भिलाई के निगम वाले ट्रेंचिंग ग्राउंड में लगी आग; 25 लाख तक के नुकसान की आशंका जताई…!

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नगर निगम, भिलाई के ट्रेंचिंग ग्राउंड में दिवाली की रात भीषण आग लग गई। इसे बुझाने के लिए काफी जद्दोजहद किया गया। बावजूद वहां से धुंआ निकलना जारी है। वहीं बिजली कंपनी ने पुलिस थाना व नगर निगम, भिलाई से शिकायत की है कि हाईटेंशन लाइन का टॉवर क्षतिग्रस्त हुआ है। इससे करीब 25 लाख तक का नुकसान होने की आशंका है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

निगम को दिया शिकायती पत्र
बिजली विभाग ने निगम, भिलाई को शिकायती पत्र दिया है, इसमें स्पष्ट किया है कि जामुल (घासीदास नगर) ट्रेंचिंग ग्राउंड 132 केवी अति उच्चदाब भिलाई-छावनी- कुरूद पारेषण लाइन, जिससे 132 केवी कुरूद-भिलाई उपकेंद्र उर्जीकृत है व भिलाई के शहरी क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति की जाती है। लाइन पेट्रोलिंग के दौरान मालूम हुआ कि उपरोक्त अति उच्च दाब लाइन का टॉवर क्रमांक-8 जो कि ट्रेंचिंग ग्राउंड में पूर्व से स्थापित है, इसमें टॉवर के चारों तरफ मलबा एकत्रित होने के कारण टॉवर क्षतिग्रस्त हो गया है।

कभी भी जा सकती है बिजली
पेट्रोलिंग स्टाफ ने टॉवर के अगल-बगल मलबा न फेंकने के लिए स्थल पर उपस्थित ठेकेदारों के कर्मियों को बताए जाने पर भी मलबा टॉवर के पास एकत्रित होने से उक्त टॉवर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। टॉवर के गिरने से कभी भी अप्रिय स्थिति निर्मित हो सकती है। विद्युत व्यवधान होने की संभावना बनी हुई है, यह कृत्य विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 139 के उल्लंघन है।

नियम के खिलाफ कार्य
शिकायत में बताया गया है कि केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सुरक्षा व विद्युत आपूर्ति संबंधी उपाय) अधिनियम 2010 के विनियम 64 जिसके तहत ओवरहेड लाइन के नजदीक सामग्री की ढुलाई और भंडारण कार्य उल्लंघन माना गया है। यह कृत्य लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984 तहत आता है। टॉवरों को नुकसान लाइन के नीचे कचरा एकत्र किए जाने के कारण हुआ है। टॉवर क्षतिग्रस्त होने से और लाइन का ग्राउंड क्लियरेंस कम होने से कभी भी किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति की आशंका बनी हुई है।

बिजली विभाग ने की आपत्ति
केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण (सुरक्षा व विद्युत आपूर्ति संबंधी उपाय) अधिनियम 2010 के विनियम 64 जिसके तहत ओवरहेड लाइन के नजदीक सामग्री की ढुलाई और भंडारण से संबंधित निम्न कार्य उल्लंघन माना जाएगा
– खुले ओवरहेड सुचालकों या लाइनों के नीचे से या आसपास से किसी भी प्रकार की छड़े, पाइप या ऐसी ही सामग्री ले जाने से यदि विनियम 60 के उपबंधों का उल्लंघन होता है, तो ढुलाई का यह कार्य केवल ओवरहेड सुचालक या लाइनों के स्वामी से उनकी तरफ से अभिहित व्यक्ति के प्रत्यक्ष पर्यवेक्षण में ही किया जाएगा।
– किसी भी प्रकार की छड़ पाइप या ऐसी ही अन्य सामग्री विद्युत प्रवाहित खुले सुचालाकों या लाइनों के इतनी नजदीक नहीं लाई जाएगी, कि उनसे फ़्लैश या स्पार्क होने की संभावना बनें।

– खुले सुचालकों या लाइनों के नीचे या आसपास कोई सामग्री या खुदाई की गई मिट्टी या कृषि उत्पाद जमा या भंडारित नहीं किया जाएगा, ना ही कोई वृक्ष लगाया जाएगा। ऐसा कार्य विनियम 60 और 61 का उल्लंघन माना जाएगा। विद्युत आपूर्ति लाइन के नीचे कोई भी ज्वलनशील सामग्री जमा नहीं की जाएगी।
– भूमिगत केबलों के उपर आग जलाने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
– विद्युत लाइनों के नीचे किसी भी पदार्थ को जलाना प्रतिबंधित होगा।
– केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सुरक्षा व विद्युत आपूर्ति संबंधी उपाय) अधिनियम 2010 के विनियम 64 जिसके तहत ओवरहेड लाइन के नजदीक सामग्री की ढुलाई और भंडारण कार्य उल्लंघन माना गया है।

निगम और थाना में की है शिकायत

बिजली कंपनी, कार्यपालक अभियंता, टीएन बिलू ने कहा- “रात में निगम जिस स्थान पर कचरा एकत्र कर रहा है, वहां भीषण आग लग गई थी। यहां बिजली विभाग की हाईटेंशन लाइन का टॉवर है। वह भी क्षतिग्रस्त पहले ही हो चुका है। इस संबंध में निगम व थाना में शिकायत की गई हैं।”

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