छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में कांग्रेस नेता और ट्रांसपोर्ट कारोबारी विक्रम बैस की हत्या की साजिश फिल्मी स्टाइल में रची गई थी। मास्टरमाइंड समेत वारदात में शामिल हत्यारों ने हत्याकांड को अंजाम देने के लिए बाहर से शूटर बुलाए, फिर ऐसी प्लानिंग की कि पुलिस को उन पर शक न हो। यही वजह है कि वारदात से पहले ही सविक्रम बैसभी आरोपियों ने शहर छोड़ दिया था।
केवल शूटर घटनास्थल और उसके आसपास मौजूद थे। इसके बाद भी पुलिस ने हत्यारों की पहचान कर ली और उनकी तलाश शुरू कर दी। आपसी प्रतिस्पर्धा के चलते ट्रांसपोर्ट कारोबारी कांग्रेस नेता की हत्या की बात सामने आई है। इस मामले का मास्टर माइंड अब तक पुलिस गिरफ्त से बाहर है। वहीं, हत्या में शामिल 9 आरोपी पुलिस की हिरासत में हैं।
नारायणपुर SP से इनपुट मिला- हत्यारे बिलासपुर की तरफ भाग रहे हैं
बिलासपुर एसपी रजनेश सिंह ने बताया कि, मंगलवार की रात नारायणपुर एसपी ने इनपुट दिया कि बैस के हत्यारे बिलासपुर की तरफ भाग रहे हैं। इसके बाद मंगलवार रात लगभग 10.30 बजे पुलिस ने रायपुर-बिलासपुर नेशनल हाईवे समेत अन्य रास्तों पर नाकेबंदी कर दी।
इस दौरान रायगढ़ जाने वाले मार्ग में पाराघाट टोल प्लाजा पर कार सवार बदमाश बैरियर तोड़कर भागने लगे। उनका पीछा करते हुए पुलिस ने कार रोकने की कोशिश की और एक युवक को खींचकर बाहर निकाला। दो आरोपियों ने पुलिसकर्मियों पर गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की और भाग निकले। पुलिस ने कार को जब्त कर ली। तलाशी में कार में कुछ नहीं मिला।
रात भर सर्चिंग, दूसरा आरोपी गिरफ्तार
इस दौरान पुलिस अफसर और जवान पूरी रात सर्चिंग ऑपरेशन चलाकर दो फरार आरोपियों की तलाश करते रहे। बुधवार की सुबह पुलिस ने दूसरे आरोपी को भी दबोच लिया। जबकि, तीसरे आरोपी का अब तक पता नहीं चल सका है।
बिलासपुर पुलिस की गिरफ्त में आए दो आरोपी, मास्टरमाइंड फरार
पुलिस ने वारदात में शामिल जसप्रीत सिंह जस्सी और विश्वजीत नाग को गिरफ्तार किया है। जबकि, हत्या का मास्टरमाइंड मनीष राठौर फरार हो गया। आशंका जताई जा रही है कि वह आसपास के इलाकों से बस, ट्रक या फिर रेलवे स्टेशन पहुंचकर ट्रेन से भागा होगा। हालांकि, पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है।
व्यवसायिक प्रतिस्पर्धा बनी हत्या की वजह
बताया जा रहा है कि मनीष राठौर, जसप्रीत सिंह जस्सी और विश्वजीत नाग नारायणपुर में पहले सट्टेबाजी करते थे। पुलिस उनके खिलाफ कई बार कार्रवाई कर चुकी है, जिसके बाद वो ट्रांसपोर्टिंग का काम करने लगे। वहीं, कांग्रेस नेता विक्रम बैस भी ट्रांसपोर्ट कारोबार में थे। इसके चलते हत्यारों से उनकी व्यवसायिक प्रतिस्पर्धा चल रही थी, यही हत्या की वजह बनी।
बाहर से बुलाए शूटर, हत्या से पहले छोड़ दिया था शहर
ट्रांसपोर्टर मनीष राठौर, विश्वजीत नाग और जसप्रीत सिंह जस्सी ने मिलकर विक्रम बैस को मारने के लिए बाहर से शूटर बुलाए थे। हत्या की प्लानिंग करने के बाद सुनियोजित तरीके से उन्होंने शहर छोड़ दिया था। ऐसा इसलिए किया ताकि वारदात के बाद पुलिस जब उन्हें गिरफ्तार करती तो वे खुद को निर्दोष साबित कर सकें।
पुलिस ने बताया कि शूटर बुलाने और कांग्रेस नेता की पहचान कराने के बाद जिस रात वारदात को अंजाम दिया गया, उससे पहले ही साजिश में शामिल सभी आरोपी रायपुर, दुर्ग समेत दूसरे शहरों के होटल में ठहरे थे। उनका बाकायदा चेक इन और चेकआउट भी रजिस्टर में दर्ज है। यह सब आरोपियों ने अपने बचाव और सबूत जुटाने के लिए किया।
अब तक पुलिस हिरासत में 9 आरोपी
बताया जा रहा है कि नारायणपुर पुलिस अब तक 9 आरोपियों को हिरासत में ले चुकी है, जिसमें से दो आरोपी जसप्रीत सिंह जस्सी और विश्वजीत नाग बिलासपुर से अरेस्ट किए गए हैं। वहीं, भिलाई से तीन आरोपी संजीव सिंह, सैमुएल और राजीव रंजन को पकड़ा गया है।
2021 में बैंक डकैती मामले में सैमुएल जेल भी जा चुका है। जबकि, चार आरोपी पहले से ही नारायणपुर पुलिस की हिरासत में हैं।
छत्तीसगढ़ के 6 जिलों में छापेमारी
बताया जा रहा है कि, इस मामले में पुलिस ने अब तक प्रदेश के 6 जिलों में छापेमारी की है। जिसमें नारायणपुर, राजनांदगांव, बिलासपुर, जगदलपुर, कोंडागांव और दुर्ग शामिल है। कांग्रेस नेता की हत्या में 9 से ज्यादा आरोपियों के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है।
बिजली गुल थी, तभी आए बाइक सवार शूटर
कांग्रेस नेता विक्रम बैस की उनके घर से 500 मीटर दूर हत्या कर दी गई थी। 13 मई की रात मोहल्ले में बिजली गुल थी। तभी शूटर बाइक में सवार होकर आए और फायरिंग शुरू कर दी। हमलावरों ने उन्हें 3 गोलियां मारी थी। जिससे उनकी मौत हो गई। इस वारदात के बाद से पुलिस हमलावरों की तलाश में जुट गई।