इंदौर। आज के डिजिटल युग में यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कंटेंट क्रिएटर्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इन क्रिएटर्स द्वारा बनाए गए कंटेट और उनसे होने वाली आय सरकार के लिए भी महत्वपूर्ण हो गई है। हाल ही में सरकार ने यूट्यूब और अन्य डिजिटल कंटेंट क्रिएटर्स पर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) लगाने का निर्णय लिया है। आइए समझते हैं कि यह कर कैसे लागू होगा और इसका प्रभाव क्या होगा।
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) एक इनडायरेक्ट टैक्स है, जो भारत में वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया जाता है। इसका उद्देश्य विभिन्न प्रकार के करों को एक ही छतरी के नीचे लाना है, ताकि टैक्स प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाया जा सके। यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर क्रिएटर्स को विज्ञापन, ब्रांड प्रमोशन, स्पांसरशिप, सुपर चैट, मर्चेंडाइज आदि से आय होती है। इस आय पर जीएसटी लागू किया जाएगा।
जीएसटी रजिस्ट्रेशन
जिन क्रिएटर्स की वार्षिक आय 20 लाख रुपये (विशेष श्रेणी के राज्यों में 10 लाख रुपये) से अधिक है, उन्हें जीएसटी पंजीकरण करवाना अनिवार्य है।
टैक्स की दर
सामान्यत: डिजिटल कंटेंट और विज्ञापन सेवाओं पर 18 प्रतिशत जीएसटी लागू होता है। यह दर समय-समय पर सरकार द्वारा संशोधित की जा सकती है।