नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने राजमाता श्रीमती देवेंद्र कुमारी सिंहदेव मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर पर तीन लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। मेडिकल कॉलेज में सीट के हिसाब से फैकल्टी की कमी है। अस्पताल भवन भी फंड के अभाव में अधूरा है। फैकल्टी की कमी दूर करने NMC ने दो माह की मोहलत दी है। मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर को पूर्व में MBBS की 100 सीटें आबंटित थी। इसके आधार पर सभी व्यवस्थाएं की गई थी। आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के छात्रों के लिए 25 अतिरिक्त सीट मेडिकल कालेज को आबंटित की गई है।
MBBS की 125 सीटों की अनुमति NMC ने दी है। PG के लिए 48 सीटें स्वीकृत हैं। अब नेशनल मेडिकल कमीशन ने अंबिकापुर मेडिकल कालेज को MBBS के 150 सीटों के आधार पर तैयारियों का निर्देश दिया है।
बिना प्रस्ताव मिली सीटें, इसलिए परेशानी
मेडिकल कॉलेज के डीन के अनुसार बिना प्रस्ताव और मांग के सीटों में बढ़ोत्तरी के कारण यह स्थिति बनी है। मेडिकल कालेज की स्थापना 2016 में हुई, तब यहां MBBS की 100 सीटें स्वीकृत थीं। व्यवस्था भी उसी हिसाब से की गई। अब 150 सीटों के अनुरूप नई बिल्डिंग में NMC के मानक को पूरा करना कठिन है। सीटें बढ़ी तो फैकल्टी की कमी भी हो गई।
फैकल्टी की कमी दूर करने लिखा है पत्र
वर्तमान में मेडिकल कॉलेज में MBBS की 100 सीटों के लिए फैकल्टी व सीनियर रेसिडेंस ऑफीसर मिलाकर 95 चिकित्सक पदस्थ हैं। 150 सीटों के लिए कालेज को 173 चिकित्सक चाहिए। इसमें 115 फैकल्टी व 58 सीनियर रैजिडैंट की जरूरत है। फैकल्टी की कमी को दूर करने के लिए प्रबंधन ने चिकित्सा शिक्षा विभाग से पत्राचार किया है।
मान्यता पर भी असर, कट सकती है सीटें
मेडिकल कॉलेज में NMC के गाइडलाइन के अनुरूप दो माह के भीतर फैकल्टी की कमी दूर नहीं होने पर मान्यता पर भी असर पड़ सकता है। प्रदेश के अन्य सभी मेडिकल कॉलेजों में भी सुविधा व फैकल्टी की कमी के कारण NMC ने जुर्माना लगाया गया है। कुछ कॉलेजों को सीटें कम करने की चेतावनी भी दी गई है।
स्थापना के बाद शुरूआती वर्षों में वर्ष 2017 व 2019 में सुविधा व फैकल्टी की कमी के कारण अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज दो बार जीरो ईयर घोषित हो चुका है। हालांकि अब ऐसी स्थिति नहीं है। फैकल्टी नहीं मिले तो सीटें कम हो सकती हैं।
फंड के अभाव में अस्पताल भवन अधूरा
मेडिकल कालेज का सर्व सुविधायुक्त भवन बन चुका हैं, जहां कॉलेज का संचालन हो रहा है। यहां बगल में मेडिकल कॉलेज का 500 बिस्तरी हॉस्पिटल भवन भी निर्माणाधीन है। इसका काम पूरा करने 120 करोड़ रुपए मांगा गया है। फंड के अभाव में हॉस्पिटल भवन का काम अधूरा है।
सीटें बढ़ी, इसलिए दिक्कत-डीन
मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर के डीन डा. रमनेश मूर्ति ने कहा कि 100 सीटों को लेकर कहीं कोई दिक्कत नहीं है। NMC ने 150 सीटों के अनुरूप व्यवस्था के निर्देश दिए हैं। वर्तमान पोस्टिंग के अलावा 85 चिकित्सक तथा 35 एस.आर. की आवश्यकता है। इसकी पूर्ति के लिए शासन को पत्र लिखा गया है। वर्तमान भवन में 150 सीटों के मानक के अनुरूप सुविधाएं बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।