छत्तीसगढ़ में 17 नवम्बर के बाद ही खुलेंगी शराब दुकाने; अब तक 3 करोड़ से ज्यादा माल की जब्ती हुई…!

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रायपुर में शराब दुकानों को बंद कर दिया गया है। इन्हें आबकारी विभाग ने जिला प्रशासन, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय को जानकारी देते हुए सील कर दिया है। अब ये दुकानें 17 नवंबर की शाम तक बंद ही रहेंगी।

वोटिंग को ध्यान में रखते हुए रायपुर के कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर भुरे ने रायपुर की सभी शराब दुकानों को 48 घंटे पहले से ही सील करने के आदेश दिए हैं। इसके तहत जिले की सभी देशी, विदेशी शराब दुकानें, होटल बार, पूरी तरह से बंद रखे जाने के आदेश हैं। आदेश में साफ किया गया है कि कोई भी दुकान, रेस्तरां, होटल, क्लब में शराब बेचने या परोसने की अनुमति नहीं रहेगी।

30 दिन में 3 करोड़ का माल

विशेष सचिव सह आयुक्त आबकारी महादेव कावरे ने बताया कि राज्य में लागू आदर्श आचार संहिता के चलते शराब को लेकर विभाग कार्रवाई कर रहा है। आबकारी विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों की टीम ने तीस दिनों में अब तक 33,084 लीटर शराब, 2,07,250 किलो ग्राम महुआ लाहन, 5 किलो गांजा और 63 वाहन जब्त किए हैं, जिसका बाजार मूल्य 3 करोड़ 11 लाख 83 हजार 223 रुपए है।

प्रदेश की शराब दुकानें सील

महादेव कावरे ने बताया कि द्वितीय चरण के मतदान को देखते हुए प्रदेश के चुनावी जिलाें में शराब दुकानें बंद की गई हैं। सीमावर्ती राज्यों की दुकानों पर भी कार्रवाई की जा रही है। अफसरों की टीमों को छापेमारी के निर्देश दिए गए हैं।

जोमैटो बॉय की भी होगी जांच

आबकारी आयुक्त ने बताया कि ओडिशा, झारखण्ड एवं महाराष्ट्र से लगे सीमावती जांच चौकियों विशेषकर- महासमुंद, बस्तर, जशपुर, रायगढ़ एवं अविभाजित राजनांदगांव जिलों में गाड़ियों की जांच जारी है। डिलीवरी बॉय (अमेजान, जोमेटो) के बैगों की भी जांच के निर्देश दिए गए हैं ताकि शराब की अवैध सप्लाई न हो।

रायपुर में ऑटो से शराब डिलीवरी

रायपुर के आजाद चौक इलाके में चुनावी प्रचार थमने के दौरान एक ऑटो से शराब मिली। शातिर तरीके से ऑटो ड्राइवर शराब लादकर इसे डिलीवर करने जा रहा था। जहां से शराब ली गई और जहां इसे पहुंचाना था उन ठिकानों का पता पुलिस और आबकारी विभागकर्मी नहीं लगा पाए। हालांकि आजाद चौक थाने की टीम ने ड्राइवर जगदीश मिश्रा को अरेस्ट किया है।

इसके पास से 21 हजार 300 रुपए की शराब बरामद हुई है। अब तक प्रदेश और रायपुर में हुई इस तरह की कार्रवाई में पुलिस या आबाकारी विभाग ये साबित करने में नाकाम रहे कि शराब को चुनावी इस्तेमाल के लिए लाया जा रहा था।

इस साल प्रदेश में बिकी 15 हजार करोड़ की शराब

इस साल राज्य में 15 हजार करोड़ रुपये की शराब बेची गई, जिससे सरकार को 6800 करोड़ रुपये का टैक्स मिला है। यह निर्धारित लक्ष्य से 300 करोड़ रुपये अधिक है। आबकारी विभाग ने साल के प्रारंभ में 5000 करोड़ राजस्व का लक्ष्य निर्धारित किया था।

बाद में इसे बढ़ाकर 5500 करोड़ फिर 6500 करोड़ किया। शराब में लगने वाले टैक्स में दस रुपये प्रति बोतल गोधन न्याय योजना का भी शामिल है। राज्य सरकार की कई योजनाएं शराब से मिलने वाले राजस्व पर निर्भर हैं।

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