साइंस पढ़ने के लिए छात्राें काे प्रतिमाह 5 हजार रुपए की स्कॉलरशिप देने वाले सेंटर फाॅर बेसिक साइंस (सीबीएस) ने 20 सीटें बढ़ाई है। लेकिन इन सीटों के लिए प्रवेश लेने वाले छात्रों को स्कॉलरशिप नहीं मिलेगी। इसके अलावा उन्हें एक साल में 50 हजार फीस भी देनी होगी। सीबीएस में इस बार 60 सीटों में प्रवेश दिए जाएंगे। इनमें 40 सीटें ही स्कॉलरशिप की है। जो सीटें बढ़ी है, उनमें पेमेंट सीट के तहत प्रवेश दिए जाएंगे। सीबीएस के लिए 1 जून को प्रवेश परीक्षा होगी। इसके लिए 16 मई तक फार्म भरे जाएंगे।
एडमिशन के इस नई व्यवस्था को लेकर सवाल उठने लगे हैं। जानकारों का कहना है कि सीबीएस में सीट बढ़ना अच्छा है। क्योंकि, ज्यादा छात्रों को प्रवेश मिलेगा। लेकिन पेमेंट सीट के तौर पर बढ़ोत्तरी करना सही नहीं है। क्योंकि, इसका भार पैरेंट्स की जेब पर पड़ेगा। एक ओर 40 सीटों में प्रवेश लेने वाले छात्रों की प्रति सेमेस्टर फीस 2 से तीन हजार रुपए है। इसी तरह उन्हें हर महीने 5 हजार रुपए स्कॉलरशिप के ताैर पर दिए जाते हैं। वहीं दूसरी ओर 20 छात्राें काे छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी, इसके अलावा उन्हें 25 हजार रुपए प्रति सेमेस्टर की फीस भी देनी होगी।
जबकि सभी छात्रों का चयन एंट्रेंस एग्जाम के तहत होगा। इस तरह से फीस के मामले में अलग-अलग व्यवस्था सही नहीं है। गौरतलब है कि सीबीएस प्रदेश में अपनी तरह का पहला सेंटर है, जहां बेसिक साइंस की पढ़ाई के लिए छात्रों को हर महीने 5 हजार रुपए की छात्रवृत्ति दी जाती है।
साइंस के प्रति छात्रों का रुझान बढ़ाने शुरू हुआ सेंटर
साइंस के प्रति छात्रों का रुझान बढ़ाने के लिए वर्ष 2015 में इस सेंटर की शुरुआत हुई। शुरुआती वर्षों में छात्रों की दिलचस्पी कम रही, लेकिन अब रुझान बढ़ा है। छात्रों का कहना है कि जिस उद्देश्य के साथ यह सेंटर शुरू हुआ था, अब ऐसा नहीं है। क्योंकि, अब पेमेंट सीट के तौर पर सीटें बढ़ाई गई है। इसमें छात्रों से ज्यादा पैसे लिए जा रहे हैं। जबकि पहले सभी को स्कॉलरशिप दिया जाता था। ऐसे में कुछ छात्रों को फायदा होगा और कुछ को नुकसान। गौरतलब है कि पिछली बार की प्रवेश परीक्षा के लिए 3 हजार से अधिक छात्रों ने आवेदन किया था। इस बार भी ज्यादा संख्या में आवेदन का अनुमान है।
12वीं साइंस के आधार पर एट्रेंस के लिए आवेदन
साइंस से बारहवीं पास करने वाले छात्र सीबीएस प्रवेश परीक्षा के लिए पात्र हैं। यहां एमएससी फाइव ईयर प्रोग्राम संचालित है। एक बार प्रवेश लेने के बाद छात्र यहां से एमएससी तक की पढ़ाई कर सकते हैं। तीन साल की पढ़ाई के बाद यूजी की और पांच साल की पढ़ाई पूरी करने के बाद एमएससी की डिग्री दी जाती है। मैथ्स व बायो दोनों ग्रुप की सीटें हैं। 30 सीटें मैथ्स व 30 बायो की है।
पेमेंट सीट के नाम पर लिए जा रहे हैं ज्यादा शुल्क
सीबीएस ही नहीं, रविवि में कुछ अन्य विभाग में भी पेमेंट सीट के नाम पर छात्रों को ज्यादा फीस ली जा रही है। इसी तरह राज्य के अन्य संस्थान जैसे इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय समेत अन्य में भी कई कोर्स में पेमेंट सीट के तहत एडमिशन दिए जाते हैं। इसे लेकर जानकारों का कहना है कि जिन कोर्स की डिमांड ज्यादा है और छात्रों की संख्या अधिक रहती है, वहां पेमेंट सीट का कंसेप्ट लाया जा रहा है। जबकि जिनमें छात्रों का रुझान कम है, वहां की सीटें सामान्य तौर पर ही बढ़ा दी जाती है।