सीएम विष्णुदेव साय ने प्रदेश के हर जिला अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर रखने को कहा है। स्वास्थ्य विभाग में जहां स्टाफ की कमी है इसकी रिपोर्ट CM ने तैयार कर भर्तियों पर फोकस करने के निर्देश दिए हैं। सीएम हाउस में 4 घंटे तक हुई समीक्षा बैठक में साय ने स्वास्थ्य मंत्री और आला अफसरों को बिठाकर क्लास ली है।
हाल ही में मीडिया रिपोर्ट्स में सरकारी अस्पतालों की कई अव्यवस्थाओं की खबरें आई थीं, इस पर भी CM ने व्यवस्था सुधारने की सख्त हिदायत दी है। शुक्रवार को हुई इस बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, पी. दयानंद, डॉ. बसव राजू एस, स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव चंदन कुमार, संचालक स्वास्थ्य सेवाएं ऋतुराज रघुवंशी शामिल रहे।
तो ये हुआ है तय
लम्बी चली इस बैठक में आम आदमी के फायदे के लिए कुछ निर्देश मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य मंत्री और विभाग के IAS अफसरों को दिए हैं। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में बेहतर एंबुलेंस की व्यवस्था हो मरीज को समय पर सुविधा मिले इसे मॉनिटर करिए। अस्पताल में सुरक्षित प्रसव को शत प्रतिशत करने कहा गया है।
हर जिला अस्पताल में विषेशज्ञ चिकित्सक रखने कहा गया है। नियद नेल्लानार योजना (बस्तर में आपका अच्छा गांव) से संबंधित ग्रामीणों के आयुष्मान कार्ड बनाने कहा गया है। अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में सर्पदंश मरीजों के लिए एंटी वेनम का बंदोबस्त करने कहा गया है। सुपेबेड़ा में किडनी की समस्या का स्थायी निदान करने रिसर्च एक्सपर्ट्स को वहां भेजकर कारण पता लगाने के लिए कहा गया है।
ये मिलेंगी अब सुविधाएं
- बैठक में तय किया गया है कि पंखाजूर जैसे क्षेत्रों में डायलिसिस सेंटर की स्थापना होगी।
- बस्तर और सरगुजा में स्वास्थ्य अमले की कमी है, अब पर्याप्त अमले की पोस्टिंग होगी।
- संभाग मुख्यालय में कम से कम 2 एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम वाली एंबुलेंस होंगी।
- शिशु मृत्यु दर को रोकने के लिए अस्पताल में न्यू बार्न केयर यूनिटों को बढ़ाया जाएगा।
- नए जन औषधि केंद्र खोले जाएंगे, ताकि लोगों को सस्ती दवाएं मिल सकें।
- सिकल सेल पर राष्ट्रीय स्तर के रिसर्च सेंटर का प्रस्ताव केंद्र को भेजेंगे अधिकारी।
- जिन अस्पतालों में मशीनों के ऑपरेटर नहीं है वहां ऑपरेटर की व्यवस्था होगी।
- डायलिसिस की सुविधा ब्लॉक मुख्यालयों में की जाएगी।
- मुख्यमंत्री ने मानसिक मरीजों के लिए भी नए अस्पताल शुरू करने कहा है।
108 को हाइटेक करने कहा CM ने
मुख्यमंत्री ने रिस्पांस टाइम के संबंध में भी अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 108, 102 और शव वाहन जैसी गाड़ियां अच्छी स्थिति में रहे। 108 जैसी गाड़ियों की स्क्रीन में ड्राइवर को पता चल जाए कि उसे मरीज को कौन से निकटतम अस्पताल में ले जाना है। सबसे निकट के सरकारी अस्पताल के डॉक्टर को भी मैसेज के माध्यम से अलर्ट कर दिया जाए ताकि अस्पताल में इमरजेंसी रिस्पॉन्स की तैयारी की जा सके।
कुछ योजनाएं मिलेंगी स्वास्थ्य विभाग काे
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बैठक में मुख्यमंत्री को एक प्रस्ताव दिया है। उन्होंने मांग की है कि शहरी क्षेत्रों के मोबाइल मेडिकल यूनिट एवं धन्वंतरी जैसी योजनाओं को स्वास्थ्य विभाग में शामिल कर दिया जाए, ताकि बेहतर समन्वय से इन योजनाओं का उत्कृष्ट क्रियान्वयन किया जा सके। ये योजनाएं फिलहाल नगरीय प्रशासन विभाग के तहत आती हैं। नगर निगम की टीमें इसे ऑपरेट करती हैं।