अपनी 4 साल की मासूम बच्ची को महिला सरपंच ने जंगल में छोड़ा, भूख-प्यास से हो गई तड़प तड़पकर दर्दनाक मौत..!

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छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में महिला सरपंच अपनी 3 साल की मासूम बच्ची को जंगल में छोड़कर घर आ गई, जिससे बच्ची की भूख-प्यास से मौत हो गई। 4 दिन खोजबीन के बाद पुलिस ने शव को बरामद कर लिया है। पूरा मामला लोरमी थाना क्षेत्र के खुड़िया चौकी का है।

बताया जा रहा है कि ग्राम पटपरहा की महिला सरपंच संगीता पंद्राम 6 मई को घरेलू विवाद के बाद 3 वर्षीय अनुष्का और एक वर्षीय बेटे को अपने साथ लेकर शाम को मायके जाने पैदल ही निकल गई। महिला का मायके तकरीबन 25 किमी दूर मध्यप्रदेश के डिंडौरी जिले के गोपालपुर में स्थित है।

रात में एक बच्चे को छोड़कर वापस लौटी मां

एसडीओपी माधुरी धीरही ने बताया कि महिला सरपंच ने बच्ची को अचानकमार टाइगर रिजर्व एरिया में स्थित 5 किमी दूर मैलू पहाड़ी पर छोड़कर आ गई थी, जिसकी जानकारी अपने पड़ोसियों की दी थी। पति शिवराम पंद्राम को पता चलते ही रात में अपने साथियों के साथ बच्ची को खोजने जंगल चले गए, लेकिन नहीं मिली।

4 दिन बाद मिली बच्ची की लाश

घटना के दूसरे दिन मृत बच्ची के पिता ने खुड़िया चौकी पहुंचकर घटना की जानकारी दी, जिसके बाद खुड़िया पुलिस भी परिवार वालों के साथ बच्ची की खोजबीन शुरू की। इस दौरान बच्ची की मां ठीक तरह से ये नहीं बता पा रही थी कि बच्ची को जंगल के किस हिस्से में छोड़ी है,जिसके चलते परिजन और पुलिस लगातार खोजबीन करते रही।

9 तारीख की रात को मिली लाश

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक 24 घंटे में जब बच्ची नहीं मिली तो पुलिस ने गुम इंसान कायम कर कई टीम बनाकर खोजबीन शुरू की। इस दौरान 9 तारीख की रात को बच्ची की लाश पहाड़ी के ऊपर मिली। पुलिस ने मर्ग कायम कर उसे पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।

जंगली जानवरों के नहीं मिले निशान

4 दिन पुरानी लाश मिलने पर शव परीक्षण में पुलिस ने पाया है कि बच्ची के शव में किसी तरह के जंगली जानवरों के निशान नहीं पाए गए हैं। वहीं शव पुरानी होने की वजह से उसमे कीड़े लग गए थे।

हत्या या भूख -प्यास से हुई मौत ?

बच्ची की संदिग्ध मौत ने कई सवाल भी खड़े कर दिए हैं। ऐसे में ये आशंका जताई जा रही है कि कहीं मां ने तो बच्ची का गला घोंट दिया या फिर बच्ची ने जंगल में भूख प्यास की वजह से दम तोड़ दिया। फिलहाल पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की असल वजहों का पता चलेगा।

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