संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय में स्थापना के 16 साल बाद 27 नए कोर्स का संचालन शुरू करने की कवायद शुरू की गई है। इसके लिए विश्वविद्यालय की ईसी से प्रस्ताव पारित किया गया है। नए कोर्स शुरू करने के लिए विषयवार प्रोफेसरों की संख्या और आर्थिक व्यय का आंकलन किया जा रहा है। इसका प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा जाएगा। संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय की स्थापना वर्ष 2008 में हुई थी। वर्तमान में विश्वविद्यालय में 7 विभागों में 13 विषय संचालित हैं। उच्च शिक्षा के लिए विषय चयन का कम विकल्प होने के कारण संभाग के लोगों को उच्चशिक्षा के लिए बड़े शहरों और दूसरे प्रांतों में जाना पड़ता है। आर्थिक परेशानियों के कारण कई छात्रों को मजबूरी में उपलब्ध कोर्स का ही चयन करना पड़ता है।
नए भवन में स्थानांतरित नहीं हो सका विवि
संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय के साथ स्थापित अन्य विश्वविद्यालयों को अपना भवन मिल गया है। संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय का भवन निर्माण का एक हिस्सा पूरा हो गया है और नए सत्र से भकुरा में नए भवन में स्थानांतरित करने की योजना है। इसके साथ ही नए कोर्स शुरू करने के लिए जगह भी मिल जाएगी।
पीएचडी सहित 13 विषय हैं संचालित
वर्तमान में संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय में पीएचडी मिलाकर कुल 13 विषय संचालित हैं। इनमें फॉर्मेसी, कंप्यूटर साइंस, पर्यावरण विभाग, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, प्रयोजन मूलक हिंदी, लीगल स्टडी, फार्म फारेस्ट्री विषय शामिल हैं। इनमें फार्मेसी में डिप्लोमा व डिग्री भी संचालित हैं।
कैंपस में इन नए कोर्स के प्रस्ताव
विश्वविद्यालय कैंपस में जिन नए कोर्स शुरू करने का प्रस्ताव है, उनमें बी.एड., एम.एड, बी.लिब, एम. लिब, बीएड, एमबीए, मास्टर ऑफ जर्नलिज्म जैसे प्रोफेशनल कोर्स शामिल हैं।
इसके साथ ही एमए हिंदू स्टडीज, एमए अंग्रेजी, हिंदी, संस्कृत, छत्तीसगढ़ी, दर्शनशास्त्र, अर्थशास्त्र, राजनीति, इतिहास, मनोविज्ञान, एमएससी गणित, भौतिकी, रसायन शास्त्र, प्राणीशास्त्र, भूगर्भ शास्त्र, मानव विज्ञान, एमकाम में एंटीग्रेडेड टिचर्स एजुकेशन प्रोग्राम शुरू करने का प्रस्ताव है।
प्रस्ताव भेजेंगे, स्वीकृति की उम्मीद
संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय के कुलसचिव एसी त्रिपाठी ने कहा कि विश्वविद्यालय की ईसी काउंसिल से 27 नए कोर्स शुरू करने का प्रस्ताव पास किया गया है। यह प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा जाएगा। इसके लिए अनुमानित व्यय का आंकलन किया जा रहा है। नए सत्र में नए कोर्स शुरू करने का पूरा प्रयास रहेगा। उम्मीद है कि शासन से इसकी अनुमति मिल जाएगी।