प्रकाश आंबेडकर ने सीट बंटवारा करने की बजाय अलग-अलग शर्तों को तलाशा, जिससे पवार-ठाकरे को उलटे टेंशन का सामना करना पड़ा…

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महाराष्ट्र में लोकसभा सीटों के बंटवारे पर NDA और INDIA दोनों ही गठबंधनों में खींचतान जारी है।

बुधवार को विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाडी (MVA) के घटक दलों के नेताओं और वंचित बहुजन अघाड़ी के प्रकाश आंबेडकर के  बीच राज्य की 48 लोकसभा सीटों के बंटवारे पर मुंबई के एक होटल में बैठक थी।

ये बैठक करीब साढ़े तीन घंटे चली लेकिन बेनतीजा रही।

सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में प्रकाश आंबेडकर ने दो ऐसी शर्तें रख दीं, जिससे MVA के दो बड़े नेता टेंशन में आ गए। दरअसल, आंबेडकर ने उस बैठक में राज्य की कुल 48 लोकसभा सीटों में से 17 सीटों की मांग कर दी।

इतना ही नहीं आंबेडकर ने अकोला, अमरावती, डिंडोरी, रामटेक और मुंबई की एक सीट पर भी दावा ठोक दिया।

इसके अलावा आंबेडकर ने सांगली और वर्धा सीटों पर सीट शेयरिंग से पहले ही अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, जहां आम तौर पर कांग्रेस चुनाव लड़ती है। इससे MVA के घटक दलों कांग्रेस, शिव सेना (उद्धव गुट) और एनसीपी (शरद पवार) के सामने मुश्किल खड़ी हो गई है।

प्रकाश आंबेडकर ने उस बैठक में एक अनोखी शर्त भी रख दी, जो उद्धव ठाकरे और शरद पवार के लिए टेंशन देने वाला है।

बैठक में प्रकाश आंबेडकर ने शर्त रखी कि गठबंधन के सभी सहयोगी दलों को यह लिखित रूप से देना होगा कि चुनाव बाद भाजपा के साथ कोई गठबंधन नहीं करेंगे।

दरअसल, प्रकाश आंबेडकर ने यह मुद्दा इसलिए उठाया क्योंकि महाराष्ट्र के सियासी गलियारों में यह चर्चा चल रही है कि MVA के कुछ घटक दल भाजपा से बातचीत कर रहे हैं।

बैठक के बाद इंडिया टुडे ग्रुप से बातचीत करते हुए वंचित बहुजन अघाड़ी के प्रवक्ता सिद्धार्थ मोकले ने कहा कि उनकी पार्टी दोहरे मानकों के खिलाफ है।

इसीलिए प्रकाश आंबेडकर ने सहयोगी दलों के सामने यह मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि आंबेडकर भाजपा को केंद्र की सत्ता से हटाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसलिए सभी भागीदारों को भी ऐसी ही प्रतिबद्धता दिखाने की जरूरत है।

इसबीच, शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने  महा विकास आघाडी के घटक दलों के बीच राज्य की 48 लोकसभा सीट में से किसी पर भी विवाद होने से इनकार किया है।

राउत ने बैठक में शामिल होने के बाद संवाददाताओं से कहा कि सीट-बंटवारे के फॉर्मूले का विवरण एमवीए सदस्यों द्वारा संयुक्त रूप से घोषित किया जाएगा लेकिन, उन्होंने इस संबंध में कोई समय-सीमा बताने से इनकार कर दिया।

राउत ने कहा, ‘‘ एमवीए घटक दलों के बीच 48 में से एक भी सीट पर कोई विवाद नहीं है। प्रकाश आंबेडकर से भी हमारी बहुत सकारात्मक चर्चा हुई है।

वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तानाशाही शासन को हटाने के हमारे रुख से भी संतुष्ट हैं।’’ उन्होंने बैठक में चर्चा के विवरण के बारे में पूछे जाने पर कहा कि आंबेडकर ने हमें एक प्रस्ताव दिया था जिस पर सकारात्मक चर्चा हुई।

राउत ने कहा कि बैठक में अन्य लोगों के अलावा शरद पवार, उद्धव ठाकरे, जितेंद्र आव्हाड (राकांपा-शरदचंद्र पवार) और आंबेडकर मौजूद थे।

उन्होंने कहा कि सहयोगी दलों के बीच कोई मतभेद नहीं है। शिवसेना (यूबीटी) के नेता ने कहा, ‘‘सीट-बंटवारे के फॉर्मूले का विवरण सभी एमवीए सदस्यों द्वारा संयुक्त रूप से घोषित किया जाएगा। इस बारे में कोई भी अलग से कोई घोषणा नहीं करेगा। ’’

हालांकि, राउत ने एकजुटता दिखाने की कोशिश की लेकिन एक तरफ जहां आंबेडकर ने पहले ही सांगली और वर्धा क्षेत्रों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, जहां आम तौर पर कांग्रेस चुनाव लड़ती है।

वहीं दूसरी तरफ, शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस दोनों पश्चिमी महाराष्ट्र में कोल्हापुर सीट पर दावा ठोक रहे हैं। मुंबई दक्षिण मध्य निर्वाचन क्षेत्र भी उद्धव ठाकरे की पार्टी और कांग्रेस के बीच एक विवाद के रूप में उभर रहा है।

राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, एमवीए के तीनों सहयोगी मतों के विभाजन की किसी भी संभावना से बचने के लिए आंबेडकर को अपने पक्ष में रखना चाहते हैं।

इसलिए एमवीए के घटक दलों – कांग्रेस, उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के बीच सीट बंटवारे पर सहमति बनाने के लिए कई दिनों से गहन बातचीत चल रही है।

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