छत्तीसगढ़ में 10-12वीं के छात्रों को धोखाधड़ी के नाम पर आ रहे फेक कॉल्स: साइबर सेल में शिकायतें दर्ज हुई …!

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‘मैं बोर्ड ऑफिस से बोल रहा हूं, कहिए क्या कहना है। अरे, नंबर बढ़वाना है। मैं रायपुर से बात कर रहा हूं। 5 हजार लगेगा, दो विषयों में फेल है। जल्दी से बोलो। जल्दी से पेमेंट कराओ, रिजल्ट 70 परसेंट हो जाएगा।’

दरअसल, यह बातचीत उस फोन कॉल के दौरान की है जो छत्तीसगढ़ बोर्ड परीक्षाओं के बाद स्टूडेंट्स और उनके परिजन के पास आ रहे हैं। इस दौरान नंबर बढ़ाने और कुछ विषयों में फेल बताकर पास कराने के नाम पर पैसों की मांग की जा रही है। खुद को बोर्ड कर्मचारी बताकर कॉल करने वाले बाकायदा छात्रों का नाम और रोल नंबर तक बता रहे हैं।

सरगुजा संभाग में समेत प्रदेशभर में ऐसे फोन कॉल्स को लेकर छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ने छात्रों और पैरेंट्स को सतर्क किया है। वहीं बोर्ड की ओर से इस संबंध में साइबर क्राइम को भी पत्र लिखा गया है। इन दिनों 10वीं-12वीं की बोर्ड परीक्षा की कॉपियां जांचने का काम चल रहा है।

दो विषयों में फेल हो, जल्दी पैसे भेजो
ऐसा ही फोन कॉल सरगुजा जिले के मैनपाट के गांव पेट की एक छात्रा के पास आया। छात्रा को दो विषयों में फेल बताकर कॉल करने वाले ने पैसे मांगे। छात्रा के नंबर पर एक दिन पहले ही मैसेज आया था। रिप्लाई करने पर फोन करने वाले ने खुद को छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल का अधिकारी बताकर उसे दो विषयों में फेल बताया।

छात्रा के परिजन ने पूछा कि कितने पैसे लगेंगे, तो फोन करने वाले ने पांच हजार रुपए मांगे और कहा कि बस एक दिन का समय है। परिजन ने कहा कि वह गरीब किसान परिवार से है। पैसे कम करने कहा तो तीन हजार रुपए में सौदा तय हुआ। फोन करने वाले ने पैसे ट्रांसफर करने के लिए एक नंबर भी दिया।

पढ़िए, पेरेंट्स और कॉलर के बीच हुई बातचीत… कॉलर- हेलो छात्रा के परिजन- हेलो कॉलर- हां बेटी बोलो, क्या आपने टाइप कर रहा था मेरे व्हाट्सएप पे छात्रा की परिजन- जी सर कॉलर- आपने टाइप कर रहा था मेरे व्हाट्सएप पे, मैं बोर्ड ऑफिस से बात कर रहा हूॅं। बोलो क्या कहना है। छात्रा की परिजन- जी सर कॉलर- अरे नंबर बढ़वाना है। छात्रा की परिजन- इस नंबर पर कॉल आया था। कॉलर- कब छात्रा की परिजन- कल कॉलर- हां, कल तो आपको कॉल किए थे। आप क्या कहना चाहती हो, जो बताओ। मैं रायपुर से बात कर रहा हॅूं। छात्रा की परिजन- सर, पास हो जाते तो बढ़िया रहता। कॉलर- तो नंबर दो न, पैसा लगेगा, पैसा दो हम कर देते हैं। छात्रा की परिजन- कितना लगेगा सर? कॉलर- पांच हजार लगेगा, दो विषय में फेल है। छात्रा की परिजन- दो विषय में कॉलर- जैसा बोलो, जल्दी से बोलो, क्योंकि कल ही के डेट में था, मैं अभी नहीं चढ़ा रहा हूं उसका। छात्रा की परिजन- कम, थोड़ा-मोड़ा नहीं होगा सर। कॉलर- अरे कितना करोगे, चार हजार करोगे। छात्रा के परिजन- दो कह रही थी। खेती किसानी वाला, पैसे की थोड़ी दिक्कत है सर, शादी-ब्याह है। कॉलर- चलो तीन हजार कर लो, छोड़ो हटाओ। पांच हजार हम बोले, तीन हजार करोगे तो बोलो जैसा। छात्रा की परिजन- जी, ठीक है सर कॉलर- मैं आपको एक मिनट में फोन पे नंबर, क्या चीज से करोगे, फोन पे, गूगल, क्या चलाते हो। छात्रा की परिजन- फोन पे सर। कॉलर- चलो ठीक है, मैं आपको एक मिनट में नंबर दे रहा हूं। कॉलर- हेलो, फोन पे नंबर लिखो। छात्रा की परिजन- जी सर। कॉलर- नंबर लिखो- 8610065096, नंबर बोलो क्या नोट किया। छात्रा की परिजन- 8610065096, कॉलर- हां, राहुल कुमार आएगा। करो-करो, जल्दी करो। छात्रा की परिजन- एक मिनट, कितना बढ़ जाएगा सर। कॉलर- 70 कर देंगे, 70 परसेंट। छात्रा की परिजन- जी सर। कॉलर- तो फटाक से कराइए, तुरंत, मैं लाइन पर रहता हूं।

रायगढ़ के स्टूडेंट को आया कॉल, कॉलर को पूरी जानकारी
बोर्ड का अधिकारी बनकर रायगढ़ के एक दसवीं के छात्र के पिता को अज्ञात नंबर से कॉल आया। इसमें कॉलर ने छात्र का नाम, पिता का नाम, मां का नाम, रोल नंबर के आखिरी तीन अंक, परीक्षा केंद्र का नाम समेत पूरी जानकारी पिता को दी। कॉलर ने कहा- उसने दसवीं की परीक्षा दी थी और दो पेपर में फेल है। बाकी जिम्मेदारी आप पर है।

कॉलर ने कहा- रिजल्ट अभी बना रहा हूॅं। छात्र के परिजन ने कहा कि अभी रिजल्ट जारी नहीं हुआ है, ऐसा कभी नहीं हुआ। कॉलर ने कहा कि बच्चे का चार नंबर कम आ रहा है। मैं आपका भला कर रहा हूं। आपके ऊपर डिपेंड करता है। इसमें कुछ मैनेज करना पड़ेगा। खर्च करना पड़ेगा।

कॉलर ने कहा कि वे एक पेपर का तीन हजार लेते हैं। दो विषयों के लिए छह हजार रुपए लगेगा। कॉलर ने कहा कि फोन-पे, गूगल पे या NEFT करना होगा। सर का नंबर दे दूंगा। उसमें तुरंत करना होगा तो फर्स्ट डिवीजन रिजल्ट बन जाएगा। 65 प्रतिशत तक का रिजल्ट बना दूंगा।

शिक्षकों के पास आ रही ऐसे कॉल्स की जानकारी
छात्रा और उसके परिजन ने ठगी का अहसास होने पर शिक्षकों को जानकारी दी। इस तरह वे ठगी का शिकार होने से बच गए। ऐसा ही कॉल खैरबार के एक दसवीं के छात्र के पास भी आया था। संभाग में ऐसे फर्जी कॉल्स की जानकारी मिलने के बाद शिक्षक बच्चों को ऐसे झांसे में न आने की सलाह दे रहे हैं।

सरगुजा DEO अशोक सिन्हा ने कहा कि ऐसे कॉल्स की जानकारी नहीं मिली है। जानकारी सामने आई तो आगे की कार्रवाई की जाएगी। छात्र और पालक ऐसे फोन कॉल से सावधान रहें और पुलिस को सूचना दें।

कोरिया कलेक्टर ने की थाने में शिकायत करने की अपील
कोरिया जिले में भी छात्रों को ठगी के लिए कॉल आए हैं। DEO जितेंद्र गुप्ता ने बताया कि बैकुंठपुर विकासखंड के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय आनी के एक छात्र को 9114891369 नंबर से कॉल आया। उसने छात्र और उसके पिता का नाम, परीक्षा केंद्र और रोल नंबर तक बताया।

खुद को छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल में कंप्यूटर ऑपरेटर बताकर फोन करने वाले ने छात्र को फर्स्ट डिवीजन में पास कराने का दावा करते हुए 4 हजार रुपए मांगे थे। हालांकि ये छात्र भी ठगी का शिकार होने से बच गया है। कोरिया कलेक्टर विनय कुमार लहेंग ने जिले के छात्रों को ऐसे फोन कॉल की शिकायत पुलिस से करने को कहा है।

फोन कॉल को लेकर बोर्ड ने जारी की चेतावनी
छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के उपसचिव ने चेतावनी जारी की है कि ये कॉल फर्जी हैं। माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर से इनका कोई संबंध नहीं है। छात्र और पालक ऐसे फर्जी कॉल्स से सतर्क रहें और भ्रमित न हों। बोर्ड की सचिव पुष्पा साहू ने बताया कि इस संबंध में उन्होंने साइबर क्राइम को पत्र भी लिखा है।

उन्होंने बताया कि बोर्ड ने 3 मार्च को ही इस संबंध में एक सर्कुलर जारी किया था। इसमें कहा था कि कि परिजन और बच्चे दोनों ही इस तरह की फोन कॉल्स से बचें, माशिमं से किसी को भी फ़ोन नहीं किया गया है।

दूसरी ओर साइबर थाना प्रभारी परेश पाण्डेय ने बताया की इस संबंध में उनके पास अब तक कोई जानकारी नहीं आई है। अगर शिकायत आती है तो टीम आगे की कार्यवाही करेगी। दूसरी ओर फर्जी फोन कॉल को लेकर यह भी सवाल उठ रहे हैं कि इनके पास छात्रों का नाम, नंबर और रोल नंबर की जानकारी कहां से मिली है।

इस साल 12वीं बोर्ड परीक्षा में 2 लाख 61 हजार 35 जबकि 10वीं में 3 लाख 45 हजार 543 स्टूडेंट्स ने परीक्षा दी है।

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