छत्तीसगढ़ PSC परीक्षा 2021 में अनियमितता की जांच अब CBI करेगी। इसे लेकर केंद्र सरकार ने विधिवत अधिसूचना भी जारी कर दी है। युवाओं ने चयन प्रक्रिया में भाई-भतीजावाद और गड़बड़ी को लेकर कई शिकायतें की थी, जिसके बाद साय सरकार ने मामले में FIR दर्ज कर CBI जांच की मंजूरी दी थी।
छत्तीसगढ़ PSC परीक्षा 2021 का मामला विधानसभा चुनाव के दौरान भी खूब गरमाया था। इसे लेकर प्रदेशभर के युवाओं ने प्रदर्शन किया था, जिसके बाद बीजेपी ने इस पूरे मामले की सीबीआई जांच करवाने की बात कही थी। घोटाले में अफसरों और नेताओं पर अपने परिवार के लोगों के सिलेक्शन का आरोप है।
साय कबिनेट ने लिया था जांच का फैसला
छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार बनने के बाद 3 जनवरी को हुई साय कैबिनेट की बैठक में इस मामले की सीबीआई से जांच कराने का फैसला लिया गया था। राज्य सरकार की सहमति मिलने के बाद केन्द्र सरकार ने जांच के लिए अधिसूचना जारी कर यह मामला अब सीबीआई के सुपुर्द कर दिया है।
भाई-भतीजावाद और गड़बड़ी के आरोप
छत्तीसगढ़ पीएससी परीक्षा 2021 में राज्य के 12 विभागों के लिए 170 पदों पर भर्ती के लिए चयन सूची जारी की गई थी। चयन सूची जारी होते ही प्रतिभागियों का गुस्सा फूट पड़ा था। एंटी करप्शन ब्यूरो/आर्थिक अपराध ब्यूरो ने भी इस मामले में अपराध दर्ज किया था।
पूर्व चेयरमैन समेत इनके खिलाफ नामजद FIR
इसमें आयोग के पूर्व चेयरमैन टामन सोनवानी, पूर्व सचिव जीवन किशोर ध्रुव, परीक्षा नियंत्रक सहित अन्य अफसरों और नेताओं का नाम है। 15 फरवरी को बालोद के एक अभ्यर्थी ने अर्जुंदा थाने में लिखित में शिकायत दी थी। अभ्यर्थी 2021 में PSC की परीक्षा शामिल हुआ था।
अभ्यर्थी ने अपनी शिकायत में बताया था कि, वह प्रिलिम्स और मेंस पास होने के बाद इंटरव्यू तक पहुंचा। उसका इंटरव्यू भी अच्छा गया, लेकिन चयन नहीं हुआ। जबकि कुछ लोग इंटरव्यू से तुरंत निकल गए। इसके बाद भी उनका चयन हो गया।
दिल्ली विशेष पुलिस एक्ट की शक्तियों में विस्तार
केन्द्र सरकार ने जो अधिसूचना जारी की है, उसके अनुसार दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम की धाराओं में शक्तियों का प्रयोग करते हुए अपराध संख्या 28/2024 से जुड़े मामलों की खोज और जांच करने के लिए पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान के सदस्यों की शक्तियों और अधिकार क्षेत्र का विस्तार किया गया है।