चुनाव से पहले उद्धव ठाकरे गुट का फिर गिरा एक ‘विकेट’, प्रवर्तन निदेशालय (ED) जांच में फंसे विधायक रविंद्र वायकर ने भी छोड़ा साथ…

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शिवसेना (यूबीटी) विधायक रविंद्र वायकर रविवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल हो गए।

वायकर ने ऐसे समय पार्टी बदली है जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) उनके खिलाफ जांच कर रहा है।

एक लक्जरी होटल बनाने के लिए बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) के भूखंड के कथित दुरुपयोग का यह मामला है।

जोगेश्वरी क्षेत्र से विधायक वायकर का साथ छोड़ना शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे के लिए झटका है, क्योंकि वायकर उनके करीबी सहयोगी थे। वह एक दिन पहले ही मुंबई उत्तर-पश्चिम संसदीय सीट पर उनके साथ बैठक में मौजूद थे।

रविंद्र वायकर मालाबार हिल में मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास वर्षा में शिंदे के नेतृत्व वाले समूह में शामिल हुए। वायकर बीएमसी के पूर्व स्थायी समिति अध्यक्ष, 4 बार पार्षद और चार बार जोगेश्वरी से विधायक रहे हैं।

खेल और मनोरंजन उद्देश्यों के लिए निर्धारित जोगेश्वरी-विक्रोली लिंक रोड के किनारे भूखंड पर लक्जरी होटल निर्माण को लेकर वायकर घिरे हुए थे।

जनवरी और जुलाई 2021 के बीच बीएमसी को गुमराह करने व धोखाधड़ी से अनुमति प्राप्त करने का आरोप है। इसे लेकर दर्ज मामले में ईडी की ओर से उनकी जांच की जा रही है।

पार्टी बदलने पर क्या बोले वायकर
प्राथमिकी के अनुसार, भूखंड वायकर और अन्य को सार्वजनिक उपयोग के लिए आवंटित किया गया था, लेकिन उन्होंने कथित तौर पर कई करोड़ रुपये कमाने के लिए इसका व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया।

मुख्यमंत्री के गुट में शामिल होने के बाद वायकर ने दावा किया कि उन्होंने 50 वर्षों तक शिवसेना में काम किया है। उन्होंने कहा, ‘मैंने अपने निर्वाचन क्षेत्र के विकास के लिए पाला बदला है, जहां सड़कों और पानी की आपूर्ति की जरूरत है।

जहां कई काम कोविड​​-19 महामारी के कारण रुके हुए थे।’ वायकर ने कहा कि शिंदे विकास कार्यों पर तेजी से फैसले ले रहे हैं।

अगर ये काम पूरे नहीं हुए, तो मैं अपने लोगों का सामना नहीं कर पाऊंगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वायकर दिवंगत बाल ठाकरे के आदर्शों से प्रेरित होकर शिवसेना में शामिल हुए हैं।

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