“IIT सहायक प्रोफेसर से डिजिटल धोखाधड़ी: मनी लॉन्ड्रिंग की धमकी, ‘कस्टम और CBI का अधिकारी’ बताकर ऑनलाइन फंसाया”..!

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“IIT भिलाई के एक सहायक प्रोफेसर से 50 हजार रुपए की ऑनलाइन ठगी का मामला सामने आया है। साइबर अपराधियों ने अपने आप को कस्टम और CBI का अधिकारी बताते हुए पीड़ित को मनी लॉन्ड्रिंग की धमकी देकर उसे फंसा लिया। उन्हें डिजिटली नजरबंद भी किया गया है। पुलगांव पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी की धारा के तहत FIR दर्ज किया है।

जानकारी के मुताबिक, IIT कैंपस कुटेलाभाठा निवासी सुभाजीत सिद्धार्थ के मोबाइल पर 9 अप्रैल को दोपहर में एक फोन आया। फोन पर बात करने वाले व्यक्ति ने खुद को DHL कुरियर कंपनी का कर्मचारी बताया और जानकारी दी कि उन्होंने चीन के एक व्यक्ति को एक पार्सल भेजा है, जिसे मुंबई के कस्टम अधिकारियों ने रोक लिया है।

इसके बाद आरोपी ने पीड़ित को बताया कि मुंबई पुलिस और CBI इस मामले में जांच कर रही है। दावा किया गया है कि इस पार्सल में कुछ आपत्तिजनक वस्तु हो सकती है, जिसे मनी लॉन्ड्रिंग के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। आरोपी ने पीड़ित से एक नंबर पर बात करवाई।”

मनी लांड्रिंग में FIR करने की दी धमकी

आरोपी ने सहायक प्रोफेसर की फोन पर जिससे बात कराई उसने व्यक्ति ने खुद को IPS अधिकारी बताया। उसने बोला कि इस मामले में उनके खिलाफ मनी लांड्रिंग की धारा के तहत FIR की जा रही है। आरोपियों ने पीड़ित को बहुत ज्यादा धमकाया।

मुंबई नहीं आने पर किया डिजिटली नजरबंद

आरोपियों की धमकी से डरकर पीड़ित ने कहा कि वो यात्रा कर मुंबई नहीं आ सकता है। तब आरोपियों ने कहा कि वे लोग डिजिटली उसकी सभी गतिविधियों पर नजर रखेंगे। इसके बाद आरोपियों ने स्काइप के माध्यम से वीडियो कॉल कर पीड़ित की हर गतिविधि की करीब 24 घंटे से ज्यादा समय तक निगरानी की।

50 हजार जमा कराए

आरोपियों ने पीड़ित के खाते में जमा रुपयों की वैधता की जांच करने के नाम पर उसे शासकीय खाते में जमा करने की बात कही। पीड़ित ने एक बार में आरोपी द्वारा बताए गए खाते पर 50 हजार रुपए भेज दिए, लेकिन वित्तीय लेनदेन की सीमा खत्म हो जाने के कारण बाकी के रुपए नहीं गए।

FIR रद्द की बात कही, लेकिन रुपए नहीं लौटाए

​​​​​​​दूसरे दिन आरोपियों ने कहा कि उनकी जांच पूरी हो गई और वे उनके खिलाफ दर्ज FIR को रद्द कर रहे हैं। इसके बाद आरोपियों ने वीडियो कॉल काट दिया और पीड़ित से लिए 50 हजार रुपए को वापस भी नहीं लौटाए। पीड़ित ने अपने साथ के लोगों से इस बारे में चर्चा की तो उसे इस बात का अहसास हुआ कि वो ठगी का शिकार हुआ है। जिसके बाद उसने पुलगांव पुलिस से शिकायत की।

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