महादेव सट्टा ऐप में लगातार ED और EOW कार्रवाई कर रही है। इस बीच महाराष्ट्र साइबर सेल ने एक्ट्रेस तमन्ना भाटिया को समन भेजा है। इधर रायपुर में तीन आरोपी सुनील दम्मानी, सतीश चंद्राकर और चंद्र भूषण वर्मा की 5 दिन की रिमांड EOW को मिल गई है।
इससे पहले ये तीनों आरोपी ED के केस में जेल में बंद थे। अब EOW ने बुधवार को पूछताछ के लिए इन्हें प्रोडक्शन वारंट में लिया था। इसके बाद स्पेशल कोर्ट में गुरुवार को पेश किया गया जहां से EOW को 30 अप्रैल तक तीनों की रिमांड मिल गई है।
29 अप्रैल को पेश होने के लिए कहा
सूत्रों के मुताबिक, अभिनेत्री तमन्ना भाटिया को महादेव ऐप के एक सहायक ऐप के प्रचार के सिलसिले में तलब किया है। एक्ट्रेस को महाराष्ट्र साइबर सेल ने कथित तौर पर IPL के दौरान फेयर प्ले सट्टेबाजी ऐप के प्रमोशन के सिलसिले में समन भेजा है।
तमन्ना को 29 अप्रैल को पेश होने के लिए कहा गया है। ये मामला फेयरप्ले App से जुड़ा है। फेयरप्ले ऐप महादेव ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी ऐप (Mahadev Gaming App) की ही सहायक कंपनी बताई जा रही है। इस ऐप पर 2023 वाले IPL सीजन की अवैध तरह से स्ट्रीमिंग की गई थी।
ASI चंद्रभूषण वर्मा को बताया मुख्य लाइजनर
इधर महादेव सट्टा एप पर अब EOW ने ED के प्रतिवेदन पर FIR दर्ज की है। ED ने अपनी जांच में पाया कि ASI चंद्रभूषण वर्मा छत्तीसगढ़ में मुख्य लाइजनर का काम कर रहा था। चंद्रभूषण दुबई के प्रमोटर्स से हवाला के जरिए हर महीने मोटी रकम लेता था।
चंद्रभूषण हवाला के जरिए मिलने वाली रकम को सीनियर पुलिस अफसरों को भी बांट रहा था। ED के मुताबिक राजनीतिक रूप से मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े लोगों को ‘संरक्षण राशि’ भी दी जा रही थी।
‘कार्रवाई के बाद रिश्वत की रकम बढ़ाई गई’
ED की अब तक की जांच से पता चला है कि करीब 65 करोड़ रुपए नगद मिले हैं जिसे चंद्रभूषण वर्मा ने रिसीव किया। इसे वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और राजनेताओं को बांटा गया। ED ने गंभीर आरोप लगाते हुए जानकारी दी है कि ASI चंद्रभूषण वर्मा पुलिस में बहुत बड़े पोस्ट में नहीं था लेकिन ताकतवर लोगों से संपर्क में था।
बताया जा रहा है कि, चंद्रभूषण हर महीने बड़ी रकम रिश्वत में ले रहा था और भुगतान भी कर रहा था। साथ ही वर्मा ने ये भी स्वीकार किया है कि मई 2022 में पुलिस की कुछ कार्रवाई के बाद रिश्वत की रकम भी बढ़ाई गई थी।
सुनील दम्मानी और सतीश चन्द्राकर पर ये आरोप
ED ने अपनी जांच में पाया है कि सतीश चंद्राकर महादेव ऑनलाइन बुक के प्रमोटर्स की जेब से आने वाले पैसों को संभाल रहा था। और महादेव ऑनलाइन बुक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने के लिए इसे अधिकारियों तक रुपए पहुंचाता था।
सुनील कुमार दम्मानी और उसका भाई अनिल दम्मानी हवाला ऑपरेटर हैं। दोनों भाई बड़े पैमाने पर पैसों को हवाला के जरिए इधर से उधर करने की सुविधा देते थे।
EOW ने दो आरोपियों ने किया गिरफ्तार
24 अप्रैल को EOW ने महादेव स्ट्टा एप को लेकर पहली कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। EOW ने आरोपी राहुल वकटे और रितेश यादव को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था। राहुल वकटे और रितेश यादव को EOW ने 6 दिन की रिमांड पर लिया है।
30 अप्रैल तक दोनों से EOW पूछताछ करेगी। राहुल वकटे की गिरफ्तारी दिल्ली और रितेश की गोवा से की गई है। टीम ने हवाला के 43 लाख रुपए भी सीज किए हैं। दोनों आरोपी अगस्त में निलंबित एएसआई चंद्रभूषण वर्मा की गिरफ्तारी के बाद से ही फरार चल रहे थे।
गौरतलब है कि एंटी करप्शन ब्यूरो ने ED के प्रतिवेदन पर महादेव ऑनलाइन सट्टा एप मामले में 19 लोगो के खिलाफ नामदज FIR दर्ज की है। जिमसें सौरभ चंद्राकर,रवि उप्पल समेत पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समते कई करोबारी के नाम है।