मार्क रूट, नीदरलैंड के प्रधानमंत्री, नाटो के नए सेक्रेटरी जनरल बनने जा रहे हैं। उन्हें इस पद पर तैयारी के लिए नियुक्ति मिली है, जो 1 अक्टूबर 2023 से प्रारंभ होगी। यह नाटो के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है, क्योंकि इस समय संगठन रूस-यूक्रेन युद्ध जैसी महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना कर रहा है।
मार्क रूट ने प्रधानमंत्री के तौर पर कार्य किया है और वे अपने राजनीतिक करियर में व्यापक अनुभव रखते हैं। उन्हें इस नये भूमिका में नाटो के अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों में महत्वपूर्ण निर्णय लेने की जिम्मेदारी होगी। उन्हें रूस के साथ संबंध सुधारने और नाटो की एकता को बढ़ाने का काम करना होगा।
यूक्रेन ने हाल ही में नाटो के सदस्य बनने के लिए अपनी इच्छा जाहिर की है, और इस पर मार्क रूट को भी गंभीरता से विचार करना होगा। इसके साथ ही, वे संगठन के आंतरिक संबंधों को मजबूत करने के प्रयास करेंगे, जिसमें हाल के दिनों में कमी आई है।
मार्क रूट के नामांकन का समर्थन अन्य नाटो सदस्य देशों ने भी किया है, जिससे उन्हें इस महत्वपूर्ण पद पर चयन हो सका। वे नाटो के लिए एक नया युग और नई दिशा का प्रतीक बन सकते हैं, जो अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
क्या है NATO
- NATO का पूरा नाम नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन है। यह यूरोप और उत्तरी अमेरिकी देशों का एक सैन्य और राजनीतिक गठबंधन है।
- NATO की स्थापना 4 अप्रैल 1949 को हुई थी। इसका हेडक्वार्टर बेल्जियम के ब्रसेल्स में है।
- NATO की स्थापना के समय अमेरिका समेत 12 देश इसके सदस्य थे। अब 31 सदस्य देश हैं, जिनमें 29 यूरोपीय और दो उत्तर अमेरिकी देश हैं।
- इस संगठन की सबसे बड़ी जिम्मेदारी NATO देशों और उसकी आबादी की रक्षा करना है।
- NATO के आर्टिकल 5 के मुताबिक, इसके किसी भी सदस्य देश पर हमले को NATO के सभी देशों पर हमला माना जाएगा।
- 1952 में NATO से जुड़ा तुर्किये इसका एकमात्र मुस्लिम सदस्य देश है