एक जुलाई से बदल जाएगा भारत का कानून : दुर्ग आईजी-एसपी ने लोगों को दी नए कानून की जानकारी, महिला अपराध की जांच महिला अधिकारी करेंगी….!!

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1 जुलाई 2024 से देश का कानून बदलने जा रहा है। नया कानून लागू होने से किसी को कोई परेशानी ना हो इसको लेकर लाइवलीहुड कॉलेज सेक्टर-6 में एक कार्यशाला रखी गई। इस कार्यशाला में दुर्ग जिले के सभी अधिकारी और छात्र-छात्राएं मौजूद रहीं। दुर्ग आईजी राम गोपाल गर्ग और एसपी जितेंद्र शुक्ला ने सभी को नए कानून के बारे में बताया। दुर्ग पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 1 जुलाई से अंग्रेजों के जमाने के कानून को बदलकर भारतीय न्याय संहिता को पूरी तरह से लागू कर दिया जाएगा। पुराना कानून दण्ड की प्रक्रिया पर आधारित था। अब उसे बदल कर न्याय की प्रक्रिया पर लागू किया जाएगा। नए कानून की जानकारी सभी को हो, इसके लिए दुर्ग पुलिस अलग अलग कार्यक्रम के साथ सोशल मीडिया और प्रेस के जरिए आम नागरिकों इसकी जानकारी दे रही है।

पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज रामगोपाल गर्ग ने कहा कि, नया कानून पीड़ित को जल्द से जल्द न्याय दिलाने के लिए बना है। नए कानून में पीड़ित के साथ पुलिस, अधिवक्ता और यहां तक की न्यायाधीश के लिए भी समय सीमा निर्धारित है। वर्तमान में जो कानून लागू है, वो सन 1860 में अंग्रेजों के समय बनाया गया था। यह कानून अंग्रेजों ने अपनी सहूलियत को देखते हुए बनाया था।

महिला संबंधी अपराध की विवेचना महिला अधिकारी करेगी

आईजी दुर्ग ने बताया कि, नए कानून में महिला संबंधी अपराध की विवेचना अब महिला अधिकारी ही करेगी। जब संपत्ति जब्ती, सर्च, सीजिंग की कार्रवाई होगी, तो उसकी वीडियोग्राफी करना अनिवार्य होगा। इस कानून के लागू होने से अपराधियों में जल्द और निश्चित सजा होने के डर से वे अपराध करने से डरेंगे।

कहीं से भी करा सकते हैं एफआईआर

नए कानून में आप कही से भी ई-मेल के माध्यम से एफआईआर करा सकते हैं। इसमें यह भी नियम है कि एफआईआर कराने वाले को 3 दिन के भीतर संबंधित थाना पहुंचकर अपना हस्ताक्षर करना अनिवार्य होगा। ऐसा ना करने पर वो एफआईआर पेंडिंग में चली जाएगी।

नए कानून में हर किसी के लिए समय सीमा निर्धारित

एडिशनल एसपी भिलाई सुखनंदन राठौर ने बताया कि, पहले जो कानून था उसमें कोई भी अपराध दर्ज होने पर पुलिस को 60 से 90 दिनों में चालान पेश करना होता था। इसकी सुनवाई होने पर न्यायालय द्वारा न्याय के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं थी। अब ऐसा नहीं है।

नए कानून में हर किसी के लिए पुलिस, वकील, न्यायालय और जो उससे संबंधित है, सभी के लिए समय सीमा निर्धारित की गई है। उसे उस समय सीमा के अंदर ही पीड़ित को न्याय दिलाना होगा। इतना ही नहीं किसी भी अपराध में गवाह का फोटो और वीडियोग्राफी की जाएगी, जो न्यायालय में मान्य होगा। इससे पीड़ित को न्याय मिलने में आसानी होगी।

नया कानून समाज के न्याय के लिए

एडिशनल एसपी दुर्ग अभिषेक झा कार्यक्रम में बताया कि नये कानून की जानकारी पुलिस के साथ-साथ समाज को भी होना जरूरी है। कानून जो समाज में लागू होगा, वो हमारे दैनिक जीवन के लिए भी महत्वपूर्ण है। पहले का कानून दंड के लिए था। अब कानून का समाज के न्याय के लिए है।

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