प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गेमिंग इंडस्ट्री के 7 क्रिएटर्स से मुलाकात की और उनसे गेमिंग से जुड़े कई मुद्दों पर बात की। इन 7 गेमर्स में नमन माथुर, अनिमेश अग्रवाल, मिथिलेश पाटणकर, पायद धारे, अंशु बिष्ट, तीर्थ महेता और गणेश गंगाधर शामिल हैं।
इन सभी गेमर्स के सोशल मीडिया पर लाखों फॉलोअर्स हैं। PM मोदी ने इन गेमर्स के साथ गेम्स भी खेले। इस दौरान गेमर्स ने PM से कहा कि आपको देखकर दिल अब तक धक-धक हो रहा है, तो मोदी ने मजाकिया लहजे में कहा- होने दीजिए।
गेमिंग इंडस्ट्री में नए डेवलपमेंट पर भी चर्चा हुई
प्रधानमंत्री ने गेमर्स से गेमिंग इंडस्ट्री में महिलाओं की भागीदारी पर चर्चा करते हुए जुआ बनाम गेमिंग से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की। उन्होंने गेमिंग इंडस्ट्री में नए डेवलपमेंट पर भी चर्चा की और कैसे मोदी सरकार ने भारत में गेमिंग इंडस्ट्री को बढ़ावा देने वाले गेमर्स की क्रिएटिविटी को पहचाना है।
PM ने पूछा- एक साथ आप लोग कंटिन्यू कितने घंटे खेलते हैं?
इसका जवाब देते हुए गेमर्स ने कहा कि जो ई स्पोर्ट्स एथलीट होते हैं वह 6 से 7 घंटे प्रैक्टिस के लिए देंगे। ई स्पोर्ट्स एथलीट की पूरी रूटीन होती है, दिन में उठने का समय, गेम का समय, डाइट सब कुछ होता है। वहीं, कंटेंट क्रिएटर्स दिन में लगभग 12 घंटे सोच ही रहे होते हैं। फिर हो सकता है कि वीडियो दो दिन में बन जाए या फिर 10 दिन तक न बने।
PM ने पूछा- क्या लड़कियों को पर्याप्त ऑपरच्युनिटी मिलती है?
इसका जवाब देते हुए पायल धारे ने कहा, ‘जब मैंने शुरू किया था तो मेरे पास भी मेरे पास भी 100-200 ऐसे लोगों के मैसेज आते थे कि मैंने आपको देखकर शुरू किया। इंडिया में भी लड़कियां टेक और गेमिंग फील्ड में आगे आ रही हैं।’
PM ने पूछा- हमारे देश में क्रिएटिव की दृष्टि से गेम की दुनिया में कंट्रीब्यूशन हो?
इसके जवाब में एक गेमर ने कहा – पिछले 2 साल में भारत में यूट्यूब पर जो कंटेंट बन रहा है वो नेक्स्ट लेवल का है। लोगों के पास फोन है, सभी के पास इंटरनेट का एक्सेस है तो हम लोग देश में ऐसा नया-नया कंटेंट देख रहे हैं जिसे दुनिया में किसी ने नहीं बनाया है। अगर हम गेमिंग को साइड में रखकर UPI को देखें तो वह इतना अच्छा सिस्टम है जो बाहर इतना अच्छा नहीं है।
प्रधानमंत्री ने गेमर्स से पूछा- मुझे बताने जैसी कोई चीज है क्या? आपके मन में कोई सवाल है?
इसपर गेमर्स ने प्रधानमंत्री से पूछा- क्या कोई रेगुलेटरी बॉडी हो सकती है क्या? इसपर पीएम ने कहा -रेगुलेट शब्द ठीक नहीं होगा वरना सरकार का स्वभाव होता है हर चीज में हस्तक्षेप करना। यह सरकार का मूल नेचर है। अब दो चीजें हैं, पहली- या तो आप उनको दबाने की कोशिश करो या तो कानूनी बंधन लगाकर अलग करो। दूसरी हैं कि आप चीजों को समझो, समझ के हमारे देश के रिक्वायरमेंट के अनुसार उसमें बदलाव करो। उसको कुछ कानून नियम, व्यवस्था के अंदर ढांचे में लाओ।
उसकी प्रतिष्ठा बढ़ाओ और अगर प्रतिष्ठा बढ़ जाती है तो बुरा करने वालों को बहुत देर लगती है। प्रधानमंत्री ने कहा- मेरी कोशिश है की देश की स्थिति इतनी आगे ले जाएं कि 2047 तक, खास तौर से मध्यम वर्गीय परिवारों की जिंदगी से सरकार बाहर निकल जाए। वरना ये कागज लाओ…वो कागल लाओ…ये क्यों गया…वहा कहां गया उसी में जिंदगी फंसी हुई है। सरकार की जरूरत गरीब को होती है, उसको मुसीबत के समय सरकार मिलनी चाहिए।
पीएम ने पूछा- गेमिंग की दुनिया में आज करोड़ों बच्चे हैं, उनकों यह मालूम है कि हमारे यहां इंटरनेट इतना सस्ता है?
सभी गेमर्स ने इसपर हामी भरते हुए कहा- हमारी शुरुआत ही ऐसे हुई है। आज के दिन इंडिया में 15 हजार गेम डेवलपर्स और 1500 से ज्यादा गेम स्टूडियोज भी हैं। भारत में गेमिंग 5 से 6 साल पहले ही बढ़ना शुरू हुई। 2019 में गेमिंग ने स्पीड पकड़ी। इसपर प्रधानमंत्री ने कहा- यानी सब कुछ मेरे आने के बाद हुआ।
अगले 5 साल में गेमिंग इंडस्ट्री दोगुना होने का अनुमान
विंजो की रिपोर्ट के मुताबिक, इंडियन गेमिंग इंडस्ट्री का सालाना रेवेन्यू 2028 तक 6 अरब डॉलर होने का अनुमान है। जबकि पिछले साल, यानी 2023 में इंडियन गेमिंग इंडस्ट्री का सालाना रेवेन्यू 3.1 अरब डॉलर था। अगले 5 साल में गेमिंग इंडस्ट्री का रेवेन्यू दोगुना होने का अनुमान जताया जा रहा है।