बिलासपुर में 6 महीने बाद हुई जिला पंचायत की सामान्य सभा में आला अफसरों की लगातार गैरहाजिरी पर अध्यक्ष अरुण सिंह चौहान सहित सदस्यों ने गहरी नाराजगी जताई। उनके खिलाफ नोटिस जारी करने का निर्णय लिया गया।इनमें ईई पीडब्ल्यूडी बिलासपुर संभाग क्रमांक 2 अरविंद चौरसिया, ईई आरईएस गौरेला और जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास बिलासपुर उमाकांत गुप्ता शामिल हैं। जिला पंचायत सीईओ आरपी चौहान ने इसकी पुष्टि की। इन अफसरों पर जिला पंचायत की बैठकों की लगातार अवहेलना करने का आरोप है, जिसको लेकर सदस्यों ने गहरी नाराजगी जताई।
जर्जर सड़कों को लेकर फूटा गुस्सा
बैठक में अध्यक्ष सहित कई सदस्यों ने अपने-अपने क्षेत्र की खराब सड़कों को लेकर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को जमकर खरी खोटी सुनाई। जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण सिंह चौहान ने इस बात पर गहरी नाराजगी जताई।
उन्होंने कहा कि 6 महीने बाद बैठक होने के बावजूद पीडब्ल्यू़डी के अधिकारी नहीं आ रहे हैं, तब एक अन्य अधिकारी ने जवाब दिया कि संबंधित अधिकारी हाईकोर्ट गए हैं। सदस्यों ने कहा कि जिपं की बैठक में नहीं आने के लिए अधिकारी बहाने बनाते रहते हैं।
मस्तूरी विधायक प्रतिनिधि संतोष दुबे ने जोंधरा-वसंतपुर-सोनसरी-मुकुंदपुर की जर्जर सड़क मुद्दा उठाते कहा कि चुनाव में मतदान के बहिष्कार के निर्णय के बावजूद अफसरों ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया।
आयुष्मान कार्ड से इलाज के नाम पर कमीशनखोरी हो रही
जीपीएम के सदस्य शुभम पेंद्रो ने सीएमएचओ प्रभात श्रीवास्तव से कहा कि वह सीधा आरोप लगा रहे हैं कि आयुष्मान कार्ड से इलाज के नाम पर प्राइवेट अस्पतालों में इलाज से पहले ही 20 फीसदी राशि वसूल ली जाती है, इसके बिना इलाज करने से इनकार कर दिया जाता है, इसके बावजूद उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की जाती।
सीएमएचओ ने कहा कि शिकायत आने पर जांच कराई जाती है। सदस्य ने चुनौती दी कि वह कई लोगों के नाम दे सकते हैं, जो इलाज के नाम पर बेजा वसूली कर रहे हैं।
शिक्षकों का अटैचमेंट समाप्त करने हफ्ते भर का अल्टीमेटम
बैठक में 20 से अधिक शिक्षकों के जिला पंचायत तथा अन्य विभागों में अटैचमेंट का मुद्दा उठा, जिस पर उन्हें हफ्ते भर के अंदर उनके मूल पदस्थापना वाली जगहों पर भेजने के निर्देश डीईओ को दिए गए।
मीनू सुमंत यादव ने खरगहना के नाले में पुल की समस्या के कारण छात्रों को स्कूल आने जाने में हो रही परेशानी को लेकर चिंता जताई। वहीं कई सदस्यों ने खराब सड़कों की सूची मांगी।
खाद, बीज का मुद्दा उठा
सभापति राजेश्वर भार्गव ने कृषि विभाग के उपसंचालक से पूछा कि टिकरी गांव की सोसायटी में स्वर्णा धान के बीज के लिए किसान भटक रहे हैं, वहीं जिले में अमानक बीज की शिकायत आ रही हैं।
सदस्य जितेंद्र पांडे ने पूछा कि चुनिंदा किसानों से ही बीज की खरीदी क्यों की जा रही है, छोटे किसानों से बीज क्यों नहीं खरीदा जा रहा है? कृषि विभाग की अधिकारी ने बताया कि बीज बेचने वाले किसानों के ऑनलाइन पंजीयन की व्यवस्था की गई है, जिसका हर साल नया पंजीयन होता है।
किसानों का सिंडिकेट बनाकर बीज की खरीदी
इधर जवाब से असंतुष्ट पांडेय ने आरोप लगाया कि छोटे किसानों से बीज नहीं खरीदा जा रहा है और कुछ किसानों का सिंडिकेट बनाकर कृषि विभाग के अधिकारी बीज की खरीदी कर रहे हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। सही प्रमाणित बीज किसानों को मिलना चाहिए। बैठक में मरवाही क्षेत्र के विधायक प्रणव मरपच्ची उपस्थित रहे।