नई दिल्ली । संसद के दोनों सदनों में सोमवार को भी विपक्ष का हंगामा जारी रहा। विपक्ष की मांग थी कि नीट परीक्षा मुद्दे पर पूरे एक दिन चर्चा की जाए। स्पीकर ने बात नहीं मानी, तो विपक्ष ने सदन का बहिष्कार कर दिया।
- विपक्ष ने पिछले दिनों आरोप लगाया था कि लोकसभा में बोलते समय राहुल गांधी का माइक बंद किया गया। यह मुद्दा सोमवार को भी दोनों सदनों में उठा। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने माइक बंद किए जाने का आरोप लगाया। इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने आपत्ति ली और कहा कि खरगे जैसे सीनियर नेता को ऐसी बात करना शोभा नहीं देता है।
- संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्ष के नेताओं ने संसद परिसर के बाहर प्रदर्शन किया। इनका आरोप है कि सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही हैं।
- वहीं, सदन की कार्यवाही शुरू होते ही टी20 विश्व कप जीतने वाली भारतीय क्रिकेट टीम को बधाई दी गई। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बधाई संदेश पढ़कर सुनाया।
- लोकसभा में आज राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा होगी। आज विपक्ष चर्चा में हिस्सा लेगा। इस दौरान तीन नए कानूनों के साथ ही परीक्षाओं में कथित धांधली का मुद्दा भी उठ सकता है।
वीडियो: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सदन में नीट परीक्षा में अनियमितताओं का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, संसद से देश को एक संदेश जाता है। हम छात्रों को ये संदेश देना चाहते हैं कि NEET का मुद्दा संसद के लिए अहम है, इसलिए संसद इस पर चर्चा करे।
तीन नए कानूनों का कांग्रेस ने किया विरोध
इस बीच, कांग्रेस ने 1 जुलाई से लागू हुए तीन नए कानूनों का विरोध करना शुरू कर दिया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इसे ‘बुलडोजर न्याय’ करार दिया है। कांग्रेस ने इस मुद्दे को संसद में उठाने का फैसला किया है। सदन की कार्यवाही रोककर इस पर चर्चा की मांग की गई है।
चुनाव में राजनीतिक व नैतिक झटके के बाद मोदी जी और भाजपा वाले संविधान का आदर करने का खूब दिखावा कर रहें हैं, पर सच तो ये है कि आज से जो आपराधिक न्याय प्रणाली के तीन कानून लागू हो रहे हैं, वो 146 सांसदों को सस्पेंड कर जबरन पारित किए गए। INDIA अब ये ‘बुलडोजर न्याय’ संसदीय प्रणाली पर नहीं चलने देगा। – मल्लिकार्जुन खरगे (एक्स पोस्ट पर)
नए आपराधिक कानूनों पर आम आदमी पार्टी की प्रतिक्रिया
दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, कानूनों में कोई खामी नहीं थी। खामियां उनके कार्यान्वयन में हैं, जांच एजेंसियों में हैं, पुलिस उन कानूनों पर कार्रवाई नहीं करती है। मुझे लगता है कि नए कानूनों से आने वाले कई वर्षों तक बहुत बड़ी उलझन रहेगी। एक सामान्य नागरिक ने कुछ कानूनों को बड़ी मुश्किल से समझा था, अब नई धाराओं के तहत उसे अपना केस दायर करने में कठिनाई का सामना करना पड़ेगा। मुझे लगता है कि इससे पुलिस की मनमानी को बढ़ावा मिलेगा।