26 जून को ओम बिरला को लोकसभा स्पीकर चुन लिया गया। ध्वनि मत से प्रस्ताव पारित हुआ। सभी NDA सांसदों ने ओम बिरला का समर्थन किया। प्रोटेम स्पीकर भतृहरि महताब ने ओम बिरला को स्पीकर पद की शपथ दिलाई। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओम बिरला के नाम का प्रस्ताव रखा।
ओम बिरला ने स्पीकर का पद ग्रहण करने के बाद अपने पहले ही भाषण में इमरजेंसी का जिक्र किया। लोकसभा स्पीकर ने इमरजेंसी को लोकतंत्र के इतिहास में काला अध्याय बताया और इसके लिए सभी सांसदों से इमरजेंसी के दौरान मारे गए लोगों के लिए दो मिनट का मौन रखने का कहा। इसके साथ ही सदन में हंगामा शुरू हो गया। विपक्षी सदस्यों ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया।
पीएम मोदी और राहुल गांधी ने आसन तक पहुंचाया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को स्पीकर के आसन तक ले कर गए। इस दौरान संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू भी उनके साथ मौजूद रहे। सत्र शुरू होने से ठीक पहले संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्षी सांसदों से लोकसभा स्पीकर चुनाव नहीं लड़ने की अपील की। विपक्ष ने उनकी इस अपील को नहीं माना और विपक्ष की ओर से के सुरेश के नाम का प्रस्ताव रखा गया।