छत्तीसगढ़ में नर्सिंग कॉलेज का धंधा बीते कुछ सालों में तमाम खामियों के बावजूद खूब फलने फूलने लगा है ! कई ब्लैक लिस्ट नर्सिंग कॉलेज में भारी कमियां पाई गई थीं। बावजूद इसके इन ब्लैक लिस्टेड कालेज में एडमिशन करने के तैयारी हो चुकी है जिसकी शिकायत हां तो संगठन द्वारा चिकित्सा शिक्षा सचिव के पास पहुंचा दी गई है !
राष्ट्रबोध को एक बेहद जिम्मेदार विभागीय कर्मचारियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि नर्सिंग महाविद्यालयों का निरीक्षण संचालनालय चिकित्सा शिक्षा के द्वारा नियमानुसार नहीं करते हुए सिर्फ दिखाने के लिए किया जाता है ! करीना सिंह कॉलेज मापदंडों का पालन नहीं करते फिर भी मजबूत सेटिंग और लेनदेन करते हुए उन्हें छोड़ दिया जाता है ! लेकिन ऐसे अवस्था वाले नर्सिंग कॉलेज में से 6 कॉलेज ऐसे मिले हैं, जहां बहुत ही ज्यादा कमियां थीं। तब इन कॉलेजों में प्रवेश रोकने के लिए संचालनालय चिकित्सा शिक्षा ने पत्र जारी किया था। लेकिन लेनदेन का खेल ऐसे चला कि अब उन्हें छह बिजली ब्लैकलिस्टेड कॉलेज को छत्तीसगढ़ नर्सेज रजिस्ट्रेशन काउंसिल (सी.जी.एन.आर.सी.) और आयुष विश्वविद्यालय एडमिशन की पात्रता दिलवाने की तैयारी कर रहें है। चिकित्सा शिक्षा विभाग की यह गतिविधि साफ-साफ यह दिखाता है कि नर्सिंग महाविद्यालय के निरीक्षण और मान्यता में नर्सिंग काउंसिल में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है।
इस मामले में चिकित्सा शिक्षा सचिव से शिकायत की जानकारी भी राष्ट्रबोध को मिली है ! इस लिखित शिकायत में बताया गया है कि अमानक महाविद्यालयों को मान्यता दे कर विद्यार्थियों की जिन्दगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, ऐसे संस्थानों पर कार्रवाई करें। यह शिकायत कांग्रेस की छात्र इकाई NSUI में किया है ! ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार इस पर किस तरह से एक्शन लेती है !