फर्ज कीजिए कि आप एक आईने के सामने खड़े हैं और आपका पेट सामान्य से थोड़ा अधिक बाहर निकला हुआ है। या फिर आप अपनी फेवरेट जींस पहनने की कोशिश कर रहे हैं और वह कमर से बहुत टाइट है। जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, कई लोगों के पेट की चर्बी यानी बेली फैट धीरे-धीरे बढ़ने लगता है। बेली फैट एक ऐसी समस्या है, जो महिला या पुरुष, किसी को भी हो सकती है। बेली फैट को कम करना आसान काम नहीं है। खासकर पेट के निचले हिस्से की चर्बी को क्योंकि यहां कई जिद्दी फैट टिश्यू होते हैं, जो सेहत के लिए भी खतरा हो सकते हैं।
बेली फैट को कम करने के लिए कोई जादू की गोली नहीं है। लेकिन अगर अच्छी डाइट, हेल्दी लाइफस्टाइल और एक्सरसाइज को फॉलो किया जाए तो इसे कम किया जा सकता है।
इसलिए आज ‘सेहतनामा‘ में बात करेंगे बेली फैट की। साथ ही जानेंगे कि-
- यह स्वास्थ्य के लिए कितना खतरनाक है?
- इसे नेचुरल तरीके से कैसे कम किया जा सकता है?
आगे बढ़ने से पहले ये समझते हैं कि बेली फैट होता क्या है।
हमारे पेट के निचले हिस्से के आसपास जमा चर्बी को बेली फैट कहते हैं। इससे न सिर्फ शरीर का आकार खराब होता है, बेली फैट बढ़ने के साथ कई बीमारियों का रिस्क भी बढ़ता है।
कई गंभीर बीमारियों की वजह बन सकता है बेली फैट
बेली फैट का मतलब सिर्फ पेट का बाहर निकलना या पेट पर मोटी चर्बी जमा हो जाना नहीं है। बेली फैट की तीन लेयर्स होती हैं।
इसे सबक्यूटेनियस फैट भी कहा जाता है। बेली फैट में विसरल फैट भी शामिल होता है। यह पेट के अंदर के भाग में स्थित होता है, जो शरीर के इनर ऑर्गन्स जैसे लिवर, किडनी, पैंक्रियाज, बड़ी आंत के आसपास जमा हो सकता है। अगर आपका बाकी शरीर मोटा नहीं है और सिर्फ पेट गोल मटके के आकार में बाहर निकल आया है तो यह विसरल फैट ही है। यानी शरीर के संवेदनशील आंतरिक अंगों के चारों ओर फैट की मोटी लेयर जमा हो रही है।
बेली फैट को कैसे करें कम
बेली फैट कम करना तो हर कोई चाहता है, लेकिन उसे कम करना पहाड़ चढ़ने जितना मुश्किल लगता है। अकसर लोग कहते मिल जाएंगे कि पूरे शरीर से चर्बी घटने के बाद सबसे अंत में पेट का नंबर आता है। ये बात सच भी है।
लेकिन इसका कारण ये नहीं है कि बेली पैट अपने आप में कोई जटिल समस्या है। दिक्कत ये है कि बेली फैट शरीर के ऊपर जमा चर्बी से ज्यादा शरीर के भीतर ऑर्गन्स के आसपास जमा हुई चर्बी है।
इसलिए बेली फैट को कम करने के लिए समूची लाइफस्टाइल में आमूल-चूल बदलाव की जरूरत है।
तो चलिए जानते हैं कि जिद्दी बेली फैट को कैसे कम किया जाए।
हर दिन 10,000 कदम पैदल चलें
अगर आप योग या व्यायाम शुरू नहीं कर पा रहे हैं तो रोज पैदल चलने से शुरुआत करना एक बेहतर विकल्प है।
बेली फैट कम करने की कोशिश करते समय लोग सबसे बड़ी गलती ये करते हैं कि वे एक साथ बहुत तेज और देर तक टहलने की कोशिश करते हैं और ऐसा करने में थक जाते हैं।
हमेशा ध्यान रखें कि धीमी गति से शुरुआत करना और आगे बढ़ते रहना सबसे बेहतर है। नियमितता बहुत जरूरी है। रात के खाने के बाद 15 मिनट टहलें। फिर धीरे-धीरे अपने टहलने का समय बढ़ाएं।
पेट पर जमा फैट दरअसल चीनी और रिफाइंड कार्ब्स है
अगर वजन कम करना है तो रिफाइंड कार्ब्स और शुगर को सबसे पहले अलविदा करें। ये चीजें आपका मेटाबॉलिज्म बिगाड़ देती हैं। इंसुलिन रेजिस्टेंस पैदा करती हैं और इंटर्नल ऑर्गन्स के चारों ओर जमा हुए विसरल फैट का सबसे बड़ा कारण भी होती हैं।
स्ट्रेस मैनेजमेंट है जरूरी
तनाव आपके शरीर के हर हिस्से के साथ खिलवाड़ कर सकता है। आप इससे कैसे निपटते हैं, यह आपके वजन घटाने के लक्ष्य को बना या बिगाड़ भी सकता है। तनाव का अधिकांश प्रभाव न्यूरोकेमिकल की बजाय व्यवहारिक होता है। यह हमें अधिक खाने के लिए प्रेरित करता है, क्योंकि हम स्ट्रेस से निपटने के लिए भोजन को एक विकल्प के रूप में देखते हैं। स्ट्रेस में व्यक्ति शुगर, हाई कार्ब और रिफाइंड कार्ब ज्यादा खाता है। इसलिए अपने स्ट्रेस को नियंत्रित रखें। उसके लिए योग, ध्यान मेडिटेशन भी कर सकते हैं।
कैलोरी काउंट करें, जितना खाएं उससे ज्यादा खर्च करें
बेली फैट को कम करने के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है कि शरीर जितनी कैलोरी जला रहा है, उससे कम कैलोरी खाई जाए। या यूं कहें कि जितना खाएं, उससे ज्यादा खर्च करें। इससे शरीर में कैलोरी डेफिसिट होता है। यह विसरल फैट और अतिरिक्त सबक्यूटेनियस फैट, दोनों को जलाने में मदद करता है। इसके अलावा लो कैलोरी वाले फूड आइटम्स अक्सर हाई कैलोरी फूड आइटम्स की तुलना में अधिक पौष्टिक होते हैं।
कैलोरी बर्न करने के लिए जरूरी है मेहनत यानी शारीरिक श्रम। सिर्फ कुर्सी-मेज पर बैठकर दिमागी कसरत न करें। शरीर को भी कसरत की आदत डालें।
भोजन की थाली में बढ़ाएं फाइबर की मात्रा, फल-सब्जियां ज्यादा खाएं
फल और सब्जियों के साथ मोटे अनाज और दालें फाइबर और कार्बोहाइड्रेट का अच्छा सोर्स हैं, लेकिन इनमें कॉम्प्लेक्स कार्ब होता है। इसे पचने में अधिक वक्त लगता है और ब्लड शुगर लेवल भी तुरंत स्पाइक नहीं होता है। प्रकृति इस बात का ख्याल रखती है कि कार्ब के साथ फाइबर भी भरपूर मात्रा में रहे। इनमें कैलोरी भी कम होती है। इसलिए कार्ब खाना ही है तो थाली में अनाज शामिल करें और उसे फल-सब्जियों यानी फाइबर के साथ ही खाएं।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश एक स्टडी के मुताबिक, फाइबर के सेवन से आंत और लिवर में अधिक फैट नहीं जमा होता है। इसलिए फाइबर से भरपूर भोजन करने से वजन कम करने में मदद मिलती है।
डेली लाइफ में फिजिकल एक्टिविटी जरूरी
आपने ऊपर कैलोरी डिफिसिट के बारे में पढ़ा। यह वजन कम करने के लिए बहुत जरूरी है कि आप दिन भर में जितनी कैलोरीज कंज्यूम कर रहे हैं, उससे ज्यादा कैलोरीज बर्न की जाएं।
कैलोरीज बर्न करने के लिए शरीर का मूवमेंट जरूरी है। आपको अपनी फिजिकल एक्टिविटी बढ़ानी चाहिए। इससे वेट लॉस होगा, साथ ही आपकी स्ट्रेंथ भी बरकरार रहेगी। एक्सरसाइज करने से हैप्पी हॉर्मोन रिलीज होते हैं तो मन भी खुश बना रहेगा।
इसके लिए ये टिप्स अपना सकते हैं-
- अगर लंबे समय तक चेयर पर बैठे हैं तो स्ट्रेचिंग कर लें।
- कहीं चढ़ने-उतरने के लिए लिफ्ट की बजाय सीढ़ियों का इस्तेमाल करें।
- हर रोज करीब 30 मिनट पैदल चलें या साइकिल चलाएं।
- किसी काम से बहुत दूर नहीं जाना हो तो वाहन की जगह अपने दोनों पैरों का इस्तेमाल करना बेहतर है।