तमिलनाडु के कल्लाकुरिची में जहरीली शराब पीकर मरने वालों की संख्या बढ़कर 29 हो गई है, जबकि 60 से ज्यादा लोगों का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है। पुलिस के मुताबिक इन लोगों ने पैकेट में मिलने वाली शराब पी थी। कल्लाकुरिची जिले के करुणापुरम में 18 जून को हुई घटना के पीड़ितों में ज्यादातर दिहाड़ी मजदूर हैं। शराब पीने के बाद रात होते-होते इन लोगों को दस्त, उल्टी, पेट दर्द और आंखों में जलन होने लगी। पुलिस ने इस मामले में एक व्यक्ति के कन्नुकुट्टी (49) को गिरफ्तार किया है। उसके पास से लगभग 200 लीटर जहरीली शराब बरामद हुई है, जिसमें मेथनॉल मिला हुआ है। कल्लाकुरिची में 12 एंबुलेंस तैनात हैं। पुलिस के मुताबिक मरने वालों का पोस्टमॉर्टम कराया जा रहा है। रिपोर्ट आने पर मौत की असली वजह सामने आएगी। घटना के बाद राज्य सरकार ने कल्लाकुरिची के कलेक्टर-SP को हटा दिया है। इनकी जगह एमएस प्रशांत को कलेक्टर और रजत चतुर्वेदी को SP नियुक्त किया है।
कल्लाकुरिची के हॉस्पिटल में बुलाई गई डॉक्टरों की विशेष टीम
20 से ज्यादा लोगों को कल्लाकुरिची मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 18 लोगों को पुडुचेरी JIPMER और 6 लोगों को सलेम रेफर किया गया था। इनके इलाज के लिए विल्लुपुरम, तिरुवन्नामलाई और सलेम से दवाइयां मंगाई गई हैं। डॉक्टरों की विशेष टीमों को कल्लाकुरिची अस्पताल बुलाया गया है। स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद हैं।
CB-CID को सौंपी जांच, DM, SP हटाए गए
राज्य सरकार ने मामले की जांच CB-CID की सौंप दी है। साथ ही कल्लाकुरिची DM श्रवण कुमार जाटवथ का ट्रांसफर किया है, जबकि SP समय सिंह मीना को सस्पेंड किया है। इसके अलावा कल्लकुरिची जिले की निषेध शाखा के पुलिसकर्मियों समेत 9 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया है।
CM स्टालिन ने मंत्री ईवी वेलु और सुब्रमण्यम को प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए कल्लाकुरिची भेजा। एमएस प्रशांत को जिले का नया कलेक्टर और राजथ चतुर्वेदी को SP नियुक्त किया गया है।
राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने घटना पर दुख जताया
तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने घटना पर दुख जताया और जहरीली शराब के मामले में निरंतर चूक पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने X पर लिखा, “कल्लाकुरिची में जहरीली शराब के सेवन से लोगों की मौत की खबर से मैं बहुत स्तब्ध हूं। कई और पीड़ित गंभीर हालत में हैं और जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना है। मैं अस्पतालों में भर्ती लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।”
वहीं, CM एमके स्टालिन ने X पर लिखा कल्लाकुरिची में जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत की खबर सुनकर मैं दुखी हूं। इस मामले में अपराध में शामिल लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसे रोकने में विफल रहने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है।
विपक्ष का सरकार पर हमला
मिलावटी शराब पीने से लोगों की मौत मामले पर AIADMK ने राज्य सरकार पर हमला बोला है। विपक्ष के नेता एडप्पादी के. पलानीस्वामी ने कहा कि जहरीली शराब पीने के बाद लगभग 40 लोग अस्पताल में भर्ती कराए गए।
DMK सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही जहरीली शराब के सेवन से मौतें जारी हैं। मैं इस मुद्दे को राज्य विधानसभा में भी उठाता रहा हूं और कार्रवाई की मांग करता रहा हूं। मेरी मांग है कि राज्य सरकार इस मुद्दे पर सख्त कार्रवाई करे।
PMK के संस्थापक नेता एस रामदास ने मांग की कि स्टालिन मौतों की जिम्मेदारी लें। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस विभाग और सरकार जहरीली शराब की बिक्री पर लगाम लगाने में असमर्थ है। उन्होंने सरकार से मृतक के परिजन को 10-10 लाख रुपए मुआवजा की मांग की है।
BJP के प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई ने X पर कहा, ‘जहरीली शराब के सेवन के कारण माता-पिता को अपने बच्चे और पत्नी को अपने पति को खोने के दर्द से रोते देखना दिल दहला देने वाला है। पिछले साल 22 लोगों की मौत के बाद DMK ने सबक नहीं सीखा है और उनके कुशासन के कारण आज 5 और मौतें हुई हैं।
DMK सरकार में कोई जवाबदेही नहीं है। उनके मंत्री जहरीली शराब बेचने वालों के साथ फोटो खिंचाते हैं। उन्हें कोई डर नहीं है।’
जानिए शराब मौत कैसे बनती है…
- शराब जहरीली कैसे बन जाती है: दरअसल कच्ची शराब को जब ज्यादा नशीला बनाने के लिए कैमिकल मिलाते हैं तो ये जहरीली हो जाती है। देसी शराब बनाने के लिए पहले गुड़, शीरा से लहान तैयार करते हैं और फिर इस मिट्टी में दबा दिया जाता है। इसे ज्यादा नशीला बनाने के लिए इसमें यूरिया, बेसरमबेल और ऑक्सीटोसिन मिलाते हैं। यही मिलावट मौत का कारण बनती है।
- क्यों देसी शराब पीने से हो जाती है मौत: देसी शराब में अमोनियम नाइट्रेट (यूरिया) और ऑक्सीटोसिन मिलाने से मेथेनॉल (मिथाइल एल्कोहल) बन जाता है। यही बाद में मौत का कारण बनता है। मेथेनॉल की अधिकता से शराब टॉक्सिक बन जाती है। इसके बाद मेथेनॉल जब शरीर में मेटाबोलाइज होता है तो वो फार्मेल्डिहाइड बनाता है और बाद में फॉर्मिक एसिड बन जाता है, जो कि जहर है। इसके शरीर में जाते ही ब्रेन और आंख सबसे पहले प्रभावित होती हैं। इसके बाद बॉडी के दूसरे ऑर्गन काम करना बंद कर देते हैं और व्यक्ति की मौत हो जाती है।
- मेथेनॉल की कितनी मात्रा खतरनाक होती है: 15 से 500 ML तक की मात्रा लेने पर व्यक्ति की मौत हो जाती है। ऑक्सीटोसिन से नपुंसकता और नर्वस सिस्टम से जुड़ी बीमारियाें का खतरा रहता है। आंखों की रोशनी भी जा सकती है।
- जहरीली शराब पीने वाले का इलाज क्या है : इसका इलाज भी शराब (ऐथेनॉल) ही है। इसके अलावा फॉमीपीजोल दवा भी कारगर है। मेथेनॉल के जहर का इलाज एथेनॉल है। जहरीली शराब के एंटीडोट के तौर पर टैबलेट भी मिलते हैं, लेकिन भारत में इनकी उपलब्धता कम है। जहरीली शराब पीने वाले व्यक्ति को तुरंत अस्पताल में भर्ती करवाने की जरूरत होती है। इसके बाद जहर को शरीर से निकालने के लिए मरीज का डायलिसिस भी करना पड़ सकता है। मरीज का सिर्फ सपोर्टिव इलाज ही होता है। जैसे- ऑक्सीटोसिन को ठीक करना और मेथाइल एल्कोहल के लिए एंटीडोट देना। कई बार मरीज के पेट की धुलाई (स्टमक वॉश) भी मददगार हो सकता है, लेकिन यदि उसे भर्ती कराने में देर हो गई है तो इसका कोई फायदा नहीं है।