गदर्शन में प्रतिदिन राजिम कुंभ में महानदी आरती की जा रही है।