रायपुर: राजधानी रायपुर से करीब 80 किलोमीटर दूर बार नवापारा अभ्यारण्य में पिछले 4 महीने से भटक रहे बाघ को अब स्थायी घर मिलने की उम्मीद है। वन विभाग ने बाघ को बेहोश कर उसके गले में कॉलर आईडी पहनाने की योजना बनाई है। 24 घंटे निगरानी के लिए कॉलर आईडी से उसकी गतिविधियों पर नज़र रखी जाएगी।
इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए मप्र के रिटायर्ड आईएफएस अधिकारी आर.श्रीनिवास मूर्ति को बुलाया गया है। उन्होंने 2 दिन बारनवापारा में रहकर निरीक्षण किया और इसे बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए बेहद उपयुक्त माना।
श्री मूर्ति पन्ना टाइगर रिजर्व में 6 साल तक बाघों की संख्या बढ़ाने वाले प्रोजेक्ट पर काम कर चुके हैं। उनके अनुभव और सफलता को देखते हुए ही उन्हें बारनवापारा में बुलाया गया था।
कई चुनौतियों का सामना:
- घने जंगल: बारिश के कारण झाड़ियां काफी बढ़ गई हैं, जिससे बाघ को ढूंढना मुश्किल हो रहा है।
- कोर एरिया से दूरी: अभी तक बाघ अभ्यारण्य के कोर एरिया में नहीं घुसा है।
- सुरक्षा: ग्रामीणों और पर्यटकों के लिए खतरा बन सकता है।
इन चुनौतियों से निपटने के लिए:
- हाथियों की मदद: सरगुजा से 4 कुमकी हाथियों को लाकर बाघ की निगरानी की जाएगी।
- कॉलर आईडी: 24 घंटे निगरानी के लिए गले में कॉलर आईडी पहनाया जाएगा।
- सुरक्षा उपाय: ग्रामीणों और पर्यटकों को सतर्क रहने की हिदायत दी जाएगी।