भिलाई के कॉलोनाइजर्स प्रतीक अग्रवाल पर गलत तरीके से अवैध प्लाटिंग कर निगम और सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का चूना लगाने का आरोप लगा है। भिलाई नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष और पूर्व सभापति ने कहा कि प्लाटिंग करने के लिए भिलाई नगर निगम से मात्र 90 डिसमिल भूमि का विकास अनुज्ञा लिया है, जबकि कई एकड़ जमीन पर अवैध प्लाटिंग की गई है।भिलाई नगर निगम के पूर्व सभापति राजेंद्र अरोरा ने इसकी शिकायत दुर्ग कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधीरी और आयुक्त भिलाई नगर निगम से की है। शिकायत में कहा कि प्रतीक अग्रवाल पिता सुरेश कुमार ने श्री श्याम कंन्स्ट्रक्शन, मेसर्स श्याम इंफ्रा. और श्री श्याम बिल्डकॉन नाम से तीन अलग-अलग फर्म बनाई है।
कॉलोनी के पीछे लगभग 4 एकड़ जमीन खरीदी
उन्होंने कहा कि प्रतीक अग्रवाल ने इन फॉर्मों के नाम पर जुनवानी क्षेत्र में कई एकड़ जमीन खरीदी है। जमीन पर वह प्लाटिंग और कॉलोनी डेवलप कर उसे लोगों को बेचते हैं। इसी के तहत उन्होंने शहर के पॉश इलाके जुनवानी क्षेत्र में रायल ग्रीन नाम से बनी कॉलोनी के पीछे लगभग 4 एकड़ जमीन खरीदी है।
4 एकड़ जमीन पर प्लॉट काटकर बेचा
राजेंद्र अरोरा का आरोप है कि प्रतीक अग्रवाल ने वहां अपनी पूरी लगभग 4 एकड़ जमीन पर प्लॉट काटकर उसे लोगों को बेच दिया है। जब इसके बारे में जानकारी जुटाई गई तो पता चला कि उन्होंने नगर पालिक निगम से मात्र 90 डिसमिल जमीन पर ही प्लॉटिंग करने के लिए परमिशन ली है।
सामने आया बड़ा फर्जीवाड़ा, मारा जा रहा गरीबों का हक
इस बारे में नगर पालिक निगम भिलाई के नेता प्रतिपक्ष भोजराज भोजू का कहना है कि इस मुद्दे को उठाने से कालोनाइजर्स का एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। प्रतीक अग्रवाल ने मात्र 90 डिसमिल जमीन पर विकास अनुज्ञा सिर्फ इसलिए ली है, क्योंकि यदि वो एक एकड़ या उससे अधिक जमीन पर परमिशन लेते तो उन्हें रेरा और टीएनसी के नियमों के तहत काम करना पड़ता है।
उससे उन्हें EWS यानि गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों के लिए जमीन का कुछ हिस्सा छोड़ना पड़ता।
शासन को हुआ करोड़ों का नुकसा
भोजराज भोजू का कहना है कि ऐसा करके प्रतीक अग्रवाल ने निगम और राज्य शासन दोनों को करोड़ों रुपए का चूना लगाया है। यदि वो नियम से लगभग 4 एकड़ जमीन के लिए विकास अनुज्ञा लेता तो उसे टीएनसी का लाइसेंस लेना पड़ता और रेरा के नियम से कॉलोनी डेवलप करनी पड़ती।
इससे निगम और राज्य शासन को बिल्डिंग परमिशन, रजिस्ट्री और टीएनसी शुल्क के जरिए बड़े राजस्व की आय प्राप्त होती।
आपराधिक प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की मांग
नगर पालिक निगम भिलाई के नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा और नगर पालिक निगम के पूर्व सभापति राजेंद्र सिंह अरोरा ने दुर्ग कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी और नगर पालिक निगम भिलाई के आयुक्त देवेश कुमार ध्रुव से मांग की है कि उक्त तीनों फर्म के पार्टनर प्रतीक अग्रवाल पर फर्जी तरीके से लोगों को गुमराह करके अवैध प्लाटिंग बेचने के आरोप में कड़ी कार्रवाई की जाए।
साथ ही उक्त जमीन की रजिस्ट्री पर रोक लगाते हुए उनका लाइसेंस निरस्त कर आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाए।
प्रतीक अग्रवाल ने आरोपों को बताया झूठा
प्रतीक अग्रवाल ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि जो आरोप उन पर लगाए गए हैं वो गलत हैं। उन्होंने जहां भी जितनी जमीन पर प्लाटिंग की है, उसके लिए निगम से विकास अनुज्ञा का परमिशन लिया है।
पांच अलग-अलग जगहों पर किया फर्जीवाड़ा
- प्रतीक अग्रवाल ने तीन फॉर्म के नाम पर जुनवानी में लगभग 4 एकड़ जमीन रायल ग्रीन के अंदर खरीदी। जिसमें श्री श्याम कंन्स्ट्रक्शन के नाम पर 2 नवंबर 2021 को लगभग 90 डिसमिल जमीन का विकास अनुज्ञा लिया। इसके बाद शेष जमीन जो उस जमीन से लगी हुई है। उसे 90 डिसमिल जमीन के विकास अनुज्ञा की आड़ में प्लाट काटकर बेच रहा है।
- चौहान ग्रीन वेली फेस 2 के अंदर खसरा नंबर 34 और 39 में लगभग 2 एकड़ जमीन प्रतीक अग्रवाल की है। उसने बिना परमिशन के ही वहां अवैध प्लांटिंग करके कई प्लाट बेच दिए हैं। अभी भी प्लाटों की ब्रिकी जारी है।
- जुनवानी में महर्षि विद्या मंदिर के पीछे लगभग 2 एकड़ जमीन में अवैध प्लाटिंग करके बेचा जा रहा है। वहां मौजूद आस-पास स्थित लोगों की जमीन पर भी कब्जा करके उसे बेच दिया गया है।
- ग्राम खपरी में खसरा नंबर 231 की जमीन की रजिस्ट्री पर तहसीलदार की अनुशंसा पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसके बाद भी पूर्व सरकार के लोगों से मिली भगत करके प्रतीक अग्रवाल ने उस बैन को हटवाया और फिर वो जमीन अपनी फर्म के नाम पर लेकर उसमें अवैध प्लाटिंग करके बेच रहा है।
- ग्राम कातुल बोर्ड में अपने फर्म के नाम पर फिर से जमीन का बड़ा रकबा खरीदा। इसके बाद उसमें अवैध प्लाटिंग करके निगम से बिना विकास अनुज्ञा के बेच रहा है।