प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने 120 लोगों की करवाई घर वापसी,कहा “धर्मांतरण से बड़ी समस्या राष्ट्रांतरण”…!

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बलरामपुर के कंदरी में आयोजित 9 दिवसीय श्रीराम महायज्ञ और वनवासी श्रीराम कथा के आयोजन में 50 परिवारों के करीब 120 लोगों की घर वापसी हुई। भाजपा नेता प्रबल प्रताप सिंह जूदेव की मौजूदगी में धर्म परिवर्तन करने वाले परिवारों का पांव पूजकर उनकी घर वापसी कराई गई। इससे पहले 80 परिवारों की घर वापसी कराई गई थी। प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने कहा कि धर्मांतरण देश की सबसे बड़ी समस्या है। यह धर्मांतरण नहीं राष्ट्रांतरण है।

श्रीराम कथा का आयोजन आचार्य सतानंद महाराज के सानिध्य में किया गया

बलरामपुर जिले के ग्राम कंदरी में प्राचीन श्रीराम मंदिर परिसर में आयोजित नौ कुंडीय श्रीराम महायज्ञ और वनवासी श्रीराम कथा का आयोजन आचार्य सतानंद महाराज के सानिध्य में किया गया है। इस कार्यक्रम में हिंदू धर्म से दूसरे धर्मों में धर्मांतरण करने वाले परिवारों की घर वापसी भी कराई जा रही है।

तीन दिनों पूर्व धर्म जागरण समिति के पदाधिकारियों की मौजूदगी में 80 परिवारों की घर वापसी की गई।

पैर धोकर कराई घर वापसी

शनिवार को भाजपा नेता प्रबल प्रताप सिंह जूदेव की उपस्थिति में 50 परिवारों के 120 लोगों की हिंदू धर्म में वापसी कराई गई। ईसाई धर्म में धर्मांतरण कर चुके इन परिवारों का पैर धोकर और हवन कराकर उनकी हिंदू धर्म में वापसी की गई।

हिंदू धर्म में घरवापसी करने वाले परिवारों को धोती-गमछा, साड़ी एवं श्रीफल के साथ भगवान श्रीराम की तस्वीर दी गई।

जहां हिंदू अल्पमत, वह क्षेत्र देश से कटा

घर वापसी कार्यक्रम में पहुंचे भाजपा नेता प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने कार्यक्रम के पूर्व पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि षडयंत्रकारी शक्तियां, मिशनरी हमारे भोले-भाले ग्रामीणों को बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन करते हैं। सबसे बड़ी समस्या देश में धर्मांतरण नहीं राष्ट्रांतरण है।

प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने कहा कि जिन क्षेत्रों में हिंदू अल्पमत में आए हैं, वह क्षेत्र भारत से कटा है। हिंदुओं को जगाने का काम मेरे पिताजी दिलीप सिंह जूदेव के समय से हम कर रहे हैं। घर वापसी अभियान को हम सब मिलकर आगे बढ़ा रहे हैं।

आज पूर्णाहुति, शामिल हुए हजारों श्रद्धालु

प्राचीन श्री राम मंदिर कंदरी में 10 मई से प्रारंभ यज्ञ का समापन आज पूर्णाहुति के साथ किया जा रहा है। इस आयोजन में काशी एवं प्रयागराज से आए ब्राह्मण ने करीब डेढ़ लाख आहुति एवं करीब 50 लाख राम-नाम का जप भक्तों ने मंदिर प्रांगण में किया। आयोजन में हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।

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