छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनावों के बाद इसी साल नगरीय निकाय चुनाव भी होने हैं। नियमों में बदलाव के साथ इस बार प्रत्यक्ष रूप से मेयर का चुनाव हो सकता है। प्रदेश के डिप्टी CM और नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव ने इसकी ओर इशारा किया है। साव मंगलवार को रायपुर में मीडिया से बात कर रहे थे।नगरीय निकाय में अप्रत्यक्ष प्रणाली को बदला जाएगा क्या? इस सवाल के जवाब में साव ने कहा कि, लोकसभा चुनाव की समाप्ति के बाद नगरीय निकाय चुनाव कैसे हों, इस पर निर्णय करेंगे। सभी एंगल पर विचार करने के बाद ही इस पर फैसला लेंगे हमारी सरकार नगरीय निकाय चुनाव के लिए तैयार है।
वहीं, पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा कि बीजेपी इन 5 महीनों में पूरी तरह से असफल हो चुकी है। मुझे तो यह भी लगता है की पूरी तरह से डर में है। नगरीय निकाय चुनाव सामने हैं, उसके लिए कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से तैयार है।
कांग्रेस सरकार ने बदला था निकाय चुनाव नियम
दरअसल, पांच साल पहले तक जनता ही पार्षदों के साथ मेयर का चुनाव करती थी, लेकिन भूपेश बघेल सरकार ने इसमें बदलाव कर दिया। उन्होंने जनता से हक लेकर पार्षदों को दे दिया था। उसके बाद एजाज ढेबर को महापौर चुना गया। तब भाजपा ने इसका विरोध भी किया था। रायपुर में आखिरी बार बलबीर जुनेजा ही अप्रत्यक्ष चुनाव से महापौर बने थे।
दिग्विजय सरकार ने जनता को दिया था अधिकार
छत्तीसगढ़ राज्य बनने से पहले अविभाजित मध्यप्रदेश में 1999 में कांग्रेस की दिग्विजय सिंह सरकार ने राज्य में महापौर चुनने का अधिकार पार्षदों से छीनकर जनता के हाथ में दिया था। तब तरुण चटर्जी पहले महापौर चुने गए। वे 2000 से 2003 तक महापौर रहे। इसके बाद 2004 के चुनाव में भाजपा के सुनील सोनी चुनकर आए। वे 2010 तक महापौर रहे।
इसके बाद पूरे 10 साल रायपुर निगम में कांग्रेस का कब्जा रहा। पहले डॉ किरणमयी नायक महिला आरक्षण के कारण महापौर बनीं। उन्होंने भाजपा की प्रभा दुबे को हराया था। 2015 में प्रमोद दुबे महापौर चुनकर आए। इसके बाद 2018 में भूपेश बघेल सरकार ने नियमों में फेरबदल किया गया और 2018 में पार्षदों ने एजाज ढेबर को मेयर चुना था।
बैज बोले- दोनों ही परिस्थितियों में चुनाव लड़ने को तैयार
पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा भाजपा सरकार की नाकामियों को लेकर हम जनता के बीच जाएंगे। ये भी तय है कि फिर से हमारे ज्यादा पार्षद जीतकर आएंगे। पंचायत से लेकर निगम तक कांग्रेस की जीत होगी। प्रदेश की सरकार यानी कि बीजेपी को तय करना है कि किस प्रणाली से चुनाव हो। हम दोनों ही प्रणाली के लिए तैयार हैं।
मुठभेड़ पर कांग्रेस का सवाल उठाना दुर्भाग्यजनक
डिप्टी CM ने पीडिया एनकाउंटर पर कांग्रेस के सवाल उठाने पर भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि, 5 साल कांग्रेस की सरकार ने बस्तर के साथ अन्याय किया। नक्सलवाद को पाला-पोसा, बस्तर की शांति और खुशहाली के लिए, विकास के लिए हमारे सुरक्षा बल के बहादुर जवान जो कार्रवाई कर रहे हैं, उस पर भी प्रश्न चिन्ह उठाने का काम यह कांग्रेसी कर रहे हैं।
यह वही कांग्रेस पार्टी है जो सर्जिकल स्ट्राइक पर प्रश्न चिन्ह लगाती है। अब जब हमारे सुरक्षा बल बस्तर में शांति बहाली का काम कर रहे हैं। बस्तर को विकास की दिशा में ले जाना चाह रहे हैं उस पर भी कांग्रेस पार्टी प्रश्न चिन्ह उठा रही है, यह बहुत ही दुर्भाग्य जनक है। सुरक्षाबलों की कार्रवाई सही दिशा में जा रही है और कांग्रेस पार्टी की हर हरकत को बस्तर की जनता देख रही है।
ओडिशा में CG की तरह सुभद्रा योजना
छत्तीसगढ़ में महतारी वंदन योजना की तरह भाजपा ने ओडिशा में सुभद्रा योजना लाने का प्रचार किया है। इसे लेकर साव ने कहा- पिछले 10 सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम जनता ने देखे हैं। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, नारी सशक्तिकरण के लिए, महिला स्व सहायता समूह, बिहान योजना ऐसी अनेक योजनाओं के माध्यम से काम हुए।
नारी शक्ति वंदन अधिनियम लाकर जो माता बहनों को सशक्त बनाकर देश के विकास में उनकी प्रभावी भूमिका सुनिश्चित करने की दिशा में जो काम किया है उसके कारण से आज महतारी में माता बहनों में एक जागृति आई है।
छत्तीसगढ़ में जो महतारी वंदन योजना हमने लागू की है, पड़ोसी राज्य ओडिशा में उसकी खूब चर्चा है और उसी तर्ज पर ओडिशा भारतीय जनता पार्टी ने सुभद्रा योजना वहां की माताओं बहनों को देने का काम कर रही है, ताकि ओडिशा की माताएं बहने सशक्त बने।