‘बिना किसी शर्त’ भाजपा में लौटे खनन कारोबारी जनार्दन रेड्डी, 9 मामलों में जांच कर रही CBI…

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कर्नाटक के पूर्व मंत्री 57 वर्षीय जी जनार्दन रेड्डी ने सोमवार को अपनी कल्याण राज्य प्रगति पक्ष (केआरपीपी) पार्टी का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में विलय कर लिया।

लोकसभा चुनाव से पहले वह एक बार फिर से बीजेपी में लौट आए हैं। रेड्डी अवैध खनन से जुड़े नौ सीबीआई मामलों में आरोपी हैं।

ये मामले तब के हैं जब 2008 से 2013 के दौरान भाजपा कर्नाटक की सत्ता पर काबिज थी।

2023 के राज्य चुनावों में उत्तरी कर्नाटक के कुछ जिलों में भाजपा को केआरपीपी के कारण काफी नुकसान हुआ था। अब उसी की भरपाई करने के लिए रेड्डी की वापसी हुई है।

रेड्डी वर्तमान में राज्य में केआरपीपी के एकमात्र विधायक हैं। सोमवार को केआरपीपी के भाजपा में विलय के बाद पत्रकारों से बात करते हुए रेड्डी ने कहा कि उन्होंने भाजपा को समर्थन देने की पेशकश की थी लेकिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विलय पर जोर दिया।

रेड्डी ने पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के साथ अपना दो दशक पुराना नाता तोड़कर ‘कल्याण राज्य प्रगति पक्ष’ (केआरपीपी) का गठन किया था।

वह अवैध खनन मामले में आरोपी हैं और गंगावती के विधायक हैं। रेड्डी ने आज अपने केआरपीपी का भाजपा में विलय कर दिया और वह अपनी पत्नी अरुणा लक्ष्मी एवं परिवार के कुछ सदस्यों के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा, प्रदेश अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र और अन्य की उपस्थिति में पार्टी में शामिल हो गए।

रेड्डी ने हाल में दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। हालांकि हाल में राज्यसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार को समर्थन दिया था।

भाजपा में शामिल होने को “घर वापसी” बताते हुए रेड्डी ने कहा कि केआरपीपी का भाजपा में विलय करने का कदम “नरेन्द्र मोदी के हाथों को मजबूत करना और उन्हें तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाना है।”

उन्होंने कहा, “ अमित शाह ने मुझे दिल्ली में बुलाया था और मुझसे कहा था कि – बाहर से समर्थन देने (केआरपीपी द्वारा लोकसभा चुनाव में भाजपा को समर्थन देने) का कोई सवाल ही नहीं है और इसके बजाय मुझे भाजपा में शामिल होना चाहिए और पार्टी के लिए काम करना चाहिए क्योंकि मैंने अपना राजनीतिक सफर इस पार्टी में शुरू किया था। इसे (प्रस्ताव को) स्वीकार करते हुए मैं पार्टी में शामिल हो रहा हूं।”

अपने राजनीतिक करियर में येदियुरप्पा के योगदान की प्रशंसा करते हुए रेड्डी ने कहा कि उन्हें खुशी है कि वह अब पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे विजयेंद्र के साथ पार्टी में काम करेंगे। रेड्डी ने कहा, “ भाजपा हमेशा से मेरे खून में थी, लेकिन कुछ कारणों से मैं पार्टी से चला गया था। पर, आज मुझे लगता है कि मैं अपनी मां की गोद में वापस आ गया हूं। यहां अपने भाइयों को देखकर ऐसा नहीं लग रहा कि मैं 13 साल बाद भाजपा कार्यालय में वापस आ रहा हूं।” रेड्डी का पार्टी में वापस स्वागत करते हुए विजयेंद्र ने कहा कि उनके शामिल होने से कल्याण कर्नाटक क्षेत्र में भाजपा मजबूत होगी। उन्होंने कहा, “ नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को पसंद कर और भाजपा की विचारधारा को स्वीकार कर रेड्डी दोबारा पार्टी में शामिल हुए हैं। रेड्डी ने कहा है कि मोदी को एक बार फिर प्रधानमंत्री बनाने में कर्नाटक का बड़ा योगदान होना चाहिए।”

खनन घोटाले में कथित भूमिका को लेकर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से पिछले साल विधानसभा चुनाव के पहले तक लगभग 12 वर्षों तक रेड्डी राजनीतिक रूप से काफी हद तक निष्क्रिय थे।

इस दौरान 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने मोलकालमुरु विधानसभा क्षेत्र में अपने करीबी दोस्त और पूर्व मंत्री बी श्रीरामुलु के लिए प्रचार किया था। साल 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा था कि “भाजपा का जनार्दन रेड्डी से कोई लेना-देना नहीं है।”

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