एक महिला अपने घर के टॉयलेट में लॉक हो गई। काफी मशक्कत के बाद भी वो बाहर नहीं निकल पाई।
उसे टॉयलेट में बंद हुए सात घंटे बीत चुके थे। वो लगातार चिल्लाती रही लेकिन किसी ने उसकी आवाज नहीं सुनी। टॉयलेट में कोई खिड़की नहीं थी, ऐसे में उसे खुद ही बाहर निकलने की कोशिश करनी थी।
उसके पास ज्यादा कुछ सामान तो नहीं था लेकिन, उसने हिम्मत नहीं हारी और लगभग असंभव से काम को मुमकिन कर दिखाया।
वो रुई और आई लाइनर की मदद से टॉयलेट को अनलॉक कर पाई। महिला के इस कारनामे की शहर भर में प्रशंसा की जा रही है।
यह घटना लंदन के कैंब्रिज यूनिवर्सिटी की लेक्चरर डॉ. क्रिस्जटीना इल्को के साथ उनके फ्लैट में हुई। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, बीते गुरुवार को वह अपने टॉयलेट में बंद हो गई।
काफी कोशिश के बाद भी जब वो बाहर नहीं निकल पाई तो उसने धैर्य से काम लिया और कुछ सामान्य घरेलू सामानों की मदद से सात घंटे बंद रहने के बाद टॉयलेट से बाहर निकलने में कामयाब रही।
समाचार आउटलेट के अनुसार, बिना खिड़कियों और मोटी दीवारों के फंसने के कारण इल्को की आवाज कोई सुन नहीं पाया। इल्को को बॉथरूम से बाहर निकलने के लिए लंबा इंतजार और कड़ी मेहनत करनी पड़ी।
वह फ्लैट में अकेले रहती थी और अगले चार दिनों तक उसके घर कोई सफाई कर्मचारी भी नहीं आने वाला था। इसलिए उसके लिए मुश्किल और जरूरी टास्क था- टॉयलेट से किसी भी सूरत में बाहर निकला जाए।
उन्होंने एक आईलाइनर पेन और एक रूई का उपयोग करके एक टेम्परेरी लॉकपिक बनाया। सात घंटे तक लगातार कोशिश करने के बाद वह ताले को खोलने और खुद को टॉयलेट से निकालने में कामयाब रही। उन्होंने अपने साथ हुई घटना को X पर शेयर किया है।
लिखा, “प्लंबर ने टॉयलेट का ताला तोड़ दिया और मुझे बताना भूल गया। मैं अंदर गई और लॉक हो गई। दरवाजा ठोस लकड़ी का बना है और मैं जानती थी कि दरवाजा टूटेगा नहीं। मैं 7 घंटे तक फंसी रही। अंत में मैंने एक आईलाइनर और एक ईयर बग के साथ अस्थायी चाबी बनाई।”
डॉ. इल्को ने बीबीसी न्यूज़ को बताया, “उस वक्त मेरे दिमाग में यह चल रहा था कि व्यक्ति केवल पानी पर कितने समय तक जीवित रह सकता है और मैं बस उम्मीद कर रही थी कि मैं मरूंगी नहीं।
अगर लोग मेरी तलाश में आते हैं तो क्या वे टॉयलेट की जांच करेंगे, या मुझे चार दिनों तक इंतजार करना होगा।