छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार हिंसा के बाद राज्य सरकार ने जिले के कलेक्टर और SP को हटा दिया गया है। मंगलवार देर रात आदेश जारी किया गया। आईएएस अधिकारी दीपक सोनी को बलौदाबाजार जिले का नया कलेक्टर बनाया गया है। विजय अग्रवाल नए एसपी होंगे। हटाए गए कलेक्टर केएल चौहान को मंत्रालय में विशेष सचिव और एसपी सदानंद कुमार को रायपुर पुलिस मुख्यालय में भेज दिया गया है। सतनामी समुदाय के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में करोड़ों की संपत्ति जलकर खाक हो गई। हिंसा के पीछे सरकार ने कांग्रेस की राजनीतिक साजिश बताया है। आरोप लगाया है कि कांग्रेस के विधायकों, पूर्व मंत्रियों और नेताओं ने लोगों को भड़काने का काम किया है। साथ ही हिंसा करने वालों से नुकसान की वसूली की बात कही है।
दूसरी ओर कांग्रेस ने इसे राज्य सरकार का फेलियर बताते हुए मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की है। 14 जून को कांग्रेस नेता घटना स्थल पर जाएंगे। घटना के विरोध में चैंबर ऑफ कॉमर्स ने 13 जून को बलौदाबाजार बंद बुलाया है।
इस मामले में 7 अलग-अलग FIR दर्ज की गई है। अब तक 73 आरोपी गिरफ्तार हुए हैं, जबकि 200 हिरासत में हैं। उपद्रवियों की तलाश के लिए पुलिस की 12 टीमें और जांच के लिए 22 पुलिस अफसरों की टीम बनाई गई है।
पहले जानिए क्यों भड़की हिंसा…
जानकारी के मुताबिक, 15 मई की देर रात सतनामी समुदाय के धार्मिक स्थल गिरौदपुरी धाम से करीब 5 किमी मानाकोनी बस्ती स्थित बाघिन गुफा में लगे धार्मिक चिन्ह जैतखाम को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। जैतखाम तोड़े जाने के विरोध में समाज के हजारों लोग कलेक्ट्रेट के पास मौजूद दशहरा मैदान में कई दिन से प्रदर्शन कर रहे थे।
पुलिस ने इस मामले में 3 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। लोगों का आरोप है कि पकड़े गए लोग असली आरोपी नहीं हैं और पुलिस दोषियों को बचा रही है। सोमवार को प्रदर्शन के दौरान लोग इसी बात को लेकर उग्र हो गए। इसके बाद हालात बिगड़ते चले गए।