भिलाई नगर निगम के बर्खास्त पार्षद इंजीनियर मो. सलमान की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए बिलासपुर हाईकोर्ट ने उसे खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने पाया है कि सलमान ने कूट रचित दस्तावेज के आधार पर चुनाव लड़ा और जीता। उन्होंने उसकी बर्खास्तगी यथावत रखा। इसके साथ ही सलमान पर जेल जाने का खतरा भी मंडराने लगा है।
दरअसल, भिलाई नगर निगम चुनाव में शारदा पारा वार्ड 35 से ओबीसी वर्ग में मोहम्मद सलमान ने चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इस चुनाव में सलमान ने चुनाव आयोग को जो जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था, वह फर्जी था। इसके लिए निगम के नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा, छाया पार्षद चंदन यादव ने दुर्ग संभागायुक्त से उनका निर्वाचन रद्द करने की अपील की थी।
दुर्ग संभागायुक्त ने रद्द किया था निर्वाचन
मामले पर सुनवाई करने के बाद दुर्ग संभागायुक्त ने 6 मई को शिकायत को सही पाते हुए इंजी. सलमान के निर्वाचन को रद्द कर दिया था। भिलाई नगर निगम से पार्षद का निर्वाचन समाप्त होने के बाद इंजी. सलमान ने हाईकोर्ट बिलासपुर में इस आदेश के खिलाफ याचिका लगाई थी।
हाईकोर्ट ने भी मामले में सुनवाई करते हुए संभागायुक्त के निर्णय को सही पाया और अपील पर सुनवाई करने से ही मना कर दिया।
हाईकोर्ट ने पाया लगाए गए फर्जी दस्तावेज
हाईकोर्ट ने दुर्ग एसडीएम कार्यालय से जारी इंजीनियर सलमान के जाति प्रमाण पत्र से संबंधित दस्तावेज मांगे। जांच करने पर पाया गया कि जिस जाति प्रमाण पत्र पर इंजीनियर सलमान ने दावा किया था कि वह उनका है, वह वास्तव में एसडीएम कार्यालय के रजिस्टर में नोमिता देशमुख नामक किसी व्यक्ति के नाम से दर्ज है।
इससे यह स्पष्ट हो गया कि इंजीनियर सलमान ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर चुनाव लड़ा और जीता।
दुर्ग पुलिस कर सकती गिरफ्तार
भिलाई के नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा का कहना है कि उन्होंने सुपेला थाने में कूट रचित दस्तावेज के आधार पर चुनाव लड़ने को लेकर इंजी. सलमान के खिलाफ की शिकायत दर्ज कराई थी। सुपेला पुलिस ने मामले में इंजी. सलमाने के खिलाफ धोखाधड़ी कई अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया और जांच शुरू की।
जब हाईकोर्ट ने यह मान लिया कि इंजी. सलमान ने कूट रचित दस्तावेजों का उपयोग किया तो उस बल पर पुलिस कभी भी उन्हें गिरफ्तार कर सकती है।