आगरा के जगनेर स्थित ब्रह्माकुमारी आश्रम में दो सगी बहनों ने खुदकुशी कर ली। आठ साल पहले दोनों ने दीक्षा ली थी। आश्रम के लोगों पर गंभीर आरोप लगाते हुए चार को आत्मघाती कदम के लिए जिम्मेदार ठहराया।
आगरा के ब्रह्माकुमारी आश्रम में शुक्रवार की रात दो सगी बहनों ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। खुदकुशी से पहले दोनों बहनों ने आश्रम के वॉट्सऐप ग्रुप में दो सुसाइड नोट भेजे थे। उन्होंने आत्महत्या के लिए आश्रम के चार कर्मचारियों को जिम्मेदार ठहराते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आसाराम की तरह ही इनको आजीवन कैद की सजा दिलवाने की अपील की है। मैसेज देख परिजन आश्रम पहुंचे तो दोनों बहनें छत पर लगे पंखों के हुक से फंदे पर लटकी हुई थीं।
दो दिन पहले ही भाई मिला था
जगनेर निवासी एकता (37) और शिखा (34) पिछले काफी समय से ब्रह्माकुमारी आश्रम से जुड़ी थीं। चार वर्ष पहले जगनेर में बसई रोड पर ब्रह्माकुमारी आश्रम की स्थापना के बाद वहां रहने लगीं। मृतकों के भाई सोनू ने पुलिस को बताया कि शुक्रवार रात 11.18 बजे उनके वॉट्सऐप पर रूपवास के ब्रह्माकुमारी आश्रम की बहन ने सुसाइड नोट भेजा। इससे एकता और शिखा द्वारा भेजे गए सुसाइड नोट की जानकारी मिली, जिसके बाद परिवार में कोहराम मच गया। घबराए परिजन भागकर जगनेर क्षेत्र के आश्रम पहुंचे। वहां दोनों बहनों को फंदे पर लटका देख बिलख पड़े। सूचना पर डीसीपी सोनम कुमार, एसीपी महेश कुमार, थाना प्रभारी जगनेर भी मौके पर पहुंच गए। सोनू ने उन्हें बताया कि दो दिन पहले वह आश्रम में दोनों बहनों से मिलकर गए थे। तब सब कुछ सामान्य था। खुदकुशी की सूचना पर आला अफसर आश्रम पर पहुंच गए।
चार को जिम्मेदार ठहराया
जगनेर के ब्रह्मकुमारी केंद्र में आत्महत्या करने वाली दोनों बहनों ने आठ साल पहले माउंट आबू में दीक्षा ग्रहण की थी। दीक्षा ग्रहण करने के बाद उनको कस्बा में केंद्र बनवाने का जिम्मा सौंपा गया था। बताया गया कि दोनों बहनों ने आश्रम के लिए आर्थिक सहयोग भी किया था। एसीपी खेरागढ़ महेश कुमार ने कहा कि दो बहनों ने आत्महत्या के बाद दो सुसाइड नोट छोड़े हैं। इनमें चार लोगों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। मामले की जांच की जा रही है।
सुसाइड नोट में ये लिखा
एकता और शिखा ने सुसाइड नोट में आश्रम के चार कर्मचारियों को आत्मघाती कदम के लिए जिम्मेदार ठहराया है। एकता के नाम से मिले तीन पेज के सुसाइड नोट की शुरुआत प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से निवेदन के साथ हुई है। सुसाइड नोट में कहा गया है कि दोनों बहनें एक साल से तनाव में थीं। केंद्र के चार कर्मचारियों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। सुसाइड नोट में जिक्र किया गया है कि उनकी मौत के बाद सेंटर को गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए दे दिया जाए। उनकी मौत के लिए जिम्मेदारों को आसाराम बापू की तरह आजीवन कारावास दिया जाए।