भारत और मालदीव के बीच रिश्ते सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं।
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करने के लिए भारत के साथ समझौते को रिन्यू करने से इनकार कर दिया।
उन्होंने कहा कि मालदीव सरकार भारत के साथ इस समझौते को आगे जारी रखने पर विचार नहीं कर रही है। यह पहली बार है जब मुइज्जू ने जलक्षेत्र सर्वेक्षण को लेकर सार्वजनिक बयान दिया है।
रोचक बात यह है कि मुइज्जू की यह घोषणा चीनी जासूसी जहाज के निकलने के कुछ दिनों बाद आई है।चीनी जहाज तकरीबन एक महीने तक माले में खड़ा रहा था।
मालदीव सरकार का यह तब सामने आया है जब कुछ दिन पहले मुइज्जू ने चीन से “मजबूत” द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए मुफ्त सैन्य सहायता प्रदान करने के लिए रक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
चीन के अंध-समर्थक माने जाने वाले मुइज्जू के पिछले साल सत्ता संभालने के बाद से भारत-मालदीव संबंधों को लगातार झटका लगा है।
नवंबर 2023 में शपथ लेने के कुछ घंटों बाद ही मुइज़ू ने भारत के खिलाफ पहला कदम उठाया था। मुइज्जू ने घोषणा की कि वे जल्द से जल्द भारतीय सैनिकों की मालदीव से वापसी जल्द सुनिश्चित करेंगे। मुइज्जू ने 10 मई तक भारतीय सैनिकों के देश छोड़ने की बात कही है।
मुइज्जू की भारत से रिश्ते तोड़ने की नई घोषणा चीनी रिसर्च और ‘जासूसी’ जहाज द्वारा माले छोड़ने के बाद आई है। चीनी जासूस जहाज माले में लगभग एक महीने तक रहा।
सोमवार को एक समारोह में बोलते हुए मुइज़ू ने कहा, मालदीव का रक्षा मंत्रालय देश द्वारा ही हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करने के लिए आवश्यक सुविधाएं प्राप्त करने के प्रयास कर रहा है।
राष्ट्रपति मुइज्जू ने Edition.mv के हवाले से कहा, “हाईड्रोग्राफिक सर्वेक्षण को लेकर आत्मनिर्भर होने से मालदीव को देश के पानी के भीतर सर्वेक्षण करने की अनुमति होगी। फिर हम अपनी पानी के नीचे की विशेषताओं की सभी जानकारी प्राप्त करेंगे और चार्ट तैयार करेंगे।
यह सबकुछ हमारे द्वारा ही तैयार किए जाएंगे।” बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के नेतृत्व में सरकार ने मालदीव की पानी के नीचे की विशेषताओं का हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करने के लिए भारत सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
यह पहली बार है कि मुइज़ू ने अपनी सरकार की हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण योजनाओं के बारे में सार्वजनिक रूप से टिप्पणी की है। उनकी सरकार ने पहले घोषणा की थी कि वह पिछली सरकारों द्वारा भारत के साथ हस्ताक्षरित 100 से अधिक समझौतों की समीक्षा कर रही है।
भारत के हाइड्रोग्राफी कार्यालय के सहयोग से किया गया सबसे हालिया हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण जनवरी 2021 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मालदीव की यात्रा के दौरान 2019 में हस्ताक्षरित समझौते के हिस्से के रूप में शुरू किया गया था।
Edition.mv की रिपोर्ट के अनुसार, “पूर्व राष्ट्रपति सोलिह ने मालदीव में इस हाइड्रोग्राफी सेवाओं को सुविधाजनक बनाने और रक्षा मंत्रालय को यह सुविधा प्रदान करने के लिए संसद की मंजूरी प्राप्त की थी।” दो दिन पहले मुइज्जू ने कहा, उनकी सरकार ने मार्च में मालदीव के पानी की 24 घंटे निगरानी प्रणाली पर काम शुरू करने और स्थापित करने की कसम खाई है।